आईसीसी आचार संहिता में बदलाव किया जाना जरूरी-पटेल

Updated: Thu, Feb 05 2015 21:35 IST

मुंबई, 07 अगस्त (हि.स.) । भारतीय फिरकी गेंदबाज रविंद्र जडेजा और इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के बीच हुए कथिथ विवाद में एंडरसन को सभी आरोपो से बरी करने के मामले में संजय पटेल ने आईसीसी की आईसीसी आचार संहिता में बदलाव को आवश्यक कहा है। उन्होंने सभांवित बदलावो के लिए आचार संहिता प्रक्रिया पर गौर करना शुरु कर दिया है कि बदलाव कहा जरुरी है।

रविंद्र जडेजा और एंडरसन मामले में एंडरसन पर उचित कार्यवाही न होना। साथ ही बीसीसीआई का सीधे तौर पर आईसीसी के फैसलो पर अपना मत नहीं रख पाना भारतीय क्रिकेट बोर्ड को काफी खटक रहा है। ऐसे में बोर्ड सचिव संजय पटेल ने कहा कि मुझै लगता है कि आईसीसी की आचार संहिता में बदलाव किया जाना चाहिये। फिलहाल बीसीसीआई न्यायिक आयुक्त के फैसले के खिलाफ अपील नहीं कर सकता। इस मामले में अपील सिर्फ आईसीसी कर सकता है। यह प्रक्रिया में बड़ी खामी है। उन्होंने कहा कि मैने अपने वकीलों से समूची आचार संहिता प्रक्रिया पर गौर करने और यह पता लगाने के लिये कहा है कि इसमें कहां सुधार किये जा सकते हैं। एक बार यह होने के बाद मैं आईसीसी को ईमेल भेजकर उन सुझावों पर विचार करने के लिये कहूंगा। फिलहाल आईसीसी की कोई बैठक निर्धारित नहीं है। पटेल ने कहा कि मैं वीडियो फुटेज के अभाव के बारे में भी लिखूंगा और जोर दूंगा कि इसका दोहराव ना हो।

यह खेल के अच्छे प्रशासन के लिये है। यह घटना भारत और इंग्लैंड के बीच नाटिंघम में पिछले महीने हुए पहले टेस्ट में लंच ब्रेक की है। भारतीयों का आरोप है कि एंडरसन ने जडेजा को धक्का दिया और अपशब्द कहे जबकि इंग्लैंड ने जडेजा पर आरोप लगाये। मैच रैफरी डेविड बून ने जडेजा पर जुर्माना लगाया था जिसके खिलाफ भारत ने अपील की और न्यायिक आयुक्त ने जडेजा को खिलाडियों की आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी नहीं पाया। उन्होंने सबूतों के अभाव में एंडरसन को भी दोषमुक्त करार दिया जिस पर कुछ मैचो का प्रतिबंध लगने की आशंका थी।

बीसीसीआई ने आईसीसी सीईओ डेव रिचर्डसन से न्यायिक आयुक्त गोर्डन लुईस के फैसले के खिलाफ अपील करने की गुजारिश की थी जिसे आईसीसी ने ठुकरा दिया। आईसीसी ने एक बयान में कहा था,फैसले की बारीकी से समीक्षा करने के बाद आईसीसी उसमें दिये गए कारणों से संतुष्ट है और जेम्स एंडरसन के मामले में फैसले के खिलाफ अपील के अपने अधिकार का इस्तेमाल नहीं करना चाहती।

सीईओ रिचर्डसन ने कहा कि यह फैसला दो लंबी और गहन अनुशासनात्मक प्रक्रिया के बाद लिया गया है। आईसीसी फैसला लिये जाने के तरीके से संतुष्ट है। उन्होंने कहा कि यह पेचीदा मामला था और आगे अपील करके प्रक्रिया को लंबा करने का कोई फायदा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह पेचीदा और संवेदनशील मामला था। दोनों पक्षों से काफी विरोधाभासी साक्ष्य मिले हैं जबकि कुल 13 गवाहों से पूछताछ की गई। गोर्डन लुईस के फैसले की सावधानी से समीक्षा के बाद हमारा मानना है कि आगे अपील करके प्रक्रिया को और लंबा करने का कोई फायदा नही है। रिचर्डसन ने कहा कि आईसीसी की अनुशासनात्मक कार्यवाहियां मजबूत और पारदर्शी हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/धीरेन्द्र/अनूप

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