'कभी-कभी खेल में ऐसा हो जाता है', कोहली के आउट होने के तरीके पर विलियमसन ने दी प्रतिक्रिया
Royal Challengers Bengaluru: न्यूज़ीलैंड के बेहतरीन बल्लेबाज केन विलियमसन का मानना है कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की गुजरात टाइटंस के खिलाफ आठ विकेट से हार में विराट कोहली का आउट होना बस एक ऐसा मौका था जो कभी-कभी खेल
Royal Challengers Bengaluru: न्यूज़ीलैंड के बेहतरीन बल्लेबाज केन विलियमसन का मानना है कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की गुजरात टाइटंस के खिलाफ आठ विकेट से हार में विराट कोहली का आउट होना बस एक ऐसा मौका था जो कभी-कभी खेल में हो जाता है।
एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में कोहली ने पुल शॉट खेलने की कोशिश की, लेकिन गेंद ठीक से नहीं आई और वह सिर्फ सात रन बनाकर डीप स्क्वायर लेग पर कैच आउट हो गए। यह गेंद बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ऑलराउंडर अरशद खान ने फेंकी थी।
इस पर विलियमसन ने जियोहॉटस्टार पर कहा, "यह बस एक स्वाभाविक शॉट था, जिसे विराट पहले भी कई बार खेल चुके हैं। इस बार गेंद सीधा फील्डर के हाथों में चली गई। वह इस शॉट पर कई बार छक्का भी मार चुके हैं और ग्राउंड शॉट भी खेल चुके हैं, लेकिन कभी-कभी खेल में ऐसा हो जाता है।"
उन्होंने आगे कहा, "गुजरात टाइटंस के लिए यह एक बहुत बड़ा विकेट था क्योंकि चिन्नास्वामी स्टेडियम में विराट बेहद खतरनाक साबित होते हैं। उन्होंने यहां करीब 3,000 रन बनाए हैं और लंबे समय तक बल्लेबाजी कर टीम को जिताने की काबिलियत रखते हैं। इसलिए उन्हें जल्दी आउट करना गुजरात के लिए बहुत जरूरी था।"
आरसीबी ने इस मैच से पहले अपने पहले दो मुकाबले जीतकर शानदार शुरुआत की थी, लेकिन उनकी यह लय गुजरात टाइटंस ने तोड़ दी। इस मैच की पिच बल्लेबाजों के लिए ज्यादा अनुकूल नहीं थी और जीटी ने हालात के हिसाब से खुद को बेहतर ढंग से ढाल लिया। जब विलियमसन से पूछा गया कि आरसीबी इस हार से क्या सीख सकता है, तो उन्होंने कहा कि उन्हें बल्लेबाजी में बड़े साझेदारी करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, "आईपीएल जैसी लीग में अब टीमें हमेशा बड़े स्कोर बनाने की कोशिश कर रही हैं, खासकर बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे मैदानों पर, जहां बड़े लक्ष्य हासिल करना संभव लगता है। लेकिन कभी-कभी, इसी कोशिश में बल्लेबाज जल्दबाजी कर बैठते हैं। अगर शुरुआती विकेट जल्दी गिर जाएं, तो जरूरी है कि बल्लेबाज कुछ देर तक टिके रहें और साझेदारी करें। अगर आपके पास विकेट बचे रहते हैं, तो आखिरी 10 ओवरों में 14 रन प्रति ओवर या उससे भी ज्यादा तेजी से रन बनाए जा सकते हैं। आरसीबी इस मैच के बाद सोचेगा कि अगर उन्होंने बीच के ओवरों में थोड़ा संभलकर खेला होता, तो वे खुद को बेहतर स्थिति में ला सकते थे।"
आरसीबी ने इस मैच से पहले अपने पहले दो मुकाबले जीतकर शानदार शुरुआत की थी, लेकिन उनकी यह लय गुजरात टाइटंस ने तोड़ दी। इस मैच की पिच बल्लेबाजों के लिए ज्यादा अनुकूल नहीं थी और जीटी ने हालात के हिसाब से खुद को बेहतर ढंग से ढाल लिया। जब विलियमसन से पूछा गया कि आरसीबी इस हार से क्या सीख सकता है, तो उन्होंने कहा कि उन्हें बल्लेबाजी में बड़े साझेदारी करने की जरूरत है।
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Article Source: IANS