BCCI ने लोढ़ा समिति की सिफारिशें स्वीकार कीं, लेकिन इन 5 चीजों पर हुआ विरोध

Updated: Thu, Jul 27 2017 10:39 IST
BCCI takes selective approach towards adopting Lodha recommendations ()

नई दिल्ली, 27 जुलाई (CRICKETNMORE)| भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू करने को स्वीकृति दे दी, हालांकि पांच विवादित बिंदुओं पर आपत्ति भी जताई है। बीसीसीआई ने यह फैसला बुधवार को अपनी विशेष आम बैठक में लिया।

सूत्रों के मुताबिक, बीसीसीआई ने लोढ़ा समिति की जिन विवादास्पद सिफारिशों का विरोध किया है उनमें, एक राज्य एक वोट, राष्ट्रीय चयनसमिति में सदस्य संख्या की सीमा, बोर्ड परिषद में सदस्य संख्या की सीमा, अधिकारियों की आयु और कार्यकाल को सीमित करना और अधिकारियों की ताकत और कार्यो को विभाजित करना शामिल है।

लोढ़ा समिति की सिफारिशों के मुताबिक 70 साल से अधिक आयु के अधिकारी बीसीसीआई या किसी राज्य संघ में पद नहीं संभाल सकते। साथ ही समिति ने दो कार्यकाल के बीच तीन साल के अंतराल की बात भी कही है। ये हैं दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला क्रिकेटर्स PHOTOS

अगर सर्वोच्च अदालत अपने फैसले पर फिर से विचार करती है तो बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन और पूर्व सचिव निरंजन शाह की बोर्ड में वापसी हो सकती है। दोनों अधिकारियों की उम्र 70 साल से ज्यादा है और वह बीसीसीआई में लोढ़ा समिति की सिफारिशों के मुताबिक कोई पद नहीं ले सकते।

अदालत ने अपनी पिछली सुनवाई में कुछ सिफारिशों पर दोबारा विचार करने के संकेत दिए थे। अदालत ने हालांकि इससे पहले इन दोनों अधिकारियों को एसजीएम में हिस्सा लेने से रोक दिया था।

सरकारी कर्मचारियों और मंत्रियों को बोर्ड में शामिल न करने की सिफारिश का भी बीसीसीआई ने विरोध किया था, क्योंकि उनका मानना है कि ऐसा करने से रेलवे का प्रतिनिधित्व करने वाला नहीं होगा।

बीसीसीआई की शीर्ष परिषद का संविधान भी विवाद का मुद्दा है। बीसीसीआई परिषद के आकार से संतुष्ट नहीं है, क्योंकि इसमें सिर्फ एक उपाध्यक्ष है और बोर्ड का मानना है कि इससे पूरे देश की जिम्मेदारी नहीं संभाली जा सकती। ये हैं दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला क्रिकेटर्स PHOTOS

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