जब स्टीफन फ्लेमिंग के सामनें पस्त हुआ साउथ अफ्रीका
16 फरवरी 2003 को वर्ल्ड कप में जब न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका की टीम मुकाबले के लिए आमनें-सामनें थी तो जोहानसबर्ग के मैदान में मौजूद किसी भी क्रिकेट प्रेमी
16 फरवरी 2003 को वर्ल्ड कप में जब न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका की टीम मुकाबले के लिए आमनें-सामनें थी तो जोहानसबर्ग के मैदान में मौजूद किसी भी क्रिकेट प्रेमी को यह अंदाजा नहीं था कि इस मैच में दोनों टीम अपने स्तर पर शानदार परफॉर्मेंस कर प्रशंसकों को यादगार पल से रूबरू करा देगी।
साउथ अफ्रीका के कप्तान शॉन पोलक ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। ओपनिंग बल्लेबाज हर्शल गिब्स ने धमाकेदार पारी खेलकर शानदार शतक ठोका। हर्शल गिब्स के शतक की मदद से साउथ अफ्रीका ने 306 रनों का विशाल स्कोर न्यूजीलैंड के सामने खड़ा कर दिया। हर्शन गिब्स ने न्यूजीलैंड के गेंदबाजों की इस तरह धुनाई करी जिससे गेंदबाजों का आत्मविश्वास पूरी तरह से गिर गया। हर्शल गिब्स ने 141 गेंद पर 143 रन की शानदार पारी खेली जिसमे 19 चौके और 3 छक्के शामिल थे।
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साउथ अफ्रीका के 306 रनों का पीछा करने उतरी न्यूजीलैंड टीम के ओपनर बल्लेबाज कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग औऱ क्रैग मैक्मिलन ने अफ्रीकन गेंदबाजों को हैरान कर शानदार शुरूआत दी। 12 ओवर में 76 रन बनाकर न्यूजीलैंड टीम ने साउथ अफ्रीका को एहसास दिला दिया कि अफ्रीका के लिए आगे की राह आसान नहीं होने वाली है। 12 ओवर के बाद बारिश ने मैच में खलल डाला जिसके चलते मैच को 15 मिनट तक रोकना पड़ा। ऐसा लग रहा था कि इंद्र देवता भी दोनों टीमों को बराबरी का हक देने के फिराक में हैं और कुछ वक्त मैच रोककर दोनों टीमों को रणनीति बनानें का मौका दे रहे हों।
क्रेग मैक्मिलन और फ्लेमिंग ने पहले विकेट के लिए 89 रन जोड़े। पहला विकेट 89 रन पर गिरा जब क्रेग डोलाल्ड की गेंद पर विकेटकीपर मार्क बाउचर के द्वारा लपके गए। क्रेग ने 32 गेंद पर 25 रन का योगदान दिया जिससे दूसरे छोर पर खड़े कप्तान फ्लेमिंग बिना कोई दबाव के साथ बल्लेबाजी करते जा रहे थे। फ्लेमिंग ने अपने 50 रन केवल 47 गेंद खेलकर पूरे किए।
15 ओवर की समाप्ती पर एक बार फिर बारिश ने खलल डाला। उस वक्त तक न्यूजीलैंड ने 97 रन 1 विकेट के नुकसान पर पूरे कर लिए थे।
स्टीफन फ्लेमिंग ने अपने बल्लेबाजी स्किल का उस रोज जो मुजाएरा पेश किया वो क्रिकेट पंडितों के साथ –साथ वांडर्स पर मौजूद क्रिकेट प्रशंसको के लिए सुखद और दार्शनिक अनुभव था। साउथ अफ्रीकन गेंदबाजों पर फ्लेमिंग अपने बल्ले से दनादन रन बनाते जा रहे थे। 53 रन के स्कोर पर विकेटकीपर मार्क बाउचर ने फ्लेमिंग का कैच छोड़कर उन्हें जीवनदान दिया।
स्टीफन फ्लेमिंग ने 109 गेंद खेलकर अपना शतक पूरा किया जिसमें 17 शानदार चौके शामिल थे । साउथ अफ्रीका के गेंदबाज एड़ी- चोटी का जोर लगा रहे थे पर फ्लेंमिंग के क्लासिक बल्लेबाजी के सामने साउथ अफ्रीका की हर एक चाल बौनी और नाकाफी साबित हो रही थी । यहां तक की विश्व के सबसे बेहतरीन गेंदबाजों में से एक रहे एलन डोलाल्ड की गेंदबाजी को जैसे सांप सूंघ गया था । न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों ने जिस तरह से एलन डोलाल्ड की गेंदबाजी पर अटैक किया उससे ऐसा कुछ क्षण के लिए प्रतित होने लगा कि डोनाल्ड गेंदबाजी करना भूल गए हो। एलन डोनाल्ड ने अपने 5.5 ओवरों में 52 रन दिए और 1 विकेट ही ले पाए थे।
जब न्यूजीलैंड का स्कोर 30.5 ओवर में 1 विकेट के नूकसान पर 182 रन था तभी वांडर्स पर एक बार फिर बारिश की बाधा ने मैच को रोक दिया। मैच जब फिर से शुरू किया गया तो को डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर न्यूजीलैंड के लिए लक्ष्य में परिवर्तन किया गया जिससे 39 ओवर्स में 229 रनों का न्यूजीलैंड को नया लक्ष्य दिया गया।
डकवर्थ लुईस नियम के तहत जब मैच दोबारा शुरू हुआ तो न्यूजीलैंड को केवल 51 गेंद पर 44 रनों की जरूरत रह गई। स्टीफन फ्लेमिंग ने एलन डोनाल्ड की गेंद पर चौका जड़ कर न्यूजीलैंड को 9 विकेट से चमत्कारी विजय दिलाई।
न्यूजीलैंड के कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग ने नाबाद 134 रन केवल 132 गेंद पर बनाकर एतिहासिक जीत की पटकथा न्यूजीलैंड के लिए तैयार करी। फ्लेमिंग की बल्लेबाजी का कहर इस बात से लगाया जा सकता है कि न्यूजीलैंड पारी के कुल 27 चौकों में 21 चौके खुद फ्लेमिंग ने लगाए थे।
स्टीफन फ्लेमिंग के मैच जीताऊ पारी के लिए मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया। स्टीफन फ्लेमिंग के 134 रन की पारी उनके वन डे करियर की सबसे शानदार पारियों में से एक है।किसी साउथ अफ्रीकन खिलाड़ी को यकिन ना हुआ कि स्टीफन फ्लेमिंग ने अकेले अपने बल्लेबाजी से मैच का रूख मोड़ लिया । उस रोज इंद्र देवता भी न्यूजीलैंड की जीत में बराबरी के भागीदारी थे।
विशाल भगत/CRICKETNMORE