नई दिल्ली, 20 अगस्त (CRICKETNMORE): रियो ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतकर भारत के पदकों का खाता खोलने वाली महिला पहलवान साक्षी मलिक की जीत पर पूर्व बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग का ट्वीट बेहद प्रासंगिक है। साक्षी देश के उस हिस्से से आती हैं, जो लिंगभेद की समस्या से सर्वाधिक ग्रस्त है। साक्षी का गृहनगर हरियाणा का रोहतक जिला है। यह देश के उन 262 जिलों में शामिल है जहां लिंगानुपात 900 से भी कम है और जिन्हें 'लिंगभेद की समस्या से ग्रस्त' जिलों की सूची में रखा गया है। श्रीलंका के दिनेश चंदिमल ने किया कमाल, ऐसा कर वनडे क्रिकेट में बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड।
हरियाणा के 17 जिले इस सूची में शामिल हैं और इनमें से एक है रोहतक। रोहतक में लिंगानुपात 867 है, अर्थात प्रत्येक 1000 लड़कों पर 867 लड़कियां। इस मामले में रोहतक में बीते डेढ़ दशक में थोड़ा ही सुधार हुआ है। 2001 में रोहतक का लिंगानुपात मात्र 847 था।
हरियाणा में लिंगानुपात में थोड़ा सुधार हुआ है। पहले प्रति 1000 लड़कों पर लड़कियों की संख्या 798 थी, लेकिन अब यह बढ़कर 820 हो गई है। माना जाता है कि इसके पीछे क्षेत्र से अंतर्राष्ट्रीय महिला पहलवानों का प्रेरणा बनकर सामने आना एक वजह हो सकती है। लेकिन, यहां का लिंगानुपात अभी भी सर्वाधिक परेशान करने वाला है।