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'हर कोई विराट नहीं होता', रोहित से लेकर श्रेयस तक खिलाड़ियों की खराब फिटनेस पर भड़के वीरेंद्र सहवाग

वीरेंद्र सहवाग का मानना है कि भारतीय खिलाड़ी काफी ज्यादा वेटलिफ्टिंग कर रहे हैं जिस वजह से उन्हें इंजरी हो रही है।

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Cricket Image for 'हर कोई विराट नहीं होता', रोहित से लेकर श्रेयस तक खिलाड़ियों की खराब फिटनेस पर भड़
Cricket Image for 'हर कोई विराट नहीं होता', रोहित से लेकर श्रेयस तक खिलाड़ियों की खराब फिटनेस पर भड़ (Virender Sehwag)
Nishant Rawat
By Nishant Rawat
Mar 17, 2023 • 12:08 PM

बीते समय में भारतीय टीम को अपने खिलाड़ियों की खराब फिटनेस के कारण काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा है। जसप्रीत बुमराह लंबे समय से चोटिल हैं, वहीं अब श्रेयस अय्यर भी इंजरी के कारण काफी परेशान नज़र आ रहे हैं। हाल ही में अय्यर को पीठ में दर्द की समस्या हुई थी जिसके बाद वह मैच में बल्लेबाज़ी तक करने नहीं उतर सके थे। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो वह आईपीएल के लगभग आधे सीजन तक से बाहर हो सकते हैं। इसी बीच अब पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने भारतीय खिलाड़ियों की खराब फिटनेस पर अपनी राय रखते हुए इसके पीछे की बड़ी वजह बताई है।

Nishant Rawat
By Nishant Rawat
March 17, 2023 • 12:08 PM

दरअसल, वीरेंद्र सहवाग का मानना है कि आज के दौर में खिलाड़ी वेटलिफ्टिंग को अपनी ट्रेनिंग में ज्यादा शामिल करने लगे हैं, जिस वजह है वह ज्यादा चोटिल हो रहे हैं। सहवाग ने कहा, 'क्रिकेट में वेटलिफ्टिंग के लिए कोई जगह नहीं है। इसके बजाय आपको ऐसी एक्सरसाइज करनी चाहिए जिससे आपका गेम बेहतर हो। वेटलिफ्टिंग आपको ताकत देगा, लेकिन कठोरता और दर्द भी बढ़ाएगा। हमारे दिनों में आकाश चोपड़ा, गौतम गंभीर, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण, एमएस धोनी या युवराज सिंह कभी भी बैक इंजरी या हैमस्ट्रिंग की चोट के कारण बाहर नहीं हुए।'

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उन्होंने आगे कहा, 'केएल राहुल, रोहित शर्मा, प्रसिद्ध कृष्णा, श्रेयस अय्यर जितने भी युवा खिलाड़ी हैं इन्हें इंजरी हो रही है, क्योंकि यह कोई ना कोई वेट ट्रेनिंग कर रहे हैं। यह लोग मैदान पर नहीं जिम में इंजर्ड हो रहे हैं। इन्हें यह सोचना होगा कि क्या मैं जो ट्रेनिंग कर रहा हूं वो सही है या नहीं।' वीरेंद्र सहवाग ने विराट कोहली का उदाहरण देकर फिटनेस पर आगे बयान दिया। वह बोले, 'जब विराट 19 साल का था, मैं या सचिन तेंदुलकर 19 साल के थे। तब यह वेट ट्रेनिंग नहीं होती थी। तब भी वह उतने ही बडे़ रन बनाते थे, तब भी पूरा दिन क्रिकेट खेलते थे। ट्रेनिंग के तरीके अलग थे, लेकिन हर कोई विराट कोहली नहीं हो सकता। हर कोई तेंदुलकर नहीं हो सकता।'

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वीरेंद्र सहवाग ने अपने बयान से भारतीय टीम के युवा खिलाड़ियों तक यह संदेश पहुंचाने की कोशिश की है कि जो खिलाड़ी लगातार चोटिल हो रहे हैं, उन्हें अपने ट्रेनिंग के तरीके में बदलाव करने की जरूरत है। हालांकि इसी बीच सहवाग ने यह भी साफ कर दिया है कि खिलाड़ियों को अपना प्रदर्शन बेहतर करने के लिए वेटलिफ्टिंग करने की खास जरूरत नहीं हैं।

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