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कप्तान के रूप में लंबा कार्यकाल नहीं मिलने की निराशा से उबरना मुश्किल था : सचिन

भारतीय दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने आज खुलासा किया कि भारतीय क्रिकेट कप्तान के रूप में लंबा कार्यकाल नहीं मिलने की निराशा से उबरना उनके

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Sachin Tendulkar
Sachin Tendulkar ()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Mar 13, 2015 • 05:25 PM

नई दिल्ली, 13 मार्च (CRICKETNMORE) । भारतीय दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने आज खुलासा किया कि भारतीय क्रिकेट कप्तान के रूप में लंबा कार्यकाल नहीं मिलने की निराशा से उबरना उनके लिये बहुत मुश्किल था। तेंदुलकर ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘मेरे लिये क्रिकेट व्यक्तिगत नहीं बल्कि टीम खेल है। ऐसा समय आता है जबकि कप्तान अपनी भूमिका निभाता है। वह मैदान पर महत्वपूर्ण फैसले करता है लेकिन आखिर में बल्लेबाजों को ही रन बनाने होते हैं और गेंदबाजों को ही सही क्षेत्र में गेंद करनी पड़ती है।’’

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
March 13, 2015 • 05:25 PM

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कप्तानी के पहले कार्यकाल में 12–13 महीने बाद ही पद से हटा दिया गया। यह निराशाजनक था क्योंकि आपको यह सोचकर कप्तान बनाया गया कि आप टीम को आगे बढ़ाएंगे और यदि आपका कार्यकाल लंबा नहीं रहता है तो सफलता की दर शून्य हो जाती है। यदि आप चार मैच खेलते हो और उनमें से दो में जीत दर्ज करते हो तो आपकी सफलता की दर का 50 प्रतिशत ही रहती है।" तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मेरा कार्यकाल लंबा नहीं था और मेरे लिये इस निराशा से उबरना बहुत बड़ी चुनौती थी।"

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तेंदुलकर को अपने 24 साल के चमकदार करियर के दौरान दो बार भारतीय टीम की कप्तानी सौंपी गयी लेकिन वह इसमें खास सफल नहीं रहे। वह पहली बार 1996 में कप्तान बने लेकिन टीम के खराब प्रदर्शन के कारण उन्हें 1997 में इस पद से हटा दिया गया।

उन्होंने अपनी कप्तानी की तुलना भारत के 2011 के इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया दौरे से की। उन्होंने कहा, ‘‘क्रिकेट मेरे लिये टीम खेल है और जब मैं कप्तान था तब कुछ कड़े दौरे हुए। हम वेस्टइंडीज गये और वह बेहतर टीम थी। हम दक्षिण अफ्रीका और आस्ट्रेलिया गये। मुझे कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। ’’तें

तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मैंने कप्तानी के अपने कार्यकाल और भारत के 2011 के इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया दौरे में एक समानता पायी, हमने टेस्ट मैच इसलिए गंवाये क्योंकि पर्याप्त रन नहीं बने और हमने काफी रन गंवाये। ’’उन्होंने कहा, ‘‘मेरी कप्तानी के दौरान हमने जो दौरे किये उनमें भी ऐसा हुआ। हमने बहुत अधिक रन नहीं बनाये और हम 20 विकेट भी नहीं ले पाये।

एजेंसी

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