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आजकल के बॉलर क्यों नहीं कर पा रहे 150-160 की रफ्तार से बॉलिंग ? शॉन टेट ने दिया जवाब

एक समय था जब शॉन टैट, शोएब अख्तर और ब्रेट ली जैसे तेज़ गेंदबाज़ रफ्तार के दम पर वर्ल्ड क्रिकेट पर राज करते थे। बल्लेबाज़ इन गेंदबाज़ों के खिलाफ बल्लेबाज़ी करने से डरते थे लेकिन इन गेंदबाज़ों के रिटायर होने के बाद

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Cricket Image for आजकल के बॉलर क्यों नहीं कर पा रहे 150-160 की रफ्तार से बॉलिंग ? शॉन टेट ने दिया जव (Image Source: Google)
Shubham Yadav
By Shubham Yadav
Aug 21, 2021 • 01:33 PM

एक समय था जब शॉन टैट, शोएब अख्तर और ब्रेट ली जैसे तेज़ गेंदबाज़ रफ्तार के दम पर वर्ल्ड क्रिकेट पर राज करते थे। बल्लेबाज़ इन गेंदबाज़ों के खिलाफ बल्लेबाज़ी करने से डरते थे लेकिन इन गेंदबाज़ों के रिटायर होने के बाद वर्ल्ड क्रिकेट में तेज़ रफ्तार वाले गेंदबाज़ों का अकाल पड़ चुका है। आजकल के तेज़ गेंदबाज़ 140-145 kmph और कभी-कभी 150 kmph की रफ्तार से ही गेंदबाज़ी करते हैं।

Shubham Yadav
By Shubham Yadav
August 21, 2021 • 01:33 PM

जबकि टैट, अख्तर और ब्रेट ली जैसे गेंदबाज़ लगातार 150 और इससे ऊपर की गति से गेंदबाज़ी करते थे। अब पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज शॉन टैट ने खुद सबसे बड़ी वजह बताई है कि आखिरकार क्यों आजकल के तेज़ गेंदबाज़ 150 किमी प्रति घंटे की गति से गेंदबाज़ी नहीं कर पाते हैं।

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शॉन टैट, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए 59 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं, ने आमतौर पर अपने करियर के दौरान 150 और यहां तक ​​​​कि 160 किमी प्रति घंटे की गति से भी गेंदबाज़ी की थी। टैट ने बड़े ही सरल शब्दों में ये बताया है कि आजकल के गेंदबाज़ों में कहां कमी है कि वो तेज़ रफ्तार से गेंदबाज़ी नहीं कर पा रहे हैं।

स्पोर्ट्सकीड़ा को दिए इंटरव्यू में टैट ने कहा, "मैं इस बारे में एक घंटे तक बात कर सकता हूं। मुझे लगता है कि आप अभी कहीं भी जाएं, गेंदबाजी कार्यक्रम एक जैसे हैं। जबकि जब मैं खेलता था, उससे पहले शोएब और ब्रेट ली, हमारे कार्यक्रम भी एक जैसे ही थे लेकिन हम भी उनमें अपना इनपुट देते थे। हमारा सामना इस रोबोट-टाइप की चीज से नहीं हुआ था। हम दिन-ब-दिन एक ही काम नहीं करते थे। आपको बताया नहीं जाता था कि हर वक्त ये करो, वो करो।"

आगे बोलते हुए टैट ने कहा, "आजकल के गेंदबाज़ों को कहा जाता है 'अब, आराम का दिन है', 'इस दिन इतनी गेंदबाज़ी करो।' जबकि मेरे लिए, बिल्कुल ऐसा नहीं था, मैं दो दिन कठिन गेंदबाजी करता था और अगले दो दिन मेरे पास छुट्टी होती है। जब मेरे शरीर को लगता था कि मुझे एक ब्रेक की जरूरत है, तो मैं एक ब्रेक लेता था"

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