जब इस साल आईपीएल शुरू होगी तो दो नए शहर का नाम चमकेगा- उनमें से एक लखनऊ है। आईपीएल में दो नई फ्रैंचाइजी में से एक लखनऊ- इसके 7,090 करोड़ रुपए में बिकने पर हैरानी तो होनी ही थी। आईपीएल की सबसे महंगी टीम है ये। सोचा ये जा रहा है कि आईपीएल की बदौलत उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का नाम क्रिकेट के नक़्शे पर चमकेगा- ऐसा नहीं है।
लखनऊ में क्रिकेट का जिक्र नया नहीं है- ये बात अलग है कि खुद उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने यहां क्रिकेट को सही तरह प्रमोट नहीं किया। इंटरनेशनल क्रिकेट की बात करें तो मैच आयोजित करने के मामले में उत्तर प्रदेश के दो बड़े शहर लखनऊ और कानपुर आपस में मुकाबला करते रहे। 1952-53 के भारत टूर में, पाकिस्तान की टीम दिल्ली में पहला टेस्ट हारने के बाद, सीरीज का दूसरा टेस्ट खेलने लखनऊ आई थी।
अगर लखनऊ में तब टेस्ट हुआ तो ये एक व्यक्ति की जिद्द का नतीजा था। 1857 में आजादी की लड़ाई में यहां जो हुआ- उसे अंग्रजों ने कभी भुलाया नहीं। नतीजा- लखनऊ नजरअंदाज हुआ। न सिर्फ सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी, हाई कोर्ट भी इलाहाबाद को दे दिए। सारी इंडस्ट्री कानपुर को और इन्हीं उद्योगपतियों की बदौलत ग्रीन पार्क में टेस्ट खेलना शुरू हो गया। विजी यानि कि महाराजकुमार ऑफ़ विजियानगरम ने जिद्द की- टेस्ट लखनऊ में खेलेंगे और अपने रुतबे से लखनऊ को टेस्ट दिला दिया।