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गौतम गंभीर ने बताया,ऐसा करने से हो सकता है टी-20 वर्ल्ड कप 2020 का आयोजन

नई दिल्ली, 19 मई| भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज गौतम गंभीर को लगता है कि खिलाड़ी जब कोविड-19 के बाद मैदान पर लौटेंगे तो उनके दिल में डर होगा।कोविड-19 के कारण सभी तरह की क्रिकेट गतिविधियां मार्च के मध्य से

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Gautam Gambhir
Gautam Gambhir (IANS)
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
May 19, 2020 • 04:14 PM

नई दिल्ली, 19 मई| भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज गौतम गंभीर को लगता है कि खिलाड़ी जब कोविड-19 के बाद मैदान पर लौटेंगे तो उनके दिल में डर होगा।कोविड-19 के कारण सभी तरह की क्रिकेट गतिविधियां मार्च के मध्य से बंद हैं।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
May 19, 2020 • 04:14 PM

गंभीर ने आईएएनएस से कहा, "यह वैसे हर इंसान पर निर्भर करता है, लेकिन हां जब वो लोग खेलने जाएंगे तो थोड़ा बहुत डर तो होगा ही। हो सकता है कि कुछ समय बाद खिलाड़ी मैदान पर जाने के बाद मैच के माहौल में इस भूल जाएं और मैच में रम जाएं।"

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कोरोनावायरस ने पूरे खेल जगत को रोक दिया है। वर्ल्ड के कुछ हिस्सों में फुटबाल ने जरूर वापसी की है। भारत के सबसे बड़े घरेलू टूर्नामेंट आईपीएल को बीसीसीआई ने अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया है। इसी महामारी के कारण इसी साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाला टी-20 वर्ल्ड कप भी अधर में लटका है।

गंभीर को हालांकि लगता है कि अगर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड (आईसीसी) हिस्सा लेने वाले सभी बोर्ड को एक मंच पर ला सकता है तो यह टूर्नामेंट संभव हो सकता है।

उन्होंने कहा, "यह बीसीसीआई और आईसीसी और बाकी के बोर्ड पर निर्भर है कि वो क्या सोचते हैं। उन्हें सभी हितधारकों को एक साथ लाना होगा, जिसमें सभी देशों के बोर्ड शामिल हैं और उन्हें एक साथ आकर फैसला लेना होगा।"

बाएं हाथ के पूर्व बल्लेबाज ने कहा, "अगर क्रिकेट खेलने वाले सभी देश एक साथ आ सके तो टी-20 वर्ल्ड कप संभव हो सकता है, अन्यथा मैं इसे होते हुए नहीं देखता।"

कोविड-19 के बाद क्रिकेट की वापसी के बाद गेंद को चमकाने के लिए सलाइवा और पसीने के इस्तेमाल पर रोक लगाने की बातें चल रही हैं। आईसीसी की क्रिकेट समिति ने भी सलाइवा का उपयोग न करने की सिफारिश की है जिस पर फैसला अगले महीने होगा।

गंभीर को लगता है कि सलाइवा का उपयोग प्रतिबंधित करना खेल के संतुलन को और बिगाड़ देगा जो पहले से ही बल्लेबाजी की तरफ झुका हुआ है।

गंभीर ने कहा, "यह गेंदबाजों के लिए सबसे मुश्किल चीज होगी। आईसीसी को इसके विकल्प के साथ आना होगा। गेंद को चमकाए बिना मुझे नहीं लगता कि बल्ले और गेंद में बराबरी की प्रतिस्पर्धा हो पाएगी।"

उन्होंने कहा, "अगर वह सलाइवा का उपयोग प्रतिबंधित करते हैं तो उन्हें फिर इसके किसी विकल्प के साथ आना होगा जिससे गेंद को चमकाने में मदद मिले। यह काफी जरूरी है, नहीं तो क्रिकेट देखने में मजा नहीं आएगा।"

लॉकडाउन के कारण इस समय क्रिकेटर अपने घरों में कैद हैं। वे हालांकि बीसीसीआई द्वारा दिए गए वर्कआउट पर काम कर रहे हैं।

गंभीर को लगता है कि खिलाड़ियों को वापसी करने में फिटनेस और मानसिक स्तर पर परेशानी नहीं होगी लेकिन स्किल के साथ तालमेल बैठाने में थोड़ा समय लगेगा।

उन्होंने कहा, "फिटनेस के नजरिए से यह मुश्किल नहीं होगा क्योंकि खिलाड़ी पेशेवर हैं। उनका अपना एक कार्यक्रम है जिसे वो फॉलो करते हैं। कई लोगों के पास अपनी जगह और जिम है। लेकिन स्किल के नजरिए से, यह मुश्किल होगा क्योंकि अभी तक आपने अभ्यास नहीं किया है, और ऐसे में स्किल में सुधार करना मुश्किल होगा।"

टी-20 वर्ल्ड कप-2007 और वनडे वर्ल्ड कप-2011 जीत का हिस्सा रहे गंभीर ने कहा, "मानसिक स्तर पर यह ज्यादा तोरताजा होकर लौटने वाली चीज होगी। आप अपना खेल इस बात से शुरू कर सकते हैं कि कहां आपको सुधार करने की जरूरत है और किस चीज पर काम करना है। फिटनेस और मानसिकता मुद्दा नहीं होंगे लेकिन स्किल तब तक चिंता का विषय रहेगी जब तक वे लोग जाकर खेलते नहीं हैं।"
 

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