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राहुल द्रविड़ ने किया खुलासा, बताया टीम इंडिया का कोच रहते हुए कौन सा था सबसे मुश्किल समय

भारत के पूर्व हेड कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ मिली टेस्ट सीरीज हार को भारतीय क्रिकेट टीम की कोचिंग कार्यकाल का सबसे मुश्किल दौर करार दिया है। बता दें कि द्रविड़ नवंबर 2021 में टीम

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राहुल द्रविड़ ने किया खुलासा, बताया टीम इंडिया का कोच रहते हुए कौन सा था सबसे मुश्किल समय
राहुल द्रविड़ ने किया खुलासा, बताया टीम इंडिया का कोच रहते हुए कौन सा था सबसे मुश्किल समय (Image Source: Twitter)
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Aug 11, 2024 • 03:27 PM

भारत के पूर्व हेड कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ मिली टेस्ट सीरीज हार को भारतीय क्रिकेट टीम की कोचिंग कार्यकाल का सबसे मुश्किल दौर करार दिया है। बता दें कि द्रविड़ नवंबर 2021 में टीम इंडिया के कोच बने थे और उसके ठीक बाद साउथ अफ्रीका दौरा हुआ था। 

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
August 11, 2024 • 03:27 PM

भारतीय टीम ने उस साउथ अफ्रीका दौरे की अच्छी शुरूआत की थी औऱ सेंचुरियन में खेले गए पहले टेस्ट में 113 रन से जीत हासिल की थी। टीम साउथ अफ्रीका में अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीतने की दहलीज पर थी लेकिन साउथ अफ्रीका ने बेहतरीन वापसी करते हुए आखिरी दो टेस्ट मैच जीते थे। 

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उस सीरीज के बारे में बात करते हुए द्रविड़ ने कहा कि सीरीज जीत का मौका गवाना उनके कोचिंग कार्यकाल का सबसे मुश्किल समय था। 

स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत में द्रविड़ ने कहा, “ अगर आप पूछेंगे कि सबसे मुश्किल समय क्या था, मैं कहूंगा मेरे कार्यकाल की शुरूआत में साउथ अफ्रीका टेस्ट सीरीज। हमनें साउथ अफ्रीका में सेंचुरियन में पहले टेस्ट में जीत हासिल किए और उसके बाद हम दूसरे औऱ तीसरे टेस्च मैच में खेले। जैसा आप जानते हैं हम साउथ अफ्रीका में कभी सीरीज नहीं जीते हैं। हमारे लिए वह सीरीज जीतना वाकई एक बड़ा मौका था। हमारे कुछ सीनियर खिलाड़ी वहां नहीं थे।”

आगे बोलते हुए उन्होंने खुलासा किया कि टीम सीरीज के अंतिम दो टेस्ट जीतने के करीब थी और खेल को समाप्त करने के लिए साउथ अफ्रीका को एक अच्छा लक्ष्य दे सकती थी।

उन्होंने आगे कहा, “ रोहित शर्मा चोटिल थे और हमारे पर सीरीज में कई सीनियर खिलाड़ी नहीं थे। लेकिन हम दोनों टेस्ट मैच में बहुत करीब पहुंचे ते। दूसरे और तीसरे टेस्ट में तीसरी पारी में हमारे पास बड़ा मौका था। हम एक सम्मानजनक स्कोर बनाकर मैच जीत सकते थे लेकिन साउथ अफ्रीका अच्छा खेली। उन्होंने चौथी पारी में किया। मैं कहूंगा कि यह शायद मेरी कोचिंग का सबसे निचला बिंदु था कि आगे होने के बावजूद मैं वह सीरीज नहीं जीत सका।”

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बता दें कि उस सीरीज में भारतीय टीम विराट कोहली के बिना दूसरा टेस्ट मैच खेली थी, क्योंकि उनपर धीमी ओवर गति के लिए एक मैच का बैन लगा था। कोहली की जगह दूसरे टेस्ट में केएल राहुल ने कप्तानी की थी।

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