पाकिस्तान हो सकता है एशिया कप 2023 से बाहर, 3 देशों ने ठुकराया PCB का हाइब्रिड मॉडल
सितंबर में होने वाले एशिया कप 2023 को लेकर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। दरअसल, तीन देशों ने पाकिस्तान के हाइब्रिड मॉडल के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है जिसके बाद पाकिस्तान टूर्नामेंट से खुद को बाहर भी कर सकता
सितंबर में होने वाले एशिया कप 2023 से पहले पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को एक और बड़ा झटका लग चुका है। इस एशिया कप की मेजबानी पाकिस्तान के पास है लेकिन बीसीसीआई भारतीय टीम को पाकिस्तान भेजने से पहले ही मना कर चुका है ऐसे में पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड एशियाई देशों के सामने एक हाइब्रिड मॉडल लेकर आया था लेकिन श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के क्रिकेट बोर्ड्स ने इस मॉडल को ठुकराकर पाकिस्तान को एक बड़ा झटका दे दिया है।
पीसीबी के प्रस्तावित हाइब्रिड मॉडल के अनुसार, चार या पांच मैच पाकिस्तान में खेले जाने थे और बाकी के मैच संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में खेले जाने की बात कही गई थी। इस मॉडल के मुताबिक भारत अपने मैच यूएई में या किसी न्यूट्रल वेन्यू पर खेलता जबकि पाकिस्तानी टीम अपने मैच अपनी सरजमीं पर खेलती। हालांकि, श्रीलंका क्रिकेट , बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड और अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पीसीबी के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
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इन तीनों क्रिकेट बोर्ड्स के मना करने का मतलब ये है कि अब अगर पाकिस्तान को एशिया कप में भाग लेना है तो उसे तटस्थ स्थान पर खेलना होगा। अगर पाकिस्तान एशिया कप की मेजबानी का अधिकार अपने पास रखना चाहता है, तो उसे श्रीलंका या किसी और वेन्यू पर टूर्नामेंट का आयोजन करना होगा, जिसमें भाग लेने वाले अन्य सभी देशों को सहमत होना होगा। हालांकि, इन तीनों देशों द्वारा हाइब्रिड मॉडल को खारिज करने के बाद पीसीबी के टूर्नामेंट से हटने की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो यूएई को छह टीमों के टूर्नामेंट में मुकाबले के लिए जगह मिल जाएगी।
Bangladesh, Afghanistan, and Sri Lanka reject Pakistan's Hybrid Model!#AsiaCup #INDvPAK #PCB #Pakistan #India pic.twitter.com/HCgNhcp9XY
— CRICKETNMORE (@cricketnmore) June 6, 2023
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कुल मिलाकर देखा जाए तो इस समय पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड बेबस नजर आ रहा है क्योंकि अगर वो एशिया कप 2023 से हाथ पीछे खींचते हैं तो इससे उनके और बाकी क्रिकेट बोर्ड्स के साथ रिश्ते भी खराब होंगे और पाकिस्तान शायद ऐसा कभी नहीं चाहेगा। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड आगे आने वाले समय में क्या फैसला करता है।