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Cricket Tales - जब टेस्ट की एक ही पारी में टीम इंडिया के सभी 11 खिलाड़ियों ने गेंदबाजी की

वैसे जब भी टीम के सभी 11 खिलाड़ी गेंदबाजी करें तो जरूर उसके पीछे कोई न कोई ख़ास बात होगी। टेस्ट क्रिकेट में भी ऐसा हो चुका है। एक बार तो भारत की टीम ने भी ऐसा किया था।ये वेस्टइंडीज-भारत,

Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti July 20, 2022 • 10:37 AM
When all 11 Indian players bowled in an innings
When all 11 Indian players bowled in an innings (Image Source: Google)
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Cricket Tales - हाल ही में, इंग्लैंड में काउंटी चैंपियनशिप के एक मैच में मिडिलसेक्स की दूसरी पारी में नॉटिंघमशायर के सभी 11 खिलाड़ियों ने गेंदबाजी की। इसमें कुछ गलत नहीं पर आम तौर पर ऐसा होता नहीं है- ऐसी नौबत कैसे आ गई कि विकेटकीपर ने भी गेंदबाजी की? इसीलिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में ऐसा सिर्फ 63 बार हुआ है- इसमें उस 1880 के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी-जेंटलमैन ऑफ इंग्लैंड मैच को नहीं गिना जिसमें 12 खिलाड़ियों ने गेंदबाजी की (हालांकि मैच फर्स्ट क्लास गिना जाता है)।

नॉटिंघमशायर ने पहली पारी में 551-8 बनाकर मिडलसेक्स को 376 पर आउट कर दिया। फॉलोऑन पारी में मिडिलसेक्स ने 261/1 बनाकर मैच को बेकार कर दिया और तब ड्रा के लिए रुके। जब ये लगभग तय हो गया था कि मैच का रोमांच खत्म हो चुका है तो मेजबान टीम ने अपने ख़ास गेंदबाजों को आराम देकर, बाकी सभी को गेंदबाजी पर लगा दिया। वैसे जब भी टीम के सभी 11 खिलाड़ी गेंदबाजी करें तो जरूर उसके पीछे कोई न कोई ख़ास बात होगी। टेस्ट क्रिकेट में भी ऐसा हो चुका है। एक बार तो भारत की टीम ने भी ऐसा किया था।

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ये वेस्टइंडीज-भारत, रिक्रिएशन ग्राउंड, सेंट जॉन्स, मई 2002 के टेस्ट की बात है। आम तौर पर जब भी इस टेस्ट का जिक्र आता है तो अनिल कुंबले की टूटे जबड़े के साथ गेंदबाजी का जिक्र होता है। यह एक बड़ा दिलचस्प टेस्ट था जिसमें विकेटकीपर दो ख़ास रिकॉर्ड के लिए जिम्मेदार थे। पहली बार ऐसा हुआ कि खेल रहे दोनों विकेटकीपर अजय रात्रा (भारत के 513-9 में 115*) और रिडले जैकब्स (वेस्टइंडीज के 629-9 में 118) ने शतक बनाए।

इसके अतिरिक्त, कप्तान सौरव गांगुली ने वेस्टइंडीज की इसी पारी में अपने सभी 11 खिलाड़ियों को गेंदबाजी के लिए कहा था- सबसे आखिर में रात्रा ने एक ओवर फेंका। उस दौरान, राहुल द्रविड़ ने विकेटकीपिंग की। इस तरह दोनों टीम ने बड़ा स्कोर तो बनाया पर टेस्ट बेकार कर दिया। अजय रात्रा, मैन ऑफ द मैच रहे। रात्रा, शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के विकेटकीपर बने। भारत तब, टेस्ट क्रिकेट में, एक पारी में 11 गेंदबाजों का उपयोग करने वाली तीसरी टीम बना था।

चौथे टेस्ट मैच के आख़िरी दिन जब खेल शुरू हुआ- तब तक भारत की एक पारी और वेस्टइंडीज की आधी पारी हो चुकी थी। रिडले जैकब्स (एक क्लब मैच में 200 बनाकर वेस्टइंडीज टीम में वापस आए थे) और शिवनारायण चंद्रपॉल जम गए। चंद्रपॉल उन दिनों गजब की फार्म में थे- आउट होने का नाम ही नहीं लेते थे। लंच तक, भारत ने अपने टॉप गेंदबाजों को लगाए रखा।

लंच के बाद, टेस्ट तमाशा बन गय। जैकब्स ने 118 रन बनाए (206 गेंद, 11 चौके, 5 छक्के)- इस तरह दोनों 'कीपरों' ने एक टेस्ट में शतक बनाया। वेस्टइंडीज की टीम चाय पर 591-6 पर थी। गांगुली अब फिजूल में अपने मुख्य गेंदबाजों को थकाना नहीं चाहते थे और वे गलत नहीं थे। टेस्ट में हार-जीत का नतीजा निकलने के कोई आसार नहीं बचे थे। वसीम जाफर, वीवीएस लक्ष्मण और शिव सुंदर दास ने ऑफ स्पिन गेंदबाजी की। खुद कप्तान भी नहीं रुके- एक ही ओवर में ऑफ स्पिन और लेग स्पिन दोनों फेंक दीं। चंद्रपॉल ने क्रीज पर कब्जा जारी रखा।

लक्ष्मण, जाफर और द्रविड़ सभी ने अपना पहला टेस्ट विकेट लिया। आखिरकार वेस्टइंडीज ने 629-9 पर पारी समाप्त घोषित की। चंद्रपॉल 510 गेंदों में 136 रन की पारी खेलकर नाबाद रहे।

सिर्फ रिकॉर्ड के लिए मैच एक बड़ी याद बन गया। दुर्भाग्य से, बड़ी स्कोरिंग, रिकॉर्ड बने पर रोमांच गायब था।


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