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'मेरे साथ इंडिया ए दौरे पर जाओगे, तो बिना खेले वापस नहीं आओगे', युवा खिलाड़ियों पर राहुल द्रविड़ का दिल छू लेने वाला बयान

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के निदेशक राहुल द्रविड़ ने कहा कि उन्होंने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि इंडिया ए दौरों पर सभी खिलाड़ियों को खेलने का मौका मिले। द्रविड़ ने द क्रिकेट मंथली...

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Cricket Image for  Rahul Dravids Heartwarming Statement On Young Players Of India A Team And Under 1
Cricket Image for Rahul Dravids Heartwarming Statement On Young Players Of India A Team And Under 1 (Image Source: Google)
IANS News
By IANS News
Jun 12, 2021 • 09:38 AM

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के निदेशक राहुल द्रविड़ ने कहा कि उन्होंने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि इंडिया ए दौरों पर सभी खिलाड़ियों को खेलने का मौका मिले।

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By IANS News
June 12, 2021 • 09:38 AM

द्रविड़ ने द क्रिकेट मंथली से कहा, "मैंने खिलाड़ियों से कहा था कि अगर तुम मेरे साथ इंडिया ए दौरे पर जाओगे तो वहां से बिना मैच खेले नहीं लौटोगे।"

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उन्होंने कहा, "जब छोटा था तो मैंने अनुभव किया था। इंडिया ए दौरे पर ले जाया जाता था लेकिन खेलने का अवसर नहीं मिलना अजीब था। जब आप अच्छा कर रहे हैं इसके बाद आपको वहां जाकर खुद को साबित करने का मौका नहीं मिले यह अच्छा नहीं होता।"

48 वर्षीय द्रविड़ ने टेस्ट में 13288 रन और वनडे में 10889 रन बनाए हैं। उन्होंने कहा कि वह अंडर-19 के मैचों में टीम में पांच से छह बदलाव करने की कोशिश करते हैं। द्रविड़ ने कहा, "ऐसा करना आसान नहीं होता इसलिए आपको दोबारा मौका मिले इसकी गारंटी नहीं होती है। आपको कहना पड़ता है कि यह सर्वश्रेष्ठ 15 खिलाड़ी है जिनके साथ हमें खेलना है।"

द्रविड़ को युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक के लिए फिट रखने का श्रेय जाता है। उन्होंने कहा कि भारत में इस खेल को लेकर जुनून ज्यादा है। ऐसे में युवाओं को उच्च स्तर पर जाकर बेहतर प्रदर्शन करने के लिए अच्छी ट्रेनिंग और सुविधा की जरूरत है।

उन्होंने कहा, "बीच में या सड़क पर खेलने से कोई क्रिकेटर नहीं बनता। यह आपको ऐसा बनाता है जैसे आप इस खेल से प्यार करते हों। हमारे पास कई ऐसे खिलाड़ी थे जो इस खेल को पसंद करते थे।"

द्रविड़ ने कहा, "जब तक आप खिलाड़ी को मैटिंग विकेट या टर्फ विकेट उपलब्ध नहीं कराएंगे और अच्छी कोचिंग नहीं देंगे तो कोई भी अच्छा क्रिकेटर नहीं बन पाएगा। हमें फिटनेस को लेकर ऑस्ट्रेलिय और दक्षिण अफ्रीका के लोगों को देखना पड़ता था, लेकिन हमें क्या मिला। जिम में ज्यादा वक्त बिताने की जरूरत नहीं है। इससे शरीर स्टीफ हो जाता है। बस आपको गेंदबाजी करनी है और दौड़ लगानी है।"
 

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