सुमित अंतिल का ऐतिहासिक 'स्वर्ण', पैरा ओलंपिक खेलों में अपने नाम दर्ज किया बड़ा रिकॉर्ड
Javelin Throw F64: भारत के दो बार के विश्व चैंपियन सुमित अंतिल ने सोमवार को लगातार पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। वह ऐसा करने वाले पहले पैरा-एथलीट बन गए हैं।
Javelin Throw F64: भारत के दो बार के विश्व चैंपियन सुमित अंतिल ने सोमवार को लगातार पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। वह ऐसा करने वाले पहले पैरा-एथलीट बन गए हैं।
करीब एक महीने पहले नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में देश के लिए सिल्वर जीता था और अब सुमित अंतिल ने स्वर्ण पदक। बस फर्क इतना है कि नीरज ने ओलंपिक में जीता और सुमित ने पैरालंपिक में यह मुकाम हासिल किया।
सोमवार को पुरुषों के जैवलिन थ्रो इवेंट में न केवल सुमित ने अपने स्वर्ण का बचाव किया, बल्कि 70.50 मीटर के थ्रो के साथ अपने पुराने पैरालंपिक रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया।
73.29 मीटर का विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले अंतिल ने अपने पहले थ्रो के साथ मौजूदा पैरालंपिक रिकॉर्ड तोड़ दिया, उन्होंने भाला 69.11 मीटर तक फेंका और 2021 में टोक्यो में बनाए गए 68.55 मीटर के अपने रिकॉर्ड में सुधार किया।
उन्होंने अपने दूसरे थ्रो में इसमें और सुधार किया तथा भाला 70.59 मीटर तक फेंका, इस प्रकार उन्होंने स्वर्ण पदक लगभग सुनिश्चित कर लिया, क्योंकि अन्य कोई भी प्रतियोगी उनके पहले थ्रो के करीब नहीं पहुंच सका।
हरियाणा के सोनीपत के 29 वर्षीय अंतिल, जिन्होंने 2023 में पेरिस में विश्व चैम्पियनशिप का स्वर्ण और फिर कुछ महीने पहले 2024 में कोबे, जापान में स्वर्ण जीता था।
श्रीलंका के दुलान कोडिथुवाक्कू ने 67.03 के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ रजत पदक जीता, जबकि ऑस्ट्रेलिया के ब्यूरियन माइकल ने 64.89 के थ्रो के साथ कांस्य पदक जीता।
भारत के संदीप चौधरी 62.80 के सीजन के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ चौथे स्थान पर रहे।
पुरुषों की एफ64 श्रेणी में स्वर्ण पदक के लिए टूर्नामेंट से पहले पसंदीदा माने जा रहे सुमित अंतिल इस प्रकार पैरालंपिक खेलों में ट्रैक और फील्ड प्रतियोगिता में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले देवेंद्र झाझरिया के बाद दूसरे भारतीय बन गए हैं।
वह झाझरिया और अवनि लेखरा के बाद पैरालंपिक खेलों में कई स्वर्ण पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय पैरा-खिलाड़ी भी हैं।
इस खास अवसर पर सुमित को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई दिग्गजों ने बधाई दी।
वह झाझरिया और अवनि लेखरा के बाद पैरालंपिक खेलों में कई स्वर्ण पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय पैरा-खिलाड़ी भी हैं।
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Article Source: IANS