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वीवीएस लक्ष्मण का खुलासा, ऐतिहासिक 2001 टेस्

23 नवंबर। भारतीय क्रिकेट जगत के दिग्गजों में शुमार वांगीपुरापु वेंकट साई लक्ष्मण का कहना है कि सफलता को संभाल पाना असफलता की तुलना में अधिक मुश्किल होता है। लक्ष्मण का कहना है कि इसीलिए यह जरूरी है कि लंबे खेल

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वीवीएस लक्ष्मण का खुलासा, ऐतिहासिक 2001 टेस् Images
वीवीएस लक्ष्मण का खुलासा, ऐतिहासिक 2001 टेस् Images (Twitter)
Vishal Bhagat
By Vishal Bhagat
Nov 23, 2018 • 06:00 PM

23 नवंबर। भारतीय क्रिकेट जगत के दिग्गजों में शुमार वांगीपुरापु वेंकट साई लक्ष्मण का कहना है कि सफलता को संभाल पाना असफलता की तुलना में अधिक मुश्किल होता है। लक्ष्मण का कहना है कि इसीलिए यह जरूरी है कि लंबे खेल करियर के लिए आपके पास कोच, दोस्तों और परिवार का समर्थन हो।

Vishal Bhagat
By Vishal Bhagat
November 23, 2018 • 06:00 PM

देखें स्कोरकार्ड

हाल ही में लक्ष्मण की बायोग्राफी '281 एंड बियोंड' रिलीज हुई है। गुरुवार रात को जाने-माने खेल कमेंटेटर हर्षा भोगले के साथ एक बातचीत सत्र में पूर्व बल्लेबाज लक्ष्मण ने क्रिकेट करियर के उतार-चढ़ाव पर बात की।

इस सत्र में सचिन तेंदुलकर, आशीष नेहरा, दिनेश कार्तिक, संदीप पाटिल, सबा करीम सहित कई अन्य हस्तियां मौजूद रहीं।

लक्ष्मण ने कहा, "सफलता का सामना कर पाना असफलता की तुलना में अधिक मुश्किल होता है। भारत में अगर आप सफल हैं, तो आप आसानी से हवा में उड़ सकते हैं। लेकिन, अगर आप बुरे समय से गुजर रहे हैं, तो आपको समर्थन मिलता है और आप वापसी के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। इसीलिए, हमें ऐसे पलों में एक अहम सपोर्ट सिस्टम की जरूरत होती है।"

उन्होंने कहा, "हमें यह नहीं बताया जाता कि सफलता को कैसे संभालना है। मैंने कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को देखा है, जिनका समर्थन के बिना करियर दुर्भाग्यवश जल्द समाप्त हो जाता है। यह इसलिए नहीं होता कि वह असफलता का सामना कैसे कर रहे हैं मगर इसलिए भी कि वह सफलता को किस प्रकार संभाल रहे हैं।"

साल 2001 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ ईडन गार्डन्स में लक्ष्मण ने 281 रनों की पारी खेलकर इतिहास रचा था। 

लक्ष्मण ने करियर में समर्थन के लिए परिवार का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, "एक खिलाड़ी बिना समर्थन के लंबा करियर बनाए नहीं रह सकता। इसलिए, मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे जीवन में मेरे पिता, परिवार और कोच का समर्थन मिला। मुझे मेरी पत्नी शैलेजा का भी समर्थन मिला।" देखें स्कोरकार्ड

'281 एंड बियोंड' किताब में हैदराबाद के निवासी लक्ष्मण के बचपन से लेकर खेल करियर में प्रवेश करने और 2012 में संन्यास लेने तक के सफर को बताया गया है।

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