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कुंबले के साथ लौट रही है भारतीय क्रिकेट की स्वर्णिम पीढ़ी

कोलकाता, 30 जून (CRICKETNMORE): भारतीय क्रिकेट टीम के नए मुख्य कोच नियुक्त किए गए अनिल कुंबले और उन्हें इस पद के लिए चुनने वाले उनके तीन पूर्व साथी खिलाड़ी तथा क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वी.वी.एस.

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अनिल कुंबले
अनिल कुंबले ()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Jun 30, 2016 • 07:02 PM

कोलकाता, 30 जून (CRICKETNMORE): भारतीय क्रिकेट टीम के नए मुख्य कोच नियुक्त किए गए अनिल कुंबले और उन्हें इस पद के लिए चुनने वाले उनके तीन पूर्व साथी खिलाड़ी तथा क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वी.वी.एस. लक्ष्मण की स्वर्णिम पीढ़ी भारतीय क्रिकेट में एक बार फिर सक्रिय हो गई है। 

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
June 30, 2016 • 07:02 PM

सक्रिय क्रिकेट से संन्यास ले चुके ये दिग्गज खिलाड़ी एक बार फिर खेल की नई इबारत लिखने के लिए तैयार हैं। 

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भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी राहुल द्रविड़ देश की 'ए' टीम और अंडर-19 टीम के कोच हैं। सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वी. वी. एस. लक्ष्मण उस क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) में शामिल थे जिसने कुंबले के नाम की सिफारिश राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के लिए की।

करीब एक दशक तक (1990 से 2000 तक) भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रही यह स्वर्णिम पीढ़ी न केवल मैदान पर अपने प्रदर्शन और साफ-सुथरी छवि के लिए लोकप्रिय थी, बल्कि इसने वर्षो तक घरेलू और विदेशी जमीन पर देश को गौरवांन्वित किया था। 

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले तेंदुलकर ने करीब 24 साल तक विश्व क्रिकेट जगत पर राज किया था और कई रिकॉर्ड भी अपने नाम किए। 

देश के लिए 17 साल (1990 से 2007) तक खेलने वाले कुंबले ने 956 अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले खेले और वह अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय तथा टेस्ट मैचों में भारत के सबसे अधिक विकेट लेने वाले खिलाड़ी बने। 

भारतीय बल्लेबाजी में 'मिस्टर डिपेंडेबल' के नाम से लोकप्रिय रहे द्रविड़ को उनकी मजबूत तकनीक के लिए जाना जाता था। 

बाएं हाथ के करिश्माई बल्लेबाज और भारत के सबसे सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक गांगुली अपने जुझारू रवैये के लिए लोकप्रिय थे।

गांगुली एक ऐसे कप्तान के रूप में जाने जाते हैं, जिन्होंने टीम को एक आक्रामक टीम में बदला और लगातार विदेशों में भी सफलता दिलाई।

अनुभवी और शानदार बल्लेबाज लक्ष्मण को सही समय पर सही खेल खेलने वाले खिलाड़ी के रूप में जाना जाता था। हालांकि, उन्हें कभी विश्व कप में खेलने का अवसर नहीं मिला।

भारत ने जब 2011 में विश्व कप का खिताब जीता था, उस वक्त टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने टीम के विकास में तेंदुलकर, कुंबले, गांगुली और द्रविड़ के योगदान की काफी तारीफ की थी। 

मुख्य कोच के रूप में चुने जाने के बाद कुंबले ने एक साक्षात्कार में कहा, "सबसे बेहतरीन समय था, जब मैंने उन तीनों (लक्ष्मण, गांगुली और सचिन) और राहुल के साथ खेला था। अब हम पांचों का साथ आना एक अच्छी बात है और हम भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने का इंतजार कर रहे हैं।"

गांगुली वर्तमान में बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के अध्यक्ष भी हैं, जबकि लक्ष्मण बल्लेबाजी सलाहकार हैं। 

भारत के पूर्व कप्तान श्रीकांत का मानना है कि दिग्गज स्पिन गेंदबाज कुंबले मुख्य कोच पद के लिए सर्वाधिक उपयुक्त हैं।

श्रीकांत ने आईएएनएस से कहा, "यह काफी अच्छा फैसला है। उनके पास अनुभव है और वह पूर्व कप्तान भी हैं। वह सारी रणनीतियां जानते हैं। कुंबले यह भी जानते हैं कि खिलाड़ियों के साथ संपर्क कैसे करना है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह वर्तमान में खेल रहे कुछ खिलाड़ियों के साथ पहले खेल चुके हैं।"

बंगाल के रणजी ट्रॉफी विजेता टीम के कप्तान सम्बरन बनर्जी ने कहा कि कुबंले चयन समिति के लिए सबसे बेहतरीन विकल्प थे। 

उन्होंने कहा कि कुंबले सबसे बेहतरीन उम्मीदवार थे। वह मेहनती हैं और उनकी क्षमताओं पर कोई शक नहीं है। इस पद के लिए वह सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं। 

पूर्व भारतीय खिलाड़ी अशोक मल्होत्रा ने भी बनर्जी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि वह आश्वस्त हैं कि कुंबले जिस प्रकार खेलते आए थे, उसी प्रकार वह टीम के कोच पद को भी संभालेंगे।

एजेंसी

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