'म्हारी छोरियां छोरों से कम है के', हरियाणा की बेटियां ओलंपिक में सब पर हावी
Kiran Pahal: पेरिस ओलंपिक में भारत के खाते में दो मेडल आ चुके हैं। हरियाणा की लड़कियों की गूंज पेरिस ओलंपिक में सुनाई दे रही है, मनु भाकर के बाद सोनीपत के गांव गुमड़ की रहने वाली किरण पहल से देश को 400 मीटर रेस में पदक की उम्मीद है, अगर किरण पदक लाने में कामयाब हुई तो वो ऐसी पहली महिला एथलेटिक्स खिलाड़ी बन जाएंगी, जिन्होंने इस इवेंट में देश के लिए पदक जीता होगा।
Kiran Pahal: पेरिस ओलंपिक में भारत के खाते में दो मेडल आ चुके हैं। हरियाणा की लड़कियों की गूंज पेरिस ओलंपिक में सुनाई दे रही है, मनु भाकर के बाद सोनीपत के गांव गुमड़ की रहने वाली किरण पहल से देश को 400 मीटर रेस में पदक की उम्मीद है, अगर किरण पदक लाने में कामयाब हुई तो वो ऐसी पहली महिला एथलेटिक्स खिलाड़ी बन जाएंगी, जिन्होंने इस इवेंट में देश के लिए पदक जीता होगा।
किरण के लिए एक छोटे से गांव से निकल ओलंपिक तक का सफर तय करना आसान नहीं था। उनकी कहानी काफी संघर्षों से भरी हुई है। एक समय ऐसा था जब वो दौड़ करने के जूते से लेकर खाने तक के पैसे भी दादी की पेंशन से लेती थी, लेकिन अब परिवार का नाम रोशन करने के लिए पेरिस ओलंपिक में दौड़ लगाने के लिए तैयार किरण ने अपनी कड़ी मेहनत से अपनी किस्मत बदली है।
हरियाणा को पहलवानों और खिलाड़ियों की धरती कहा जाता है। पेरिस ओलंपिक में भी भारत की पदक तालिका का खाता हरियाणा की बेटी मनु भाकर ने खोला तो हरियाणा के कई ऐसे खिलाड़ी अभी भी पेरिस की धरती पर मौजूद है जो देश के लिए पदक लाने का दम रखते हैं।
400 मीटर रेस में सोनीपत के गांव गुमड़ की रहने वाली 24 साल की किरण पहल देश के लिए पदक जीतने का भरोसा लिए पेरिस की धरती पर मौजूद है। गांव गूमड़ के रहने वाले ओमप्रकाश ने ये सपना संजोया था कि उनका बेटा या बेटी देश के लिए ओलंपिक का मेडल जीते और अब उनके इस सपने को पूरा करने के लिए किरण कड़ी मेहनत कर रही हैं।
शुरुआती दौर में किरण के परिवार वालों को उनके गांव वालों के खूब ताने सुनने पड़े। हर कोई उनसे यही कहता था कि बेटी है घर पर रखो। किरण के लिए सबसे मुश्किल घड़ी तब आई जब साल 2022 में उनके पिता की बीमारी के कारण मौत हो गई। हालांकि, किरण ने अपने पिता की मौत के बाद अपनी तैयारी और जोर शोर से शुरू की ताकि वह अपने पिता का सपना पूरा कर सके और आज नतीजा ये है कि वह पेरिस की धरती पर मौजूद हैं और देश के लिए मेडल लाने के लिए पसीना बहा रही हैं।
400 मीटर रेस में सोनीपत के गांव गुमड़ की रहने वाली 24 साल की किरण पहल देश के लिए पदक जीतने का भरोसा लिए पेरिस की धरती पर मौजूद है। गांव गूमड़ के रहने वाले ओमप्रकाश ने ये सपना संजोया था कि उनका बेटा या बेटी देश के लिए ओलंपिक का मेडल जीते और अब उनके इस सपने को पूरा करने के लिए किरण कड़ी मेहनत कर रही हैं।
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किरण भारतीय रेलवे में कर्मचारी है। उसने रोहतक में देश के लिए मेडल लाने के लिए खूब पसीना बहाया है। पूरे देश को पहली बार किसी महिला एथलीट से पदक की उम्मीद है तो वह किरण पहल से है। उनके परिवार समेत पूरे देश की यही उम्मीद है कि किरण देश के लिए पदक लाए और देश का नाम रोशन करे।