रणजी प्लेयर्स को हर साल मिलेंगे 75 लाख? रेड बॉल से प्यार करने वाले क्रिकेटर्स को मिलेगी IPL जैसी सैलरी
आईपीएल की बढ़ती लोकप्रियता के चलते एक नई समस्या खड़ी होती जा रही है। भारतीय युवा खिलाड़ी अब रणजी ट्रॉफी या रेड-बॉल क्रिकेट से ज्यादा आईपीएल में खेलने को महत्व दे रहे हैं और ये क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारुप के लिए एक खतरा बन सकता है लेकिन बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) अब इस परेशानी को भी दूर करने के लिए तत्पर नजर आ रहा है और वो एक नए मास्टर प्लान के साथ आने वाले हैं।
कुछ दिन पहले, एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें बताया गया था कि बीसीसीआई रेड-बॉल मैचों के लिए भुगतान में वृद्धि पर विचार कर रहा है, ताकि खिलाड़ी प्रीमियर टूर्नामेंट से बाहर न हो जाएं। अब, टाइम्स ऑफ इंडिया की एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई उस दिशा में एक कदम उठाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय अनुबंधों की घोषणा करते समय, बीसीसीआई ने विभिन्न ग्रेड की सैलरी का खुलासा नहीं किया और बोर्ड इसके लिए राहुल द्रविड़, रोहित शर्मा और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर के साथ चर्चा कर रहा है। सूत्रों ने टीओआई को बताया कि बीसीसीआई को टेस्ट और घरेलू क्रिकेट दोनों के लिए खिलाड़ियों की मैच फीस बढ़ाने के प्रस्ताव मिले हैं, जो निचले मध्य स्तर के आईपीएल अनुबंधों के वेतन के बराबर हैं।
बीसीसीआई के एक सूत्र ने टीओआई को बताया, “बोर्ड ने भारतीय टीम प्रबंधन से सिफारिशें मांगी हैं। वो खेल के सबसे लंबे प्रारूप की पवित्रता बनाए रखने के लिए बहुत आक्रामक रुख अपना रहे हैं। ये जरूरी है कि जो खिलाड़ी प्रथम श्रेणी क्रिकेट के लिए प्रतिबद्ध हैं, उन्हें आईपीएल क्रिकेट के समान स्तर पर पुरस्कृत किया जाए। इसका मतलब ये होगा कि मौजूदा वेतन को कई गुना बढ़ाना होगा। ये सिफारिशें टेस्ट मैच और प्रथम श्रेणी फीस को तीन गुना बढ़ाने की तर्ज पर हैं। विचार ये है कि यदि कोई खिलाड़ी पूरी रणजी ट्रॉफी खेलता है, तो उसे लगभग 75 लाख रुपये कमाने का मौका मिलेगा, जो औसत आईपीएल अनुबंध के बराबर है। ये भी सुझाव दिया गया है कि यदि कोई खिलाड़ी एक वर्ष में सभी टेस्ट मैच खेलता है, तो उसे 15 करोड़ रुपये तक मिलने चाहिए जो किसी भी प्रमुख आईपीएल अनुबंध के बराबर है।”
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सूत्र ने आगे बोलते हुए कहा, "इसके साथ ही ये भी समझना होगा, तीन गुना वृद्धि एक बार में नहीं हो सकती है, लेकिन फिर भी पर्याप्त बढ़ोतरी होने वाली है। बोर्ड एक बार में वेतन को तीन गुना बढ़ाने पर सहमत नहीं हो सकता है, लेकिन वो मध्य-बिंदु पर खिलाड़ियों से मिलने पर विचार कर रहे हैं। यहां तक कि वो भी भारी वृद्धि होनी चाहिए। यही कारण है कि बोर्ड ने अनुबंधों के मूल्य की घोषणा नहीं की है।"