Advertisement

'मेरे पापा ने कहा था कभी तंबाकू का ऐड मत करना, मुझे काफी ऑफर आए लेकिन सभी को ना कर दिया'

भारत के पूर्व महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को आपने कभी भी किसी तंबाकू-गुटखा के ऐड में नहीं देखा होगा लेकिन क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं? अगर नहीं तो अब सचिन ने खुद इसके पीछे की वजह बताई

Advertisement
'मेरे पापा ने कहा था कभी तंबाकू का ऐड मत करना, मुझे काफी ऑफर आए लेकिन सभी को ना कर दिया'
'मेरे पापा ने कहा था कभी तंबाकू का ऐड मत करना, मुझे काफी ऑफर आए लेकिन सभी को ना कर दिया' (Image Source: Google)
Shubham Yadav
By Shubham Yadav
Jun 01, 2023 • 12:26 PM

भारत के पूर्व महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को आपने कभी भी उनके करियर में तंबाकू प्रोडक्ट्स को प्रमोट करते हुए नहीं देखा होगा लेकिन सचिन ने ऐसा क्यों किया? क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं? अगर नहीं जानते तो अब सचिन ने खुद इस बारे में बताया है कि आखिर क्यों उन्होंने कभी भी तंबाकू उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ऐड नहीं किया।

Shubham Yadav
By Shubham Yadav
June 01, 2023 • 12:26 PM

मंगलवार (30 मई) को महाराष्ट्र सरकार के स्वच्छ मुख अभियान (एसएमए) के लिए "स्माइल एंबेसडर" नामित होने के बाद सचिन एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। अभियान की शुरुआत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में की गई। इस दौरान सचिन ने ये बताया कि उन्हें तंबाकू प्रोडक्ट्स के प्रमोशन के लिए कई ऑफर मिले लेकिन उन्होंने अपने पिता के आदेश का पालन करते हुए कभी ऐसा नहीं किया।

Trending

सचिन ने इस मौके पर बोलते हुए कहा, "जब मैंने भारत के लिए खेलना शुरू किया, तब मैं स्कूल से निकला ही था। मुझे कई विज्ञापन के प्रस्ताव मिलने लगे, लेकिन मेरे पिता ने मुझे कभी भी तंबाकू उत्पादों का प्रचार नहीं करने के लिए कहा। मुझे ऐसे कई प्रस्ताव मिले, लेकिन मैंने उनमें से किसी को भी कभी स्वीकार नहीं किया। अच्छा मौखिक स्वास्थ्य ही अच्छा समग्र स्वास्थ्य है।"

Also Read: किस्से क्रिकेट के

सचिन ने फिटनेस के महत्व पर भी जोर देते हुए कहा कि इससे उन्हें अपने जीवन में लक्ष्य हासिल करने में मदद मिली। सचिन ने आगे बोलते हुए कहा, "मैं एक बच्चे के रूप में बहुत खेलता था, लेकिन क्रिकेट के प्रति उतना ही आकर्षित था। जैसे-जैसे मैं बड़ा होता गया, मैं अपनी फिटनेस के बारे में अनुशासित होने की आवश्यकता के बारे में अधिक जागरूक हो गया क्योंकि मुझे एहसास हुआ कि अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना संभव नहीं होगा यदि आप फिट नहीं हैं। 50 फीसदी बच्चों को मुंह की बीमारियां होती हैं और ये उनके जीवन को प्रभावित करता है। लेकिन किसी को इसकी परवाह नहीं है। ऐसी चीजें उनके आत्मविश्वास को नुकसान पहुंचा सकती हैं।"

Advertisement

Advertisement