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अगले दो मैचों में विपक्षी टीमों के सामने भारतीय हॉकी टीम की 'दीवार' भेदने की चुनौती

Paris Olympic Games: पेनल्टी शूटआउट में मैच और सेमीफाइनल में जगह दांव पर थी, और ग्रेट ब्रिटेन के सामने आठ सेकंड के समय के अंदर 'पीआर श्रीजेश' नाम की दीवार को भेदने का लक्ष्य था। ग्रेट ब्रिटेन इस दीवार को नहीं भेद पाया और पेरिस ओलंपिक के पुरुष हॉकी क्वार्टरफाइनल मैच में भारत के खिलाफ शूटआउट में 2-4 से हार गया।

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IANS News
By IANS News August 04, 2024 • 18:34 PM
‘Expect nothing but gold from Sreejesh,' says his wife Aneeshya ahead of Paris Olympic Games. Photo
‘Expect nothing but gold from Sreejesh,' says his wife Aneeshya ahead of Paris Olympic Games. Photo (Image Source: IANS)

Paris Olympic Games: पेनल्टी शूटआउट में मैच और सेमीफाइनल में जगह दांव पर थी, और ग्रेट ब्रिटेन के सामने आठ सेकंड के समय के अंदर 'पीआर श्रीजेश' नाम की दीवार को भेदने का लक्ष्य था। ग्रेट ब्रिटेन इस दीवार को नहीं भेद पाया और पेरिस ओलंपिक के पुरुष हॉकी क्वार्टरफाइनल मैच में भारत के खिलाफ शूटआउट में 2-4 से हार गया।

यह श्रीजेश का 23वां पेशेवर शूटआउट और 13वीं जीत थी। यही कारण है कि ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ भारतीय खिलाड़ियों ने ड्रॉ हासिल करने और मैच को शूटआउट तक ले जाने पर पहले से ही जीत की तरह जश्न मनाया। उन्हें पता था कि उनका गोलकीपर उन्हें आगे बढ़ाएगा। क्योंकि लगभग दो दशकों से पीआर श्रीजेश यही कर रहे हैं।

मैच के बाद, श्रीजेश ने अपने प्रदर्शन को केवल 'सामान्य' बताया। लेकिन यह बहुत खास प्रदर्शन था। इस मैच में ग्रेट ब्रिटेन ने 21 शॉट्स लिए, 11 पेनल्टी कॉर्नर जीते और सिर्फ एक ही गोल किया। यह एक गोलकीपिंग मास्टर क्लास थी। पीआर ब्रजेश ने 92 प्रतिशत की दक्षता के साथ 11 सेव किए।

टूर्नामेंट से पहले ही श्रीजेश ने घोषणा कर दी थी कि यह उनके करियर का आखिरी ओलंपिक होगा। पूरी टीम ने भी ऐलान किया था कि वो श्रीजेश के लिए खेलेंगे। लेकिन अंततः, हर बार की तरह, श्रीजेश ही टीम के लिए खेलते नजर आए। पेरिस ओलंपिक में उन्होंने अर्जेंटीना और आयरलैंड जैसे मैचों में डिफेंस की कमजोरियों को अपने शानदार बचाव से छुपाया, तो ऑस्ट्रेलिया जैसे मैचों में अच्छी शुरुआत को और मजबूत किया। लेकिन उनका जादुई प्रदर्शन क्वार्टर फाइनल में आया।

मैच के बाद, श्रीजेश ने अपने प्रदर्शन को केवल 'सामान्य' बताया। लेकिन यह बहुत खास प्रदर्शन था। इस मैच में ग्रेट ब्रिटेन ने 21 शॉट्स लिए, 11 पेनल्टी कॉर्नर जीते और सिर्फ एक ही गोल किया। यह एक गोलकीपिंग मास्टर क्लास थी। पीआर ब्रजेश ने 92 प्रतिशत की दक्षता के साथ 11 सेव किए।

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Article Source: IANS


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