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जब जिम्बाब्वे ने तोड़ा इग्लैंड का आत्मविश्वास

18 मार्च 1992 को जिम्बाब्वें के खिलाफ हुए लीग मैच में इंग्लैंड की टीम जिस तरह से हारी वो आज भी इंग्लैंड के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है।

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Eddo brandes
Eddo brandes ()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Jan 06, 2015 • 01:22 AM

क्रिकेट में कहा जाता है कि अपने- सामने वाली टीम को किसी भी तरह से कमजोर नहीं आंकना चाहिए। इस बात को नहीं मानने वाली टीम को कई बार इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है। इस मामले में वर्ल्ड कप के इतिहास में इंग्लैंड की टीम सबसे आगे नजर आती है।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
January 06, 2015 • 01:22 AM

1983 के वर्ल्ड कप में इंग्लैंड की टीम ने अपने से कमजोर मानी जाने वाली भारतीय टीम को हल्के में लेकर  सेमीफाइनल खेलने मैदान पर उतरी थी औऱ भारत के हाथों 6 विकेट से हराकर वर्ल्ड कप से बाहर हो गई थी।

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इंग्लैंड की इस मनोदिशा का फायदा विपक्षी टीम को बराबर मिलता ही रहा है। 1992 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड की टीम ने एक बार फिर इस गलती को दोहराते हुए अपने लिए करारी शिकस्त की पटकथा तैयार करी थी । 

18 मार्च 1992 को जिम्बाब्वें के खिलाफ हुए लीग मैच में इंग्लैंड की टीम जिस तरह से हारी वो आज भी इंग्लैंड के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है। 1992 के वर्ल्ड कप में इंग्लैंड लीग राउंड में केवल एक मैच हारा था वह भी जिम्बाब्वे के हाथों। 

इंग्लैंड के कप्तान ग्राहम गूच ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसला किया। इंग्लैंड के टॉप क्लास गेंदबाजों ने जिम्बाब्वें की टीम को 134  रन पर समेटकर इंग्लैंड ने जीत को सुनिश्चित मान लिया था ।

छोटे से लक्ष्य को देखते हुए लग रहा थी कि इंग्लैंड को लग रहा था कि वह आसानी से मैच जीत जाएगी। लेकिन इंग्लैंड की टीम जब बल्लेबाजी करने उतरी तो मैच का नजारा बिल्कुल पलट गया।

पहले ही गेंद पर कप्तान ग्राहम गूच को शून्य रन पर आउट कर जिम्बाब्वे तेज गेंदबाज एडो ब्रांडेस ने इंग्लैंड के खेमें में चल रहे जश्न को शांत कर दिया। इसके तुरंत बाद ब्रांडेस ने ऐलन लंब को भी पवेलियन भेजकर इंग्लैंड को जोरदार झटका दिया। इंग्लैंड टीम की हालत तब और खस्ता हो गई जब पिंच हिटर इयान बॉथम को ओमर शाह ने 18 रन के निजी स्कोर पर आउट कर इंग्लैंड को बैकफुट पर ला दिया। 

एडो ब्रांडेस की कहर बरपाती गेंदबाजी के आगे इंग्लैंड के मिडल ऑर्डर ने दम तोड़ दिया और इंग्लैंड की टीम का स्कोर 3 विकेट पर 42 रन से 5 विकेट पर 43 रन हो गया। ब्रांडेस ने पहले रॉबिन स्मिथ को और फिर ग्रैमी हिक आउट कर इंग्लैंड की आधी टीम को 50 रन से पहले ही पवेलियन भेज दिया। 

इंग्लैंड के लिए एक झकझोर देने वाली हार दरवाजे पर दस्तक देने लगी थी। हार के कगार पर खड़ी इंग्लैंड की टीम के लिए नील फेयरब्रदर  और एलेक स्टीवर्ट ने कुछ समय तक मैच में संघर्ष किया पर जिम्बाब्वे की टीम तब तक इंग्लैंड टीम पर हावी हो चुकी थी। गेंदर बूटचार्ट औऱ ओमरशाह ने शानदार गेंदबाजी की औऱ देखते – देखते इंग्लैंड के बचे बांकी बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाने में देर नहीं करी। 

49.1 ओवरों में इंग्लैंड की पूरी टीम का केवल 125 रन पर ही और जिम्बाब्वे की टीम ने इतिहास रचते हुए 9 रन से मैच जीत लिया। 

जिम्बाब्वे के एडो ब्रांडेस ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 10 ओवर्स में केवल 21 रन देकर 4 विकेट लिए तो वहीं साथी गेंदबाज भी एतेहासिक जीत में बराबर के साथी रहे थे। जिम्बाब्वे कें गेंदबाजों ने बेहद ही आक्रमकता से साथ जो प्रदर्शन करा वो अविश्वसनीय था। जिम्बाब्वें के एडो ब्रांडेस को उनके शानदार गेंदबाजी के लिए मैन ऑफ द मैच का खिताब मिला। 

मुर्गी पालन करने वाले एडो ब्रांडेस ने जो इतिहास जिम्बाब्वें टीम के लिए ओवल के अल्बुरी के मैदान पर रचा वो किसी चमत्कार से कम नहीं था। 

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