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WATCH: फौजी के लड़के का सेलिब्रेशन देखा क्या? 23 साल के ध्रुव जुरेल ने जीत लिया दिल

Dhruv Jurel Video: ध्रुव जुरेल ने रांची टेस्ट में अपना पहला अर्धशतक ठोका जिसके बाद उन्होंने खास अंदाज में आर्मी सैल्यूट करके जश्न मनाया।

Nishant Rawat
By Nishant Rawat February 25, 2024 • 11:22 AM
WATCH: फौजी के लड़के का सेलिब्रेशन देखा क्या? 23 साल के ध्रुव जुरेल ने जीत लिया दिल
WATCH: फौजी के लड़के का सेलिब्रेशन देखा क्या? 23 साल के ध्रुव जुरेल ने जीत लिया दिल ( Dhurv Jurel Army Salute Celebration)
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Dhurv Jurel Army Salute Celebration: भारत और इंग्लैंड (IND vs ENG) के बीच टेस्ट सीरीज का चौथा मुकाबला (IND vs ENG 4th Test) रांची में खेला जा रहा है जहां मेजबान टीम (Indian Cricket Team) की पहली इनिंग में 23 वर्षीय विकेटकीपर बल्लेबाज़ ध्रुव जुरेल (Dhruv Jurel) ने मुश्किल समय में एक अर्धशतक ठोककर भारतीय पारी को संभाला है। जुरेल ने 96 गेंदों में अपना पहला इंटरनेशनल अर्धशतक (Dhruv Jurel Maiden Fifty) ठोका और इसके बाद एक खास सेलिब्रेशन करके सभी क्रिकेट फैंस का दिल जीत लिया।

फौजी के लड़के का खास सेलिब्रेशन

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दरअसल, ध्रुव जुरेल ने टॉप हार्टली की गेंद पर सिंगल लेकर अपनी पहली इंटरनेशनल हॉफ सेंचुरी पूरी की और इसी के बाद सैल्यूट करके जश्न मनाया। ध्रुव के पिता कारगिल वॉर के हीरोज़ में से एक हैं यही वजह है ध्रुव ने फौजी स्ट्राइल में ही मैदान पर जश्न मनाया है। इसी कारण अब हर कोई ध्रुव की तारीफ कर रहा है और उन्होंने सभी का दिल जीत लिया है।

पिता हैं कारगिल के हीरो

आपको बता दें कि ध्रुव जुरेल के पिता एक फौजी रह चुके हैं। उन्होंने कारगिल की लड़ाई में भी हिस्सा लिया था। ध्रुव के पिता का नाम नेम सिंह जुरेल है। वो चाहते थे कि उनका बेटा भी फौज में शामिल होकर देश सेवा करे, लेकिन क्रिकेट के प्रति प्यार को देखकर ध्रुव ने क्रिकेटर बनकर देश सेवा करने का फैसला किया।

मां ने सोने की चेन बेचकर दिलाई थी क्रिकेट किट

ये भी जान लीजिए कि ध्रुव जुरेल ने काफी कम उम्र में ही एक क्रिकेटर बनने का सपना देख लिया था। जब वो 14 साल के थे तब उन्होंने अपने पिता से एक कश्मीरी विलो बैट की मांग की। ये बैट काफी महंगा था, लेकिन पिता ने जैसे-तैसे करके अपने बेटे की इच्छा पूरी की और उन्हें बैट दिलाया। लेकिन, जब ध्रुव ने पूरी क्रिकेट किट मांगी तब पिता बेटे की ये इच्छा पूरी करने में असमर्थ थे।

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ये जानकार ध्रुव काफी नाराज हो गए और तब उनकी मां ने अपने सोने की चेन ध्रुव के पिता को देकर उसे बेचने को कहा ताकि वो अपने बेटे को बैट दिला सके। माता-पिता के संघर्ष के कारण ही आज ध्रुव सितारों से सजी इंडियन टीम में चमक रहे हैं।


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