वन डे गावस्कर का पहला और आखिरी शतक
टेस्ट क्रिकेट में सुनील गावस्कर दुनिया के सबसे बड़े बल्लेबाजों में से एक थे और वन डे क्रिकेट में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था।
टेस्ट क्रिकेट में सुनील गावस्कर दुनिया के सबसे बड़े बल्लेबाजों में से एक थे और वन डे क्रिकेट में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था। लेकिन गावस्कर क्रिकेट के सबसे बड़े टूर्नामेंट वर्ल्ड कप में अपनी खास छाप नहीं छोड़ पाए थे। जिसका सबसे बड़ा कारण था पहले वर्ल्ड कप कप के पहले मैच में खेली गई उनकी पारी। गावस्कर ने 174 गेंदों में 36 रन की बेहद ही धीमी पारी खेली थी। लेकिन अपने अंतिम वर्ल्ड कप में उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार शतक लगाकर धीमी पारी के इस धाग को धो लिया था। यह गावस्कर के वन डे करियर का पहला और आखिरी शतक था।
1987 वर्ल्ड कप में नागपूर में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए लीग मैच में गावस्कर ने अपनी बल्लेबाजी से सभी आलोचकों को स्तब्ध कर दिया। पहले बल्लेबाजी करते हुए न्यूजीलैंड की टीम ने भारत के सामने 222 रन का लक्ष्य रखा था। भारत को 42.2 ओवर में यह मैच जीतना था ताकि भारत अपने ग्रुप में ऑस्ट्रेलिया से आगे निकल सके और सेमीफाइनल मैच मुंबई में खेल सके।
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भारत की तरफ से बल्लेबाजी करने के लिए सुनील गावस्कर औक क्रिस श्रीकांत की जोड़ी मैदान पर आई। दोनों ने 2 ओवर में 18 रन बनाकर भारत को अच्छी शुरूआत दी। सुनील गावस्कर ने अपने बल्ले से जो कारनामा किया वो विपक्षी टीमों के लिए हैरत भरा था। गावस्कर ने न्यूजीलैंड के गेंदबाजों के लैंथ पर जिस तरह से प्रहार किया वो अविश्वसनीय था। गावस्कर ने न्यूजीलैंड गेंदबाज इवन चैटफील्ड के एक ही ओवर में 21 रन जड़ दिए थे जिसमें 2 छक्के और 2 चौके शामिल थे। गावस्कर ने अपनी बल्लेबाजी से न्यूजीलैंड की रणनीति की हवा निकाल दी।
14 ओवर में ही भारत के 100 रन पूर् हो गए। क्रिस श्रीकांत 58 गेंद पर 75 रन बनाकर आउट हुए तब तक भारत 136 रन पर पहुंच चुका था। सुनील गावस्कर ने अपने खेले पिछले 105 वनडे मैचों में कोई भी शतक नहीं बना पाए थे। ऐसा लग रहा था कि कहीं गावस्कर का वनडे करियर बिना शतक बनाए खत्म न हो जाए। खासकर जब गावस्कर अपने करियर का अंतिम वर्ल्ड कप खेल रहें थे तो इस बात को लेकर अटकले और तेज होने लगी थी। लेकिन सुनील गावस्कर ने 31 अक्टूबर 1987 को नागपूर के मैदान पर अपने वनडे करियर का पहला शतक लगाकर क्रिकेट प्रेमियों को दिल जीत लिया था।
सुनिल गावस्कर ने केवल 85 गेंद पर शतक ठोककर उस मैच को यादगार बना दिया। हालांकि वनडे में गावस्कर ने एक ही शतक लगाया पर जिस ख्याति के साथ उनका करियर खत्म हुआ वो अविस्मरणीय था। 32.1 ओवर में ही भारत ने न्यूजीलैंड के लक्ष्य को हासिल कर भारत सेमीफाइनल में पहुंच गया था।
सेमीफाइनल में इंग्लैंड ने भारत को हराकर वर्ल्ड कप जीतने के ख्वाव पर पानी फेर दिया तो वहीं सुनील गावस्कर सेमीफाइनल में केवल 4 रन ही बना पाए थे।