धारदार आक्रमण, रक्षात्मक सुदृढ़ता और कुछ महत्वपूर्ण पल रहे आईएसएल 2024-25 के पहले चरण के मुख्य आकर्षण
जैसा कि इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) 2024-25 सीजन का मैचवीक 14 समाप्त हो गया है, जिसमें पिछले सीजन की तुलना में उल्लेखनीय आक्रामक, रक्षात्मक और समग्र रणनीतिक बदलाव देखने को मिले। आंकड़े न केवल एक्शन से भरपूर अभियान की रोमांचक तस्वीर पेश करते हैं, बल्कि उन शानदार कहानियों की नींव भी रखते हैं, जिन पर आगे नजर बनाए रखने की जरूरत है।
जैसा कि इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) 2024-25 सीजन का मैचवीक 14 समाप्त हो गया है, जिसमें पिछले सीजन की तुलना में उल्लेखनीय आक्रामक, रक्षात्मक और समग्र रणनीतिक बदलाव देखने को मिले। आंकड़े न केवल एक्शन से भरपूर अभियान की रोमांचक तस्वीर पेश करते हैं, बल्कि उन शानदार कहानियों की नींव भी रखते हैं, जिन पर आगे नजर बनाए रखने की जरूरत है।
आंकड़ों की नजर से उभरी तीन प्रमुख कहानियां
नोट: 2023-24 के सभी आंकड़े पिछले सीजन के मैचवीक 14 के अंत तक प्रासंगिक हैं
1. गोल संख्या में इजाफा
इस बार 14वें मैच सप्ताह के समापन तक हुए गोलों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिसमें कुल 252 गोल देखे गए, जो पिछले सीजन की इसी अवधि में 204 गोलों से 23.53 प्रतिशत अधिक है। यह इजाफा दिखाता है कि इस बार अधिक आक्रामक फुटबॉल खेली जा रही है। चार टीमें- नॉर्थईस्ट यूनाइटेड एफसी (29), बेंगलुरू एफसी (27), मोहन बागान सुपर जायंट (26) और ओडिशा एफसी (25) 25 या उससे अधिक गोल कर चुकी हैं।
सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि प्रति मैच औसत गोल बढ़ा है जो 2023-24 में 2.55 था और इस सीजन में 3 हो गया है। इससे प्रशंसकों ने ज्यादा रोमांच महसूस किया है।
खिलाड़ियों की व्यक्तिगत आक्रमण क्षमता बेहतर हुई है। नॉर्थईस्ट यूनाइटेड के अलाएद्दीन अजारेई 13 मैचों में 14 गोल (चार असिस्ट भी) के साथ गोल्डन बूट की रेस में सबसे आगे हैं और वह पिछले सीजन के टॉप स्कोरर रॉय कृष्णा से आगे निकल चुके हैं, जिन्होंने इस अवधि में 15 मैचों में 11 गोल किए थे। इस बार कृष्णा तीन गोल पाए हैं, जबकि उनके जोड़ीदार डिएगो मौरिसियो औसतन हर 77.6 मिनट में एक गोल करके या सहायता करके 10 गोल का योगदान दे चुके हैं।
2. रक्षात्मक सुदृढ़ता में सुधार
इस बार बढ़ती हुई आक्रामकता के कारण रक्षात्मक रिकॉर्ड पर थोड़ा असर पड़ा है। 2023-24 में क्लीन शीट की संख्या 44 थी, जबकि 2024-25 में थोड़ी कम होकर 43 हो गई है। इसके बावजूद, मोहन बागान सुपर जायंट (6), बेंगलुरू एफसी (5), और मुम्बई सिटी एफसी (5) ने पांच या उससे अधिक क्लीन शीट दर्ज करके रक्षात्मक अनुशासन दिखाया है।
दिलचस्प बात यह है कि क्लीन शीट यकीनन टीमों की बेहतर आक्रमण क्षमता को दर्शाती है। पिछले साल मैचवीक 14 के अंत में शॉट रूपांतरण दर 10.59 प्रतिशत थी जो इस बार बढ़कर 10.91 प्रतिशत तक पहुंच गई है। अल्बर्टो रोड्रिग्स (44.44%), नाथन रोड्रिग्स (40%), रयान विलियम्स (38.46%), सुनील छेत्री (32.14%) और अस्मिर सुलजिक (30%) जैसे खिलाड़ियों ने आईएसएल 2024-25 में बढ़िया फिनिशिंग क्षमता दिखाई है।
ईस्ट बंगाल एफसी सबसे ज्यादा क्लीन शीट रखने वाली टीमों में चौथे स्थान पर है। उसने पिछले छह मुकाबलों में से तीन में कोई गोल नहीं खाया है। उसने सीजन में छह शुरुआती पराजयों के बाद 12 अंक जुटाए हैं।
3. अंतिम क्षणों में खूब हुए गोल
जहां 2023-24 के शुरुआती 14 मैचवीक के दौरान 85वें मिनट में से लेकर मैच समाप्त होने तक 24 गोल किए गए थे, वहीं, इस बार इसी समयावधि में 34 गोल हो चुके हैं। अंतिम क्षणों में गोलों की वृद्धि दर्शाती है कि टीमें अंत तक जीत के लिए लड़ती हैं।
इसके अलावा, आईएसएल 2024-25 में अब तक 16 बार पिछड़कर वापसी भरी जीत देखने को मिली है, जो टीमों के जुझारूपन को दर्शाती है। खासकर दूसरे हाफ में, वे विपक्षी की रणनीतिक गलतियों का फायदा उठाने के लिए अधिक तैयार रही हैं। देर से गोल अधिक होने के कारण आईएसएल का रोमांच अधिक हुआ है, क्योंकि अंतिम सीटी तक कोई भी बढ़त सुरक्षित नहीं लगती है।
जहां 2023-24 के शुरुआती 14 मैचवीक के दौरान 85वें मिनट में से लेकर मैच समाप्त होने तक 24 गोल किए गए थे, वहीं, इस बार इसी समयावधि में 34 गोल हो चुके हैं। अंतिम क्षणों में गोलों की वृद्धि दर्शाती है कि टीमें अंत तक जीत के लिए लड़ती हैं।
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Article Source: IANS