मीटिंग में ऐसा क्या हुआ कि सौरव गांगुली का पत्ता कट गया, Jay Shah बने रहे
सौरव गांगुली की बीसीसीआई से छुट्टी हो चुकी है। रोजर बिन्नी नए बीसीसीआई के अध्यक्ष होंगे इस बात पर लगभग-लगभग मुहर लग चुकी है। सौरव गांगुली का पत्ता कैसे कटा इसके पीछे की पूरी कहानी।
14 सिंतबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया और हेडलाइन छपी कि Sourav Ganguly और Jay Shah अगले 3 साल तक अपने पद पर बने रहेंगे। ये खबर सच्चाई का जामा पहनती कि उससे पहले बड़ा खेल हो गया खबर आने लगी कि सौरव गांगुली की छुट्टी हो गई और पूर्व भारतीय क्रिकेटर रोजर बिन्नी नए बीसीसीआई अध्यक्ष होंगे। अब फैंस के मन मे कई सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार सौरव गांगुली की छुट्टी हुई तो हुई क्यों? ये पूरा मामला है क्या?
बीसीसीआई में होते हैं 5 बड़े पद: इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं। दरअसल, बीसीसीआई में 5 बडे़ पद होते हैं। 1- प्रेसिडेंड, 2-सेक्रेटरी, 3-ट्रेजरर, 4-वाइस प्रेसिडेंट, 5-ज्वाइंट सेक्रेटरी। सौरव गांगुली प्रेसिडेंड थे और जय शाह सेक्रेटरी। इन सबका कार्यकाल 3 साल का होता है। मतलब 3 साल पूरा होने पर दोबारा चुनाव कराना पड़ता है।
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बीसीसीआई के पक्ष में आया था फैसला: इस सविंधान के खिलाफ सौरव गांगुली एंड टीम सुप्रीम कोर्ट गई थी। उनकी मांग थी कि इसमें बदलाव किया जाए। फैसला बीसीसीआई के पक्ष में आया जिसमें कहा गया कि बीसीसीआई में अब 2 बार लगातार पद लिया जा सकता है। जिसके बाद ये तय था कि बीसीसीआई में तमाम पदाधिकारी रिपीट होंगे। लेकिन, जय शाह तो रिपीट हुए लेकिन सौरव गांगुली का पत्ता कट गया।
सौरव गांगुली का जाना लगभग था तय: इंडियन एक्सप्रेस के वरिष्ठ खेल पत्रकार देवेंद्र पांडे ने कहा, ' इतिहास गवाह है कि बीसीसीआई का अध्यक्ष 2 टर्म के लिए कभी नहीं रहा है। सौरव गांगुली चेहरा तो थे लेकिन, असल में पूरी बीसीसीआई जय शाह चला रहे थे। सौरव गांगुली का जाना लगभग तय हो चुका था।'
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इस वजह से कटा सौरव गांगुली का पत्ता: खबरों की मानें तो दिल्ली में एक बड़ी मीटिंग हुई थी। जिसमें अमित शाह भी मौजूद थे। वहां एन श्रीनिवासन ने सौरव गांगुली के कार्यकाल पर सवाल उठाए। कॉनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट की बात सामने आई मतलब टीम इंडिया की स्पॉन्सर कोई और कंपनी है और दादा किसी और कंपनी का प्रचार कर रहे थे। ऐसे तमाम मुद्दों पर बात हुई फिर गांगुली का पत्ता काटा गया।
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क्या है कूलिंग पीरियड का कंसेप्ट: बीसीसीआई में 3 साल पूरा होने के बाद 3 साल का कूलिंग पीरियड होता है। मतलब लगातार 2 बार एक ही पद पर कोई पदाधिकारी नहीं रह सकता। इसी के विरोध में सौरव गांगुली और बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सौरव गांगुली तो चले गए लेकिन, जय साह 3 साल और सेक्रेटरी रहेंगे फिर उनपर ये 3 साल वाला कूलिंग पीरियड लगेगा।