घरेलू धरती पर धूल भरी पिचों से निकलकर, और पहले टेस्ट से पहले अपना एकमात्र प्रैक्टिस मैच स्थगित करने का निर्णय लेने के बाद, भारत को ऑस्ट्रेलियाई हालात में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत का पहला मैच ऑप्टस स्टेडियम में है और उम्मीद है कि यहां की पिच वाका ग्राउंड की तरह (तेज़ और उछाल भरी) ही होगी, जो भारत के लिए काफ़ी चुनौतीपूर्ण होगा।
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला मुक़ाबला 22 नवंबर से है। सीरीज़ के पहले मैच के लिए ड्रॉप-इन पिच को पिछले महीने ऑप्टस स्टेडियम में लगाया गया था। इस पिच को बनाने की तैयारी सितंबर से चल रही थी। इसमें वही स्थानीय मिट्टी और घास की प्रजातियां हैं जो वाका की पिचों में पाई जाती हैं। शेफ़ील्ड शील्ड सीज़न के दौरान पिचें अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ और उछाल भरी थीं।
इस स्टेडियम में यह पांचवां टेस्ट होगा और इसकी क्षमता 60000 दर्शकों की है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में स्थित इस मैदान पर अब तक ज़्यादा दर्शकों को आकर्षित नहीं किया जा सका है। हालांकि उम्मीद है कि बॉर्डर-गावस्कर जैसी प्रतिष्ठित और बहुप्रतीक्षित सीरीज़ के जरिए यहां टेस्ट क्रिकेट को दर्शकों के बीच बढ़ावा मिलेगा। शुरुआती नज़र में इस पिच पर तेज़ गेंदबाज़ों के लिए अच्छी-ख़ासी उछाल और गति मौजूद रहेगी।