Advertisement

BCCI को लेकर पूर्व जस्टिस लोढ़ा ने जताई नाराजगी, सुप्रीम कोर्ट का आदेश अभी तक नहीं हुआ लागू

कोलकाता, 1 जुलाई (CRICKETNMORE)| सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारतीय क्रिकेट में सुधार के लिए बनाई गई समिति के चैयरमैन सेवानिवृत जस्टिस आर.एम.लोढा का कहना है कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि न्यायालय के आदेश को अभी तक भारतीय क्रिकेट

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma July 01, 2017 • 15:29 PM
Unfortunate that Supreme Court verdict yet to be implemented says RM Lodha
Unfortunate that Supreme Court verdict yet to be implemented says RM Lodha ()
Advertisement

कोलकाता, 1 जुलाई (CRICKETNMORE)| सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारतीय क्रिकेट में सुधार के लिए बनाई गई समिति के चैयरमैन सेवानिवृत जस्टिस आर.एम.लोढा का कहना है कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि न्यायालय के आदेश को अभी तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में लागू नहीं किया गया है। लोढ़ा समिति की सिफरिशों को लागू करने के लिए गठित की गई प्रशासकों की समिति (सीओए) सुधारों को लागू करने को लेकर आगे की योजना पर बैठक करेगी। इस बैठक से पहले लोढ़ा ने अभी तक आदेश का पालन ने होने पर दुख जताया है। 

लोढ़ा ने शनिवार को कहा, "मैं दुखी हूं और यह दुर्भाग्यपूर्ण है। छह महीने पहले सीओए का गठन हो गया था। आदेश का लागू करने का भरपूर समय भी था। यह खुशी की बात नहीं है। यह अजीब है।"

Trending


सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी को पूर्व नियंत्रक एंव लेखापरिक्षक विनोद राय की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन किया था जो बीसीसीआई के कामकाज पर नजर रखेगी साथ ही यह देखेगी की बोर्ड लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करे। 

इसी महीने कोर्ट ने बोर्ड के तत्कलानी अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को सिफारिशें लागू न करने में बाधा मानते हुए पदों से हटा दिया था।  PHOTOS: क्रिकेटर मनोज तिवारी की वाइफ है बला की खूबसूरत देखकर दिल धड़क जाएगा आपका  

कोर्ट ने 18 जुलाई 2016 को लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने का आदेश दिया था। 

लोढ़ा ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई की पूरी बात सुनने के बाद 18 जुलाई 2016 को अपना आदेश दे दिया था। अब अध्यक्ष और सचिव को हटाए हुए तकरीबन एक साल हो चुका है, लेकिन अभी तक आदेश के लागू करने का कोई अता-पता नहीं है।"

बोर्ड की पिछली विशेष आम सभा में राज्य संघ लोढ़ा समिति का सिफारिशों को लागू कर नहीं पाए थे जबकि यह इस बैठक का मुख्य एजेंडा था।बीसीसीआई के कई ईकाइयों ने लोढ़ा समिति की सिफारिशों के खिलाफ हलफनामा दिया था। 

इसके बाद सीओए ने कहा था कि राज्य संघ अपनी समस्याओं को दोबारा देखें और उन्हें स्पष्ट करते हुए कोर्ट के सामने रखें। सीओए ने एसजीएम में कहा था कि यह राज्य संघों के लिए अच्छा होगा। 

लेकिन बावजूद इसके बीसीसीआई ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के चेयरमैन राजीव शुक्ला की अध्यक्षता में सात सदस्सीय समिति का गठन किया जो बीसीसीआई के 18 जुलाई 2016 के आदेश के मुख्य बिंदुओं को निकालकर बोर्ड के सामने रखेगी जिसे बोर्ड कोर्ट में पेश करेगा। PHOTOS: क्रिकेटर मनोज तिवारी की वाइफ है बला की खूबसूरत देखकर दिल धड़क जाएगा आपका  

लोढ़ा से जब एक राज्य एक वोट, अधिकारियों की आयु सीमा 70 साल, लगातार कार्यकाल के बाद कूलिंग ऑफ पीरियड, चयनसमिति के सदस्यों की संख्या बढ़ाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "इन सभी बिंदुओं पर सुप्रीम कोर्ट के सामने कई बार जिहर हो चुकी है, लेकिन उन्हें नकार दिया गया।"

 

लोढ़ा के मुताबिक, "सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें कई बार अपनी सहमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट से बड़ी संस्था नहीं हो सकती। इन बिंदुओं पर जब बहस हुई थी तब कोर्ट ने उन्हें खारिज कर दिया था। अब इन पर बात करने का कोई मतलब नहीं बनता।" PHOTOS: क्रिकेटर मनोज तिवारी की वाइफ है बला की खूबसूरत देखकर दिल धड़क जाएगा आपका  

लोढ़ा ने हालांकि इतिहासकार रामचंद्र गुहा के सीओए से इस्तीफा देने पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। 

उन्होंने कहा, "उन्होंने निश्चित ही कुछ देखा होगा। मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता। गुहा ने अपने इस्तीफे में कारण बात दिया है।"

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 14 जुलाई को है।


Cricket Scorecard

Advertisement
TAGS