संदीप पाटिल ने भारतीय टीम के कोच पद के लिए दिया आवेदन
मुंबई, 4 जून | भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता संदीप पाटिल ने भारतीय टीम के मुख्य कोच पद के लिए आवेदन दाखिल किया है। पाटिल सिंतबर 2012 से मुख्य चयनकर्ता के पद पर हैं। एक वेबसाइट के मुताबिक, पाटिल का कार्यकाल इसी साल सिंतबर में समाप्त हो रहा है। वह चयनकर्ता बनने से पहले राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के चेयरमैन थे।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने टीम के मुख्य कोच के लिए एक जून को विज्ञापन जारी किया था। कोच पद के लिए आवेदन दाखिल करने की अंतिम तिथि 10 जून है। पाटिल 1996 में भारतीय टीम के कोच रह चुके हैं, लेकिन टीम के बुरे प्रदर्शन के कारण उन्हें छह महीने बाद ही अपना पद छोड़ना पड़ा था। वह केन्या की राष्ट्रीय टीम के कोच भी रह चुके हैं। उन्हीं के कोच रहते केन्या 2003 विश्व कप में पहली बार सेमीफाइनल में जगह बना पाया था। जहां उसे भारत के हार का सामना करना पड़ा था। केन्या के अलावा वह ओमान की टीम के कोच के तौर पर भी काम कर चुके हैं।
तय तरीख तक सभी आवेदन आने के बाद पूर्व क्रिकेट खिलाड़ियों की क्रिकेट सलाहकार समिति उन नामों पर विचार करेगी और कुछ नामों को चुनकर बीसीसीआई के पास भेजेगी जिसके बाद बीसीसीआई उन नामों चर्चा करेगी और कोच का नाम तय करेगी।
भारत को छह जुलाई से वेस्टइंडीज के दौरे पर जाना है। जहां टीम को टेस्ट श्रृंखला खेलनी है। बोर्ड की कोशिश इस तौर पर नए कोच और सहयोगी स्टाफ को भेजने की है।
टीम के पूर्व कोच डंकन फ्लैचर के जाने के बाद से टीम के मुख्य कोच का पद खाली पड़ा है। फ्लैचर का कार्यकाल 2015 विश्व कप के बाद समाप्त हो गया था।
फ्लैचर के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रवि शास्त्री को टीम का निदेशक बनाया गया था। इसी साल मार्च-अप्रैल में खेले गए टी-20 विश्व कप के बाद उनका कार्यकाल भी समाप्त हो गया। साथ ही बल्लेबाजी कोच संजय बांगर, गेंदबाजी कोच भरत अरुण और फील्डिंग कोच आर.श्रीधर का भी कार्यकाल समाप्त हो चुका है।
बोर्ड ने कोच पद के लिए कुछ मापदंड रखे हैं जिसे अर्जी देने वाले शख्स को पूरा करना होगा। पिछले सप्ताह बोर्ड ने पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी संजय बांगर को 11 जून से शुरू हो रहे जिम्बाब्वे दौरे के लिए टीम का अंतरिम मुख्य कोच नियुक्त किया था। पूर्व खिलाड़ी अभय शर्मा को दौरे के लिए फील्डिंग कोच नियुक्त किया गया था।
पाटिल ने भारत के लिए 1980 से 1986 के बीच 29 टेस्ट और 45 एकदिवसीय मैच खेले हैं। वह 1983 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा भी थे।
एजेंसी