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क्रिकेट फैन्स को लगा झटका: इस वजह से कोहली छिन लेगें धोनी से वनडे और टी- 20 की कप्तानी

27 जुलाई, (CRICKETNMORE)। भारत के टेस्ट टीम के कप्तान कोहली ने वेस्टइंडीज के खिलाफ जिस अंदाज में कप्तानी पारी खेली उससे क्रिकेट जगत में इस बात को लेकर बहस छिड़ने लगी है कि अब वक्त आ गया है कि कोहली

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma July 27, 2016 • 16:54 PM
ये हैं 3 कारण जिससे कोहली को तीनों फॉर्मेट का कप्तान बना देना चाहिए
ये हैं 3 कारण जिससे कोहली को तीनों फॉर्मेट का कप्तान बना देना चाहिए ()
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27 जुलाई, (CRICKETNMORE)। भारत के टेस्ट टीम के कप्तान कोहली ने वेस्टइंडीज के खिलाफ जिस अंदाज में कप्तानी पारी खेली उससे क्रिकेट जगत में इस बात को लेकर बहस छिड़ने लगी है कि अब वक्त आ गया है कि कोहली को वनडे और टी- 20 क्रिकेट में भी कप्तान बना दिया जाए। भविष्य के लिए बीसीसीआई को अब निर्णायक निर्णय लेने का समय आ गया है क्योंकि समय बीतने में ज्यादा वक्त नहीं लगता है और देखते – देखते टी- 20 वर्ल्ड और 50 ओवर वाले वर्ल्ड कप का समय भी निकट आ जाएगा। कोहली को झटका, गर्लफ्रेंड अनुष्का शर्मा ने किसी और से की सगाई

ऐसे में यदि भारत  को वनडे क्रिकेट में फिर से बादशाह बनना है तो यकिनन कोहली को वनडे और टी- 20 क्रिकेट में भी नेतृत्व का मौका दे देना चाहिए। लेकिन इस बात को लेकर अभी भी कोई निर्णय नहीं हुआ है। लेकिन हम आपको बताते हैं ऐसे 3 कारण जिसके कारण अब कोहली को टी- 20 और वनडे की कप्तानी भी मिल जानी चाहिए।

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# मैदान पर बेहद ही आक्रमक रहते हैं कोहली- कोहली अपने करियर के शुरुआत से ही आक्रमक रहे हैं। विरोधी टीमों के खिलाफ आंखों से आखें मिलकर हमला करना कोहली की निशानी बन चुकी हैं। कोहली की इसी क्षमता का फायदा भारत को विदेशी जमीन पर भी मिला हैं जहां विरोधी टीम कोहली से आंख मिलाने की कोशिश तो करती हैं लेकिन उन्हें मात खाना पड़ता है। आपको याद हो कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी बल्लेबाजी के दौरान कोहली ने जिस तरह से कंगारू गेंदबाज फॉक्नर के जुबानी हमले पर जमकर फटकार लगाई थी। कोहली ने फॉक्नर को यहां तक का दिया था कि मुझसे भिड़ने से तुम्हें कोई फायदा नहीं होगा मैंने अपने करियर में तुम्हारी खूब धूनाई की है। धोनी के इसी आक्रमक रवैया ने क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लिया था। इसके अलावा कोहली फील्डिंग के समय में बेहद ही जागरूक रहते हैं जिससे विरोधी टीम कोहली के हर एक निर्णय को बारिकी से परखते रहते हैं।

# युवा खिलाड़ियों में लोकप्रिय हुए कोहली: टेस्ट टीम के कप्तान कोहली युवा खिलाड़ियों में काफी लोकप्रिय हो गए हैं। यहां तक की हर एक युवा खिलाड़ी कोहली के कारनामें को देखकर कोहली जैसा बनना चाहता है। कुछ दिन पहले ही फर्स्ट क्लास क्रिकेट का युवा सितारा सरफराज खान ने कोहली जैसा बनने की ख्वाईश जताई है। टेस्ट टीम में जिस तरह से कोहली युवा खिलाड़ियों का इस्तमाल कर रहे हैं वो लाजबाव हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ एंटीगा में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारत की टीम ने 5 गेंदबाजों के साथ वेस्टइंडीज पर आक्रमण किया था। अपने रणनीति पर कोहली हमेशा कायम रहते हैं। कोहली छोटी टीमों के खिलाफ खेल रहे हों या फिर बड़ी टीमों के खिलाफ उनकी आक्रमक क्षमता को एक समान रखते हैं। कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी कप्तानी से भारत को 22 साल बाद श्रीलंका में टेस्ट सीरीज जीताई थी। कोहली अभी केवल 27 साल के हैं जिससे भारतीय टीम में कोहली के समान उम्र के कई खिलाड़ी हैं जिससे कोहली के साथ बिना झिझक साथी खिलाड़ी सलाह देने और लेने के लिए कोहली के पास पहुंच जाते हैं। ब्रेकिंग: आईपीएल को टक्कर देने आ रही है सबसे बड़ी लीग

# कोच और पूर्व क्रिकेटरों के चहेते हुए कोहली- भारत के हेड कोच अनिल कुंबले ने हालांकि कोहली के वनडे और टी- 20 में कप्तान बनने को लेकर कोई बयान तो नहीं दिया है लेकिन जिस तरह से दोनों के बीच तालमेल बैठ रहा है ये कहना उचित होगा कि आने वाले समय में कुंबले भी कोहली के पक्ष में आ जा सकते हैं। वैसें कई पूर्व खिलाड़ी इस मुद्दे पर 2 खेमों में बंटे हुए हैं। एक तरफ रवि शास्त्री ने अपने कोच रहते ये बयान दिया था कि समय आ गया है कि कोहली को तीनों फॉर्मेट का कप्तान बना देना चाहिए।

इसके अलावा पूर्व भारतीय विकेटकीपर फारुख इंजीनियर ने एक दफा कहा था कि ‘कोहली शानदार खिलाड़ी हैं और कप्तान बनने को हकदार है लेकिन हमें उसे समय देना होगा. हमें इसके साथ अपने पास मौजूद कौशल का भी बचाव करना होगा. इसके उलट कई पूर्व खिलाड़ी चाहते हैं कि कोहली को कुछ और समय देना चाहिए ताकि वो अपने कौशल क्षमता को परख सके। गावस्कर ने अपने बयान में कहा है कि इसमें कोई शक नहीं कि कोहली भारत के बेहतरीन बल्लेबाज हैं लेकिन उन्हें तीनों फॉर्मेट का कप्तान बनानें के लिए जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।

वैसे इस बात पर कोई शक नहीं होनी चाहिए कि धोनी 2016 वर्ल्ड कप तक 38 साल के हो जाएगें और यदि धोनी वनडे क्रिकेट खेलते रहे तो धोनी के प्रशंसक यही चाहेगे की धोनी को एक मौका दिया जा सके। लेकिन सही तौर पर सोचा जाए तो धोनी के लिए आने वाला समय बेहद ही निर्णायक होने वाला है। कप्तान के तौर पर धोनी का रिकॉर्ड किसी से छुपा नहीं है। धोनी की कप्तानी में भारत ने वर्ल्ड टी- 20 2007, वर्ल्ड कप 2011 और एक चैंपियंस ट्रॉफी पर भारत को नवाजा गया तो वहीं 2 दफा भारत की टीम धोनी की कप्तानी में एशिया कप जीतमें में सफल रही है। धोनी की कप्तानी में भारत की टीम टेस्ट, वनडे और टी- 20 में आईसीसी रैंकिंग में नंबर वन पर भी पहुंचने का गौरव प्राप्त हुआ है। जो रूट ने कोहली को टेस्ट क्रिकेट में धराशायी किया

लेकिन धोनी की क्षमता समय के साथ – साथ कम हुई है। अब वक्त आ गया है कि धोनी कप्तानी के भार से मुक्त होकर कर एक खिलाड़ी के तौर पर भारत के लिए अपना योगदान दे। सभी जानते हैं कि महान सचिन तेंदुलकर कभी भी भारत के लिए बेहतरीन कप्तान साबित नहीं हुए लेकिन मैदान पर सचिन की सलाह हमेशा भारत के लिए कामयाब रही है। धोनी अच्छे कप्तान रहे हैं और यदि मैदान पर कोहली को धोनी जैसे खिलाड़ी का साथ मिलता है तो भारतीय टीम के लिए अच्छी बात होगी। भारतीय फैन्स भी चाहते हैं कि अब धोनी का एक अलग रूप भी सामने आए।सभी चाहते हैं कि धोनी और कोहली की जोड़ी कम से कम साल 2019 तक बने रहे लेकिन धोनी को अभी 4 साल अपने करियर को आगे बढ़ाना है तो शायद ये कदम शायद धोनी की क्षमता को और बढ़ानें में सहायक साबित हो सकता है।

धोनी का वनडे में कप्तानी रिकॉर्ड-     मैच 196, जीत 107, हार 72
टेस्ट में कोहली का रिकॉर्ड –           11 मैच, 6 जीत, 2 हार

फोटो- ट्विटर


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