'गौतम गंभीर मैनेजर हो सकता है कोच नहीं', ये क्या बोल गए कपिल देव ?
1983 वर्ल्ड कप जीतने वाले कप्तान कपिल देव वैसे तो सुर्खियों से काफी दूर रहते हैं लेकिन इस बार उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा कोच गौतम गंभीर को लेकर एक बयान दिया है जिसे लेकर सोशल मीडिया पर काफी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कपिल ने कहा कि गंभीर भारतीय टीम के मैनेजर तो बन सकते हैं, लेकिन कोच नहीं।
पिछले महीने घर पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में मेन इन ब्लू के 0-2 से हारने के बाद से पूर्व भारतीय ओपनर की काफी आलोचना हो रही है। भारतीय टीम के साथ गंभीर का कोचिंग का सफर आसान नहीं रहा है। उनके अंडर भारत को ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अब प्रोटियाज के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में कपिल ने सुझाव दिया कि आज के क्रिकेट में 'कोच' शब्द को अक्सर गलत समझा जाता है। महान क्रिकेटर के अनुसार, खिलाड़ियों को कोचिंग तब मिलती है जब वे युवा होते हैं।
कपिल ने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स ICC शताब्दी सत्र में बोलते हुए कहा, "आज, कोच नाम का ये शब्द बहुत आम हो गया है। गौतम गंभीर कोच नहीं हो सकते। वो टीम के मैनेजर हो सकते हैं। जब आप कोच कहते हैं, तो कोच वो होता है जहां मैं स्कूल और कॉलेज में सीखता हूं। वो लोग थे, मेरे कोच वहां थे। वो मुझे मैनेज कर सकते हैं। जब उन्होंने किसी को, मान लीजिए, लेग स्पिनर का नाम दिया है, तो आप कोच कैसे हो सकते हैं? गौतम लेग स्पिनर या विकेट-कीपर के कोच कैसे हो सकते हैं? मुझे लगता है कि आपको मैनेज करना होगा। ये ज़्यादा ज़रूरी है। एक मैनेजर के तौर पर आप उन्हें ये कहने के लिए प्रोत्साहित करते हैं कि आप ये कर सकते हैं क्योंकि जब आप मैनेजर बनते हैं तो युवा लड़के आपको देखते हैं।"
कपिल ने आगे बोलते हुए कहा, "मेरा मैनेजर या कप्तान मुझे वो आराम कैसे दे सकता है और मैनेजर और कप्तान का यही काम है। टीम को आराम देना और हमेशा कहना 'आप बेहतर कर सकते हैं'। मैं इसे इसी तरह देखता हूं। मुझे लगता है कि जो लोग अच्छा नहीं खेल रहे हैं, उन्हें आपको दिलासा देना चाहिए। अगर किसी ने सेंचुरी बनाई है, तो मैं उसके साथ ड्रिंक और डिनर नहीं करना चाहता। वहां बहुत सारे लोग हैं। एक कप्तान के तौर पर मैं उन लोगों के साथ ड्रिंक करना चाहूंगा या उन लोगों के साथ डिनर करना चाहूंगा जो अच्छा परफॉर्म नहीं कर रहे हैं।"
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उन्होंने आखिर में कहा, "आपको उन्हें कॉन्फिडेंस देना होगा और ऐसा ही होता है। इसलिए मुझे लगता है कि एक कप्तान के तौर पर ये बहुत ज़रूरी है और आपकी भूमिका सिर्फ़ आपकी परफॉर्मेंस तक सीमित नहीं है, ये टीम को एक साथ रखने के बारे में भी है।"