विदर्भ को रणजी ट्रॉफी फाइनल में पहुंचाने के बाद हुआ ऐसा कि रोने लगा मैच के हीरो
कोलकाता, 22 दिसम्बर (CRICKETNMORE)| विदर्भ को पहली बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचाने वाले तेज गेंदबाज रजनीश गुरबानी ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने जब अपने कोच चंद्रकांत पंडित को खुश देखा तो वह खुद भावुक हो गए थे।
गुरबानी ने सीविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। उन्होंने अपना पहला लिस्ट-ए मैच बीई के आखिरी सेमेस्टर को 80 प्रतिशत के साथ पास करने के बाद खेला था।
उन्होंने कहा, "जब मैं मैदान पर गया तो कोच ने मुझे प्रोत्साहन दिया और किसी तरह मुझे शांत किया। मैदान के अंदर जब विकेट नहीं मिल रहे थे तो मुझे काफी परेशानी हो रही थी। इसके बाद मेरे सीनियर खिलाड़ियों, कप्तान और चंदू सर ने मुझे शांत रहने को कहा।"क्रुणाल पांड्या की होने वाली वाइफ है बला की खूबसूरत, शादी से पहले इन फोटो में ढ़ा रही हैं कहर PHOTOS
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इस युवा गेंदबाज ने कहा कि भारतीय टीम के लिए खेलने वाले उमेश यादव के टीम में रहने से उन्हें काफी मदद मिली।
उन्होंने कहा, "उमेश यादव के रहने से मुझे काफी मदद मिली। उमेश भईया के साथ गेंदबाजी की शुरुआत करना मेरे लिए सपने के सच होने जैसा है। वह एक छोर से गेंदबाजी कर रहे थे और मैं उन्हें देख रहा था। वह मेरे प्ररेणास्त्रोत हैं और पसंदीदा गेंदबाज भी।"