आने वाले दिनों के क्रिकेट कैलेंडर में एक ख़ास आकर्षण है इंग्लैंड का पाकिस्तान टूर। पिछले साल पाकिस्तान जाना था लेकिन नहीं गए। इंग्लैंड टीम का मौजूदा टूर, 17 साल में ये पहला पाकिस्तान टूर है- कराची में 20 से 25 सितंबर तक चार टी20 और 28 सितंबर से 2 अक्टूबर के बीच बाकी तीन टी20 लाहौर में। मजेदार बात ये कि उसके बाद इंग्लैंड टीम दिसंबर में तीन टेस्ट खेलने फिर से पाकिस्तान आएगी और पहला टेस्ट दिसंबर 1-5 तक रावलपिंडी में तथा तीसरा टेस्ट दिसंबर 17-21 तक, कराची में। क्या इस पूरे प्रोग्राम को एक सीरीज गिनें या दो अलग-अलग सीरीज?
कुछ दिन पहले, भारत ने एजबेस्टन में, 2021 की अधूरी रही सीरीज का आखिरी टेस्ट खेला और इसी के साथ एक सीरीज के दो टेस्ट के बीच सबसे ज्यादा दिन की दूरी (टेस्ट के पहले दिन को गिनते हुए) का नया रिकॉर्ड बना- 302 दिन। सही मायने में ये सीरीज बिल्कुल अलग थी। फिर भी, किस सीरीज का रिकॉर्ड टूटा? पिछला रिकॉर्ड एक इंग्लैंड-पाकिस्तान सीरीज का ही था और इस नई सीरीज की बात करते हुए उस सीरीज को याद करना जरूरी हो जाता है। कमाल की सीरीज थी वह और आप ये जानकार हैरान रह जाएंगे कि क्या कभी ऐसे भी खेलते थे?
अब सीधे चलते हैं एमसीसी टीम (उन सालों में इंग्लैंड टीम, टूर पर इस नाम से खेलती थी) के 1961-62 के एशिया टूर पर- इसे एशिया टूर इसलिए कहते हैं क्योंकि टीम भारत, पाकिस्तान और सीलोन (तब श्रीलंका का नाम) में खेली थी। वैसे अगर आज के हिसाब से देखें तो इंग्लिश टीम ने एक टेस्ट 'बांग्लादेश' में भी खेला यानि कि तीन देश में टेस्ट- 1971 में ईस्ट पाकिस्तान बन गया बांग्लादेश। ये टूर 8 अक्टूबर, 1961 से 20 फरवरी, 1962 के बीच चला यानि कि लगभग 5 महीने। स्पष्ट है बड़ा मुश्किल टूर था- 24 मैच खेले, जिसमें 8 टेस्ट 5 दिन वाले और इनमें से 3 पाकिस्तान में और 5 भारत में। मजेदार बात ये कि टूर शुरू किया एक टेस्ट समेत तीन मैच पाकिस्तान में खेलने से, उसके बाद टूर का भारतीय हिस्सा, उसके बाद टूर का बचा पाकिस्तान वाला हिस्सा और टूर ख़त्म किया सीलोन में।