Advertisement

ऑस्ट्रेलिया का वो महान बल्लेबाज, जो खेलता था तो हेडलाइन होती थी ‘गॉड’ उसकी तरफ है

ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट खिलाड़ी और कप्तान ब्रायन बूथ (Brian Booth) को, इस समय, याद करने की दो वजह हैं- एक तो ये कि इन दिनों एशेज सीरीज खेल रहे हैं और दूसरे लगभग 89 साल की उम्र में उनका देहांत

Advertisement
ऑस्ट्रेलिया का वो महान बल्लेबाज, जो खेलता था तो हेडलाइन होती थी ‘गॉड’ उसकी तरफ है
ऑस्ट्रेलिया का वो महान बल्लेबाज, जो खेलता था तो हेडलाइन होती थी ‘गॉड’ उसकी तरफ है (Image Source: Twitter)
Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
Jun 19, 2023 • 12:55 PM

ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट खिलाड़ी और कप्तान ब्रायन बूथ (Brian Booth) को, इस समय, याद करने की दो वजह हैं- एक तो ये कि इन दिनों एशेज सीरीज खेल रहे हैं और दूसरे लगभग 89 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया है। सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को 'गॉड ऑफ़ क्रिकेट' कहने वाले कई हैं, चेन्नई के आस-पास एमएस धोनी (MS Dhoni) के मंदिर हैं पर विश्वास कीजिए एक समय इंग्लैंड के अखबार हेडलाइन में लिखते थे- 'इंग्लैंड जीत नहीं सकता क्योंकि गॉड ब्रायन बूथ की तरफ है।'

Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
June 19, 2023 • 12:55 PM

बूथ की बात करना महज किसी खिलाड़ी के बारे में बात करना नहीं है। बहुत सी ऐसी बातें हैं जो ये कहने पर मजबूर कर देंगी कि हैरानी है कि ऐसा भी कोई खिलाड़ी था। इंटरनेशनल क्रिकेट करियर में 1960 के शुरुआती दौर में ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी लाइन अप के एक ख़ास खिलाड़ी थे- 29 टेस्ट जिनमें से 2 में कप्तान, 5 शतक, 42.21 औसत और 1,773 रन। अपना सबसे बड़ा टेस्ट स्कोर 169 बनाया 1963-64 में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध ब्रिसबेन में और उस सीरीज में उनके दो शतक थे। 1965 में, चार्ली ग्रिफिथ, वेस हॉल और गैरी सोबर्स के पॉवरफुल वेस्टइंडीज अटैक पर पोर्ट ऑफ स्पेन में एक और शतक बनाया।

Trending

1965-66 एशेज सीरीज में बॉब सिम्पसन कप्तान थे पर जिन दो टेस्ट में वे नहीं खेले तो बूथ कप्तान थे। गड़बड़ ये हुई कि उस दौरान बूथ कोई ख़ास बल्लेबाजी नहीं कर पाए और जैसे ही सिम्पसन लौटे- बूथ प्लेइंग इलेवन से भी बाहर। टेस्ट कप्तान से सीधे टीम से बाहर और फिर कभी टेस्ट नहीं खेले। ये तब इतना बड़ा और अनोखा फैसला था कि सिलेक्शन कमेटी के चेयरमैन सर डॉन ब्रैडमैन, बूथ को चिठ्ठी लिखने पर मजबूर हो गए थे- ये बताने के लिए कि ऐसा क्यों हुआ? वह ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट में बदलाव का दौर था और नए खिलाड़ी टीम में आ रहे थे- इयान चैपल और कीथ स्टैकपोल उसी सीरीज में टीम में आए थे। 

और एक ख़ास बात- वे हॉकी भी खेलते थे और इतने बेहतर कि ऑस्ट्रेलिया के लिए इंटरनेशनल स्तर पर खेले। यहां तक कि 1956 मेलबर्न ओलंपिक टीम में इनसाइड-लेफ्ट थे।  क्रिकेट में अपने पॉवरफुल स्ट्रोक-प्ले और लचीले फुटवर्क का श्रेय वे हॉकी को देते थे। जब मेलबर्न ओलंपिक टीम में चुने गए तो बड़ा विवाद हुआ। तब चूंकि क्रिकेट खेलने की फीस मिलती थी इसलिए मीडिया में उन्हें प्रोफेशनल कह दिया जिससे ओलंपिक में हिस्सा लेने पर सवाल खड़ा हो गया। मामला आईओसी तक पहुंचा और बूथ के साथ -साथ, हॉकी टीम के अन्य दो फर्स्ट क्लास क्रिकेटरों इयान डिक और मौरिस फोले को भी ओलंपिक में हिस्सा लेने की मंजूरी मिली।  

यहां एक रिकॉर्ड को ठीक करना जरूरी है। ज्यादातर रिकॉर्ड बुक में उन्हें टेस्ट क्रिकेट और ओलंपिक में खेलने वाला खिलाड़ी लिखते हैं। ये गलत है। वे ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली टीम में थे पर सच ये है कि ऑस्ट्रेलिया ने उन्हें 5 में से किसी मैच में नहीं खिलाया। ओलंपिक खेलों में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने वाले एकमात्र ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर और इंटरनेशनल हॉकी मैच खेलने वाली बात सही है।  

गजब के सज्जन क्रिकेटर थे। कभी भी, आउट होने पर अंपायर के फैसले का इंतजार न खुद किया और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए कहते थे। रे रॉबिन्सन ने लिखा- 'अगर वर्ल्ड वॉर के बाद, क्रिकेटरों में स्पोर्ट्समैनशिप का अवार्ड शुरू हो तो पहला अवार्ड ब्रायन को जीतना चाहिए।' पॉल व्हाइट नाम के एक मिशनरी के साथ मिलकर लिखी उनकी ऑटोबायॉग्रफी 'बूथ टू बैट' दो बार छपी और इसकी 40,000 कॉपी बिकीं जो रिकॉर्ड था। रिटायरमेंट के बाद क्लब क्रिकेट खेलते रहे लेकिन ध्यान इससे भी आगे था- एनएसडब्ल्यू क्रिकेट एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट बने और 1974 के पार्लियामेंट के चुनाव में सेंट जॉर्ज सीट से लिबरल पार्टी के टिकट पर उम्मीदवार थे। हालांकि 21,000 से ज्यादा वोट मिले पर जीत नहीं पाए। इसके बाद वापस टीचिंग में लौट आए और साथ-साथ बैपटिस्ट प्रचारक बन गए।  

Also Read: Live Scorecard

उनके समय में, ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत और पाकिस्तान टूर पर आई पर वे सिर्फ इस वजह से नहीं आए कि टेस्ट प्रोग्राम में इतवार के दिन भी क्रिकेट खेलना लिखा था। वे कहते थे कि इतवार का दिन चर्च जाने के लिए होता है। करियर के, जिस भी टेस्ट में इतवार के दिन क्रिकेट थी- वे नहीं खेले। इतने धार्मिक थे कि अखबार अक्सर लिखते थे- ऐसा लगता है कोई चर्च प्रतिनिधि क्रिकेट खेल रहा है। इसीलिए जब स्टीव वॉ ने स्लेजिंग शुरू की तो वे उनके सबसे बड़े आलोचक थे।

Advertisement

Advertisement