जब भारत-इंग्लैंड महामुकाबला रोमांचकारी टाई पर हुआ समाप्त
27 फरवरी 2011 को बेंगलूरू के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में इंग्लैंड की टीम ने एक बेहद ही रोमांचकारी मुकाबले में मेजबान भारत को जीत के दरवाजे पर दस्तक देने से पहले ही रोक दिया।
27 फरवरी 2011 को बेंगलूरू के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में इंग्लैंड की टीम ने एक बेहद ही रोमांचकारी मुकाबले में मेजबान भारत को जीत के दरवाजे पर दस्तक देने से पहले ही रोक दिया। स्ट्रॉस ने जबरदस्त पारी खेलकर मैच को बिना किसी नतीजे के टाई पर खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी और भारत को जीत से मिलने वाले अंकों का आपस में बटवारा करना पड़ा था। वर्ल्ड कप के इतिहास में चौथी बार कोई मैच टाई समाप्त हुआ। इस मैच के कारण ही भारत को पॉइंट टेबल में दूसरे पायदान से ही संतुष्ट करना पड़ा था।
कप्तान धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय किया। हमेशा की तरह सहवाग ने अपने ही अंदाज में भारतीय पारी की शुरूआत करी और तेंदुलकर के साथ 8 ओवरों में 48 रन जोड़ दिए। ब्रेसनन ने वीरेंद्र सहवाग (35) को आउट कर इंग्लैंड को राहत जरूर दी पर एक ओर से तेंदुलकर अपने बेहतरीन स्टाइल में बल्लेबाजी करते ही जा रहे थे। बल्लेबाजों के लिए मददगार चिन्नास्वामी की पिच का भारतीय बल्लेबाजों ने खुब फायदा उठाया औऱ गंभीर (51),युवराज (58) और धोनी (31) ने छोटी मगर शानदार पारी खेलकर तेंदुलकर के साथ टीम का स्कोर 300 के पार पहुंचाने में खासा योगदान दिया।
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103 गेंद पर सचिन तेंदुलकर ने अपना 47वां वनडे शतक लगाकर इंग्लैंड के गेंदबाजों की खूब धुलाई करी। सचिन तेंदुलकर 115 गेंद पर 120 रन बनाकर जेम्स एंडरसन का शिकार बने। ब्रेसनन ने अंतिम क्षणों में भारत के पुछल्लें बल्लेबाजों को सस्ते में निपटा कर भारत के स्कोर को 350 से पहले ही रोक दिया। ब्रेसनन ने भारत के 5 खिलाड़ियों को आउट किया था।
भारत के 339 रन के लक्ष्य को हासिल करने उतरी कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस और पीटरसन की जोड़ी ने इंग्लैंड को संभली हुई शुरूआत दी और पहले विकेट के लिए 10 ओवर के अंदर 69 रन की पार्नरशिप कर डाली । बल्लेबाजी पिच पर भारत के गेंदबाज भी उतने ही बेअसर हो रहे थे जितने इंग्लैंड के गेंदबाज हुए थे।
एंड्रयू स्ट्रॉस ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपना शतक पूरा कर लिया। इंग्लैंड की टीम 42 ओवर में ही 280 रन के स्कोर पर पहुंच गई। इयन बेल और कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस ने इंग्लैंड पारी को भारत के लक्ष्य के बिल्कुल समीप लाकर धोनी एंड कम्पनी को मुश्किल में डाल दिया था। भारत के कप्तान धोनी ने 43वें ओवर में गेंदबाजी अटैक पर जहीर खान को बुलाया। जहीर खान ने अपने बेहतरीन रिवर्स स्विंग के जरिए पहले तो इयन बेल को आउट किया फिर अगले ही गेंद पर बेहतरीन औऱ शानदार बल्लेबाजी कर रहे एंड्रयू स्ट्रॉस और साथ ही अगले बल्लेबाज पॉल कॉलिंगवुड को क्लीन बोल्ड कर जहीर खान ने वहां मौजूद शांत दर्शकों में रोमांच भर दिया । एक तरफ जहां इंग्लैंड की टीम मैच को जितने के मुहाने पर खड़ी थी तो वहीं जहीर खान ने 4 रन के अंदर 3 विकेट निकालकर मैंच भारत के पाले में डाल दिया था।
42 से 45 ओवर के बीच इंग्लैंड के बल्लेबाज केवल 9 रन ही बना पाए । लेकिन इंग्लैंड के पुछल्ले बल्लेबाजों ने शानदार खेल दिखाया और टिम ब्रेसनन , अजमल शहजाद और ग्रीम स्वान ने अंतिम के बचे 20 गेंद पर 35 रन जोड़कर इंग्लैंड को हार से बचाकर मैच टाई करवा दिया। 50 ओवर में इंग्लैंड की टीम 8 विकेट पर 338 रन ही बना पाई औऱ मैच बिना किसी नतीजे के समाप्त हुआ।
इंग्लैंड के कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस ने 145 गेंद पर 158 रन जड़कर सचिन तेंदुलकर के शतक रंग फीका पर दिया था। वर्ल्ड कप के इतिहास में यह किसी इंग्लिश बल्लेबाज द्वारा बनाया गया सर्वाधिक स्कोर था।
विशाल भगत/CRICKETNMORE