वो गेंदबाज जिसे रिटायरमेंट के बाद वर्ल्ड कप खेलने के लिए बुलाया गया था
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने की कोशिश करेंगे जवागल श्रीनाथ से जुड़ी एक दिलचस्प बात जिसे बेहद कम लोग जानते हैं।
31 अगस्त 1969 में मैसूर, कर्नाटक में जन्में जवागल श्रीनाथ (Javagal Srinath) ने अपने प्रदर्शन से टीम इंडिया को तमाम मैच जितवाए। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने की कोशिश करेंगे जवागल श्रीनाथ से जुड़ी एक दिलचस्प बात जिसे बेहद कम लोग जानते हैं। शायद ही आपने कभी सुना हो या विश्वास किया हो कि किसी खिलाड़ी को रिटायर होने के बाद वर्ल्ड कप के लिए बुलाया जा सकता है।
बात पुरानी है श्रीनाथ टीम के लिए कितने उपयोगी थी ये बात सौरव गांगुली से ज्यादा बेहतर कोई नहीं जानता था। यही वजह है कि 2002 में श्रीनाथ के क्रिकेट से रिटायरमेंट अनाउंस कर देने के बावजूद गांगुली ने उन्हें 2003 वर्ल्ड कप टीम के लिए टीम इंडिया में बुलाया था। श्रीनाथ ने अपने करियर के आखिरी दिनों में वन डे मैचों में लेग कटर और स्लोवर गेंदें फेंकना शुरू कर दी थी।
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श्रीनाथ ने 2003 वर्ल्ड कप खेला और अपनी गेंदबाजी से सभी का दिल जीत लिया और भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लिए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड कप 2003 का फाइनल श्रीनाथ का फेयरवेल मैच था। जवागल श्रीनाथ ने अपने वनडे करियर में कुल 229 मैच खेले जिसमें उनके नाम 315 विकेट दर्ज हैं। इसके अलावा 67 टेस्ट मैचों में उन्होंने 236 विकेट लिए हैं।
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मालूम हो कि जवागल श्रीनाथ के नाम बतौर भारतीय गेंदबाज सबसे ज्यादा वर्ल्ड कप खेलने का रिकॉर्ड दर्ज है। जवागल श्रीनाथ साल 1992, 1996,1999 और साल 2003 में हुए 50-50 वर्ल्ड कप में टीम का हिस्सा रह चुके हैं। इसके अलावा जवागल श्रीनाथ भारत के लिए वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा 44 विकेट लेने वाले गेंदबाज भी हैं।