केन्या के क्रिकेट इतिहास का एक स्वर्णिम दिन
क्रिकेट हमेशा अनिश्चितताओं का खेल रहा है औऱ कभी कभी ऐसे आश्चर्यजनक मैचों के नतीजे सामनें आएं है जिन पर यकीन करना बहुत मुश्किल होता है।
क्रिकेट हमेशा अनिश्चितताओं का खेल रहा है औऱ कभी कभी ऐसे आश्चर्यजनक मैचों के नतीजे सामनें आएं है जिन पर यकीन करना बहुत मुश्किल होता है। ऐसा ही एक मैच 1996 वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज और केन्या के बीच खेला गया था। मैच से पहले ये किसी ने नहीं सोचा था कि ये मैच इतिहास में अपने लिए एक अलग जगह बना लेगा। केन्या ने अपने से कई ज्यादा मजबूत वेस्टइंडीज टीम को 73 रन से हरा दिया था। दो बार वर्ल्ड कप चैंपियन रही वेस्टइंडीज की टीम ने अपने वर्ल्ड इतिहास की सबसे शर्मानक हार का मुंह देखना पड़ा वह भी एक नॉन टेस्ट टीम से जो पहली बार वर्ल्ड कप में शामिल हुई थी।
वैसे अगर यह हार किसी टेस्ट खेलने वाले देश के हाथों होती तो शायद इस हार को इतना तवज्जो न मिलता लेकिन जिस टीम में ब्रायन लारा,रिची रिचर्ड्सन,कर्टनी वॉल्श, कर्टली एम्ब्रोस, जैसे वर्ल्ड क्लास खिलाड़ी थे उस टीम के लिए यह हार काफी दुखदायी थी। जहां एक तरफ केन्या के लिए जश्न का माहौल था वहीं इस हार ने वेस्टइंडीज की टीम को झंझोर के रख दिया था। वेस्टइंडीज के कप्तान इस हार से इतना दुखी थे कि मैच के बाद उन्होंने कहा कि “मेरे पास इस वक्त कोई शब्द नहीं है (I have no words right now) ।
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इस मैच में वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले फिल्डिंग करने का फैसला किया,यह फैसला उस वक्त सही माना जा रहा था जब वेस्टइंडीज की धारदार गेंदबाजी के सामनें केन्या की टीम केवल 166 रन पर ही सिमट गई थी। वर्ल्ड क्लास बल्लेबाजी क्रम,केन्या का कमजोर गेंजबाजी अटैक औऱ 167 रन के मामूली के लक्ष्य को देख कर लग रहा था कि वेस्टइंडीज इस मैच को आसानी से जीत जाएगा।
लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था इसलिए 167 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी वेस्टइंडीज की टीम ने अपना पहला विकेट केवल 18 रन के स्कोर पर गंवा दिया था। सबसे पहले आउट होने वाले बल्लेबाज थे कप्तान रिचर्ड्सन। रिसचर्डसन के आउट होने के बाद विकेटों की झड़ी लग गई और देखते ही देखते शेरविन कैंपबेल, ब्रायन लारा, कर्थटन, वापस पवेलियन लौट चुके थे। वेस्टइंडीज 35 रन पर चार विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही थी लेकिन उम्मीद अभी भी बाकी थी क्योंकि भरोसेमंद शिवनारायण चंद्रपॉल औऱ जिमी एडम अभी क्रीज पर मौजूद थे। लेकिन भाग्य शायद केन्या के गेंदबाजों के साथ था औऱ वेस्टइंडीज की पूरी टीम 93 रन ही सिमट गई। मामूली सा दिखने वाला 166 रन का लक्ष्य अंत में वेस्टइंडीज के लिए एक पहाड़ जैसा साबित हुआ था। केन्या के लिए राजब अली (3/17) और मॉरिस ऑडंबे (3/15) ने शानदार गेंदबाजी कर जीत में अहम भूमिका निभाई। वह केन्या के क्रिकेट इतिहास में एक स्वर्णिम दिन था।
जीत के बाद मैन ऑफ द मैच रहे कप्तान मॉरिस ऑडंबे ने कहा था यह वर्ल्ड कप जीतने की तरह है,यह सपने के सच होने जैसा है। वेस्टइंडीज की टीम हमारी आदर्श थी और उसे हराना बड़ी बात है
“इस मैच के बारे में बात करते हुए मॉरिस ऑडंबे ने कहा था कि मैं कई साल पहले मैं इंग्लैंड में एक मैच के दौरान ब्रायन लारा से मिला था और मैंने उनसे ऑटोग्राफ के लिए पूछा था और लारा ने कहा था कि उनके पास समय नहीं है। जब हमनें उन्हें वर्ल्ड कप में हराया तो मैं उनके पास गया था और उनसे कहा था कि कुछ साल मैंने आपका ऑटोग्राफ मांगा था लेकिन आपने नहीं दिया था। लेकिन अब मैं कह रहा हूं कि आप मेरा ऑटोग्राफ ले सकते हैं।“
विशाल भगत/CRICKETNMORE