भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत सही मायनों में महेंद्र सिंह धोनी के उत्तराधिकारी साबित हुए हैं। शानदार विकेटकीपिंग, आक्रामक बल्लेबाजी अंदाज और तेजी से रन बनाने की क्षमता के लिए पहचाने जाने वाले पंत ने कई महत्वपूर्ण मैचों में टीम इंडिया को जीत दिलाई है। ऋषभ पंत एक भयानक हादसे से भी गुजरे, लेकिन हर परिस्थिति में लड़ने की क्षमता उन्हें एक 'योद्धा' बनाती है।
30 दिसंबर 2022... दिल्ली-देहरादून राजमार्ग पर ऋषभ पंत की तेज रफ्तार कार एक डिवाइडर से टकराकर पलट गई। पंत इस कार के अंदर ही थे। इसी बीच रजत कुमार और निशु कुमार नामक दो युवकों ने विंडस्क्रीन तोड़कर भारत के इस खिलाड़ी की जान बचाई। घटना इतनी भयावह थी कि हादसे के बाद कार में भीषण आग लग गई।
इस हादसे में पंत के सिर, पैर और पीठ पर चोटें आई। रिकवरी के लिए उन्हें करीब 14-15 महीनों का वक्त लगा। यह निजी तौर पर तोड़ने वाला भयावह अनुभव था। चोट उनके पूरे करियर को खत्म कर सकती थी और रिकवरी का रास्ता बहुत लंबा था, लेकिन पंत की प्रतिबद्धता, समर्पण और जुनून ने उन्हें फिर से खेल के मैदान पर वापस लाकर खड़ा कर दिया।