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34 साल पहले आज ही वेस्टइंडीज को धूल चटाकर भारत बना था वर्ल्ड चैंपियन

क्रिकेट को अनिश्चितताओं का खेल कहा जाता है और 25 जून 1983 का दिन इस बात को पुख्ता भी करता है। ये वो दिन था जब क्रिकेट की एक नई शक्ति का उदय हुआ था। इस दिन से पहले बिग

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma June 25, 2017 • 15:03 PM
On This Day in 1983, India won their first cricket world cup title
On This Day in 1983, India won their first cricket world cup title ()
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क्रिकेट को अनिश्चितताओं का खेल कहा जाता है और 25 जून 1983 का दिन इस बात को पुख्ता भी करता है। ये वो दिन था जब क्रिकेट की एक नई शक्ति का उदय हुआ था। इस दिन से पहले बिग थ्री ऑस्ट्रेलिया , इंग्लैंड और वेस्टइंडीज ही क्रिकेट पर राज किया करते थे। लेकिन इंडिया ने 25 जून 1983 को क्रिकेट के मक्का कहे जाने लॉर्ड्स के मैदान पर वो कर दिखाया था जिसके बारे में शायद ही किसी ने सोचा था। इंडिया फाइनल में दो बार की विजेता वेस्टइंडीज को हराकर वर्ल्ड चैंपियन बनी थी। 

वर्ल्ड कप में जाने से पहले तक तो खुद इंडियन टीम को इसकी उम्मीद नहीं थी कि वह वर्ल्ड कप जीत सकती है। इंडियन टीम वर्ल्ड कप के दावेदारों की लिस्ट में कहीं शामिल नहीं थी और इंडियन फैंस को भी लगता था कि उनकी टीम नहीं जीत पाएगी।

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वर्ल्ड कप में जाने से पहले इंडियन टीम ने किसी भी मैच के लिए कुछ खास प्लानिंग नहीं करी थी। बल्कि वो ये बातें किया करते थे कि वह वहां जाकर क्या करेंगे और मैदान पर कैसे मजे करेंगे। बस कपिल देव हर मैच से पहले अपने खिलाड़ियों को टीम मीटिंग में एक ही बात कहा करते थे, जवानों चलो शेरों लड़ो, हम खेलेंगे और मजा करेंगे। कपिल के इन्हीं शब्दों ने इंडियन टीम को अंत तक एक टीम की तरह खेलने का जोश दिया और 25 जून 1983 को कपिल देव की कप्तानी वाली टीम ने वर्ल्ड कप जीतकर इंडियन फैंस को वो खुशी दी जो शायद जब तक हर इंडियन क्रिकेट फैन गर्व से सर ऊंचा करने का मौका देगी जब तक यह खेल रहेगा। इंडियन क्रिकेट के इतिहास का ये सबसे सुनहरा क्षण था,उस समय लॉर्ड्स के मैदान पर तिरंगे ही तिरंगे थे। IN PICS:क्रिकेटर मनोज तिवारी की वाइफ है बला की खूबसूरत देखकर दिल धड़क जाएगा आपका  

इंडिया की इस जीत के बाद क्रिकेट खेलने वाले बड़े देशों ने इस बात को माना इंडिया भी बड़ी टीमों को हराने के मादा रखती है। ये इंडियन क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट था , इस जीत ने इडियन टीम और फैंस में ये विश्वास जगाया की वह भी बड़े टूर्नामेंट जीत सकते हैं। इस जीत के बाद से क्रिकेट के खेल को इंडिया में एक नया आयाम मिला और इंडियन क्रिकेट एक नए रूप में उभरा। इस जीत के बाद पाकिस्तान , श्रीलंका और जैसी भारतीय उपमहाद्वीप की अन्य टीमों में भी यह यकीन जागा की वह भी वर्ल्ड कप जीत सकते हैं। जागता भी क्यों ना लगातार दो बार कैरिबियन टीम के वर्ल्ड कप जीतने के बाद इंडिया वर्ल्ड चैंपियन जो बनी थी। इस जीत से ऐसा जोश मिला इंडिया बस आगे ही बढ़ता ही चला गया और क्रिकेट की खेल की सबसे बड़ा पावरबैंक भी बन गया। 

आइए एक नजर डालते हैं कि आखिर क्या हुआ था उस मैच में औऱ कैसे भारत वर्ल्ड चैंपियन बना । 

उस दिन शनिवार का दिन था। लॉर्ड्स के मैदान में इंडिया के कप्तान कपिल देव और क्लाइव लॉयड टॉस के लिए उतरे। क्लाइव लॉयड ने टॉस जीतने के बाद इंडिया को पहले बैटिंग के लिए बुलाया था।
 
उन दिनों वेस्डइंडीज के गेंदबाजों का खौफ जगजाहिर था। वेस्टइंडीज की टीम में एंडी रॉबर्ट्स, मैलकम मार्शल, माइकल होल्डिंग और जॉएल गार्नर जैस क्रिकेट इतिहास के सबसे खतरनाक गेंदबाज थे। 

1983 की वर्ल्ड चैंपियन टीम में शामिल संदीप पाटिल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वेस्टइंडीज के इस वर्ल्ड कप में ओल्ड ट्रैफोर्ट में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए दूसरे मैच में जह वह बल्लेबाजी करने उतरे थे तो मैलकम मार्शल के बॉलिंग खेलते हुए उन्हें ऐसा लगा था कि वह डैथ यानी मौत का सामना कर रहे हैं।  PICS:क्रिकेटर मनोज तिवारी की वाइफ है बला की खूबसूरत देखकर दिल धड़क जाएगा आपका  

आगे पढ़ें भारत के वर्ल्ड कप जीत की पूरी कहानी

 

 

इस मैच में वेस्टइंडीज की तरफ से बॉलिंग की शुरूआत एंडी रॉबर्ट्स और बिग बर्ड के नाम से मशहूर जॉएल गार्नर ने की थी। वेस्टइंडीज की खतरनाक बल्लेबाजी के सामनें जिस चीज का डर था वही हुआ। एंडी रॉबर्ट्स ने सुनील गावसकर को महज 2 रन के स्कोर पर जैफ दूजों के हाथों कैच आउट करा के वापस पवेलियन भेज दिया था।  सुनील गावसकर के आउट होने के बाद क्रीज पर आए मोहिंदर अमरनाथ ने श्रीकांत का साथ निभाया। दोनों ने मिलकर दूसरी विकेट के लिए 57 रन जोड़े। श्रीकांत इस मैच में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे उन्होंने 57 गेंदों का सामना कर 38 रन की पारी खेली थी। मैकलम मार्शल ने एलबीडब्लयू आउट कर वापस पवेलियन भेज दिया था। 

इस मैच के बाद श्रीकांत ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मैं यह सोचकर गया था कि मैं अपना स्वाभाविक खेल खेलूंगा। मैनें सोचा था कि अगर मार सकते हो तो मारो वरना वापस अंदर आओ। 

श्रीकांत के आउट होने के बाद क्रीज पर यशपाल शर्मा आए। इंडियन फैंस को उम्मीद थी की सेमीफाइनल में बेहतरीन पारी खेलने के बाद वह उस मैच में भी कोई कमाल कर के दिखाएंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। यशपाल शर्मा ने इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में 61 रन की पारी खेली थी और टीम को फाइनल मैच में पहुंचाने में अहम रोल निभाया था। 90 रन के स्कोर मोहिंदर अमरनाथ (26)  का विकेट गिरा और उसके थोड़ी देरी में 92 रन के स्कोर पर यशपाल शर्मा (11) भी चलते बने थे।  PICS:क्रिकेटर मनोज तिवारी की वाइफ है बला की खूबसूरत देखकर दिल धड़क जाएगा आपका  

दूसरे तरफ वेस्टइंडीज के गेंदबाज थमनें का नाम नहीं ले रहे थे। 110 रन के स्कोर पर इंडिया का पांचवां झटका लगा। माइकल होल्डिंग ने कपिल देव को गोम्स के हाथों कैच करवाया। कपिल ने 8 गेंदों में 3 चौकों की मदद से 15 रन बनाए थे।   

इसके तुरंत बाद ही 111 रन के स्कोर पर एंडी रॉबर्ट्स ने कीर्ति आजाद को भी चलता किया वह इस मैच में 0 पर आउट होने वाले अकेले खिलाड़ी थे।  

 

इसके बाद लगने लगा था कि इंडिया की पारी अब सिमटना शुरू गई है। लेकिन इंडिया के पुछल्ले बल्लेबाजों ने कमाल कर के दिखाया और आखिरी के चार विकेटों में 72 रन जोड़ डाले । मदन लाल ने 17 रन, सैय्यद किरमानी ने 14, और बलविंदर संधू के 11 रनों की महत्वपूर्ण पारियों की बदौलत इंडिया का स्कोर 183 रन तक पहुंचा। इंडियन टीम को इस स्कोर पर आउट कर के वेस्टइंडीज की टीम बहुत खुश थी। 

इसके बाद जीत के लक्ष्य का पीछा करने के लिए वेस्टइंडीज की टीम मैदान पर उतरी तो गार्डन ग्रीनीज और डेसमंड हेन्स के चेहरे पर हंसी थी। कपिल देव ने बॉल वलविंदर संधू के हाथ में थमाई और वह कप्तान के भरोसे पर खरे उतरे। उन्होंने अपनी इन स्विंगर से गार्डन ग्रीनीज की ऑफ स्टंप उड़ा दी थी।  PICS:क्रिकेटर मनोज तिवारी की वाइफ है बला की खूबसूरत देखकर दिल धड़क जाएगा आपका  

संधू ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह जब वह बॉलिंग करने उतरे थे तो कपिल ने कहा था कि वह इंडिया को पहला कामयाबी दिला दें और उनका काम खत्म। संधू के अनुसार कपिल का मानना था कि ये विकेट मैच का टर्निंग पॉइंट था । 

ग्रीनीज के आउट होने के बाद विवियन रिचर्ड्स बल्लेबाजी करने के लिए क्रीज पर आए और आते ही उन्होंने वही किया जिसके लिए वह जाने जाते हैं। विवयन रिचर्ड्स ने ताबड़तोड़ पारी खेलते हुए 28 गेदों में 33 रन बना डाले थे । 

विव रिचर्ड्स की इस पारी के दौरान थर्ड मैन के पास संदीप पाटिल फील्डिंग कर रहे थे। उनके बिल्कुल पीछे पवेलियन का मेन स्टैंड था जिसमें क्रिकेटरों की पत्नियां बैठी हुई थी। संदीप ने एक मशहूर वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा था कि जब विवियन रिचर्ड्स खेल रहे थे जो ऐसा लग रहा था कि वह कुछ ही घंटों में मैच खत्म करना चाहते हैं और क्रिकेटरों की पत्नी भी शायद यही लग रहा था। संदीप ने इस इंटरव्यू में कहा था कि जहां वह फील्डिंग कर रहे थे उनके पीछे सुनील गावसकर की पत्नी मार्शनिल गावसकर बैठी थी। उन्होंने संदीप पाटिल को कहा था कि वह गावसकर से बोल दें की वह दो घंटे बाद उन्हें वुडग्रीन स्टेशन पर मिलेंगी। मतलब उनकी पत्नी का भी मानना था कि यह मैच अब ज्यादा लंबा नहीं चलेगा। PICS:क्रिकेटर मनोज तिवारी की वाइफ है बला की खूबसूरत देखकर दिल धड़क जाएगा आपका  

लेकिन इसके बाद जो हुआ उसने पूरे मैच का रूख ही पलट दिया। वह मदन लाल की गेंद को बाउंड्री पार पहुंचाने के चक्कर मे अपना विकेट गवां बैठे। उन्होंने मदन लाल की गेंद पर शॉट मारा और शॉट मिडविकेट पर खड़े कप्तान कपिल देव ने पीछे की तरफ भागते हुए यह एतेहासिक कैच पकड़ा जिसके बाद विवियन रिचर्ड्स को वापस लौटना पड़ा। यही इस मैच का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट था। 

 

इस मैच के बाद कपिल देव ने कहा था कि वह विवियन रिचर्ड्सन को इतना तेज खेलता देख काफी खुश थे क्योंकि हमारा मानना था कि अगर वह ऐसे खेलेंगे तो वह हमें कभी भी अपना विकेट दे सकते हैं। वह इस मैच में 60 ओवर नहीं 30 ओवर के मैच की तरह खेल रहे थे। 

विवियन रिचर्ड्स को आउट करने के बाद इंडियन खिलाड़ियों में गजब का जोश आ गया था। विव रिचर्ड्स के आउट होने के बाद एक के बाद एक विकेट गिरने लगे और 66 रन के स्कोर तक आते आते वेस्टइंडीज की आधी टीम वापस पवेलियन लौट गई थी।  PICS:क्रिकेटर मनोज तिवारी की वाइफ है बला की खूबसूरत देखकर दिल धड़क जाएगा आपका  

जैफ दूजों (25) और मैलकम मार्शल (18) ने सातवें विकेट के लिए 43 रनों की साझेदारी की थी। अमरनाथ ने एक के बाद एक इन दोनों खिलाड़ियों को आउट कर मैच को इंडिया पूरी तरह से इंडिया के पाले में ला दिया था। मैच का अपना सातवां ओवर कर रहे में अमरनाथ द्वारा माइकल होल्डिंग का विकेट लेते ही वेस्टइंडीज का लगातार तीसरी बार चैंपियन बनने का सपना टूट गया था। वेस्टइंडीज की पूरी टीम 140 रनों पर ऑल आउट हो गई थी और इंडिया 43 रनों से ये मैच जीतकर वर्ल्ड चैंपियन बन गई थी । 26 रन की पारी और 7 ओवर में 12 रन देकर 3 विकेट लेने वाले मोहिंदर अमरनाथ को मैन ऑफ द मैच चुना गया था ।


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