टी20 क्रिकेट का सीजन है ये- टी20 वर्ल्ड कप की बदौलत हर चर्चा में टी20 क्रिकेट का मिजाज है। क्रिकेट की दुनिया में, बढ़ती पेशेवर टी20 क्रिकेट लीग ने तो खिलाड़ियों की 'लॉयल्टी' पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। न्यूजीलैंड के ट्रेंट बोल्ट ने जो सिलसिला शुरू किया वह बढ़ता ही जा रहा है। घरेलू इंग्लिश क्रिकेट के लिए, नए स्ट्रक्चर के सुझाव में सर एंड्रयू स्ट्रॉस ने भी तो यही चेतावनी दी है- खिलाड़ी किसी काउंटी क्लब के सगे नहीं रहेंगे और सबसे ऊंची कीमत देने वाले के हो जाएंगे।
इसे आधुनिक क्रिकेट का अभिशाप कहा जा रहा है पर विश्वास कीजिए ये सच नहीं। इंग्लिश क्रिकेटर सिडनी (सिड) बार्न्स ने 100 से भी ज्यादा साल पहले खुद को 'बेचा' था- जो ज्यादा पैसा देगा उसके लिए खेलेंगे। सिड बार्न्स, कोई साधारण गेंदबाज नहीं थे। अपने करियर को लंबा खींचने के लिए, 30 साल की उम्र में काउंटी क्रिकेट खेलना छोड़ दिया पर क्लब क्रिकेट खेले। बार्न्स की स्टॉक बॉल लेग-ब्रेक थी। बार्न्स ने हमेशा खुद को स्पिनर कहा पर काफी तेज फेंकते थे- कीपर अक्सर स्टंप्स से कुछ गज पीछे खड़े होते थे और अपनी गेंद पर तीन स्लिप तक लगा देते थे। उनकी कुछ बड़ी उपलब्धियां :
- टेस्ट रिकॉर्ड : पहले वर्ल्ड वॉर से पहले 27 टेस्ट में 16.43 पर 189 विकेट।
- एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट का रिकॉर्ड : 1913-4 में दक्षिण अफ्रीका में 4 टेस्ट में 49 विकेट।
- आज तक किसी और ने बार्न्स की तरह प्रति टेस्ट 7 विकेटों का औसत नहीं निकाला है।
- अगर एंडरसन की तरह ढेरों टेस्ट खेले होते तो शायद 1000 से ज्यादा विकेट उनके नाम होते।
- कितने बेहतरीन थे इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 1928 में वेस्टइंडीज और 1929 में दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड टूर के दौरान भी उन्हें इंग्लैंड में सबसे अच्छा गेंदबाज गिना था हालांकि तब उम्र 50 साल से ज्यादा थी।
- कहते हैं कुल मिलाकर उनके नाम 6,000 से ज्यादा विकेट थे।
इंटरनेशनल/ सीनियर क्रिकेट से दूर जाना कोई आसान नहीं पर बार्न्स ने पैसे को देखा। हालात कभी-कभी कुछ और हो जाती हैं पैसे की वजह से। श्रीलंका, वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के कई क्रिकेटर दक्षिण अफ्रीका के रिबेल टूर पर गए- 1980 के दशक में जब वहां खेलने पर प्रतिबंध था। कई क्रिकेटर केरी पैकर सर्कस में गए। ये भी पैसे का लालच था। बार्न्स 1914 और 1927 के बीच फर्स्ट क्लास क्रिकेट नहीं खेले- दो सीजन माइनर काउंटियों के लिए और 9 सीजन वेल्स के लिए खेले। 36 सालों में सिर्फ 133 फर्स्ट क्लास मैच खेले- इनमें से सिर्फ 89 इंग्लैंड में।