साल 2015 औसत रहा भारत के लिए

Updated: Thu, Dec 24 2015 20:58 IST

मुंबई, 24 दिसम्बर | भारतीय क्रिकेट के लिए मौजूदा वर्ष फिर से निराश करने वाला रहा। मैदान के अंदर जहां भारतीय टीम अपने वर्ल्ड कप खिताब को बचाने में नाकामयाब रही, वहीं मैदान से बाहर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में दो धुरंधर टीमों को फिक्सिंग के आरोपों के चलते सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित लोढ़ा समिति ने आईपीएल से दो वर्ष के लिए निलंबित कर दिया।भारतीय क्रिकेट टीम ने 2011 में महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में 28 वर्ष के अंतराल पर जो विश्व कप हासिल किया था उसे बचाने में टीम नाकाम रही।

2015 की शुरुआत में ही टीम का खराब प्रदर्शन चिता का विषय बना। आस्ट्रेलिया में मेजबानों से चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला में भारत को 0-2 से मुंह की खानी पड़ी। इसी सीरीज के बीच में तत्कालीन टेस्ट कप्तान धौनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर सबको सकते में डाल दिया जिसके बाद टीम की कमान युवा विराट कोहली को सौंपी गई। इसके बाद आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के साथ हुई त्रिकोणीय सीरीज में भी भारतीय टीम को हार झेलनी पड़ी। और लगातार सीरीज हारने के बाद वर्ल्ड कप में उतरी भारतीय टीम को विश्व कप में भी निराशा ही हाथ लगी। वर्ल्ड कप से लौटकर भारतीय खिलाड़ी आईपीएल में व्यस्त हो गए, जहां मुंबई इंडियंस ने चेन्नई सुपकिंग्स को हरा दूसरी बार खिताब अपने नाम किया।

लेकिन इसके बाद भारतीय क्रिकेट में कुछ ऐसा हुआ जिसे कोई भी भारतीय याद नहीं रखना चाहेगा। भारतीय टीम को बांग्लादेश ने अपने घर में तीन वनडे मैचों की सीरीज में 1-2 से हरा वर्ल्ड जगत को चौंका दिया। दोनों देशों के बीच हुआ एकमात्र टेस्ट मैच ड्रॉ रहा। यह भारतीय टीम की शर्मनाक हारों में से एक थी। इससे पहले भारतीय टीम बांग्लादेश से कोई भी सीरीज नहीं हारी थी।

युवाओं को मौका देते हुए अगले जिम्बाब्वे दौरे पर अजिंक्य रहाणे के नेतृत्व में टीम भेजी गई जहां टीम ने तीन मैचों की सीरीज 3-0 से अपने नाम की। हालांकि दो टी-20 मैचों में से एक मैच में टीम को शिकस्त भी झेलनी पड़ी। भारत के लिए कुछ राहत की खबर श्रीलंका से आई जहां भारतीय टीम ने विराट कोहली की कप्तानी में श्रीलंका को उसी के घर में 2-1 से हराया। लेकिन इसके बाद भारत दौरे पर आई दक्षिण अफ्रीकी टीम ने भारत को उसी के घर में एकदिवसीय श्रृंखला में हरा दिया। हालांकि भारतीय टीम चार मैचों की टेस्ट सीरीज जरूर 3-0 से जीतने में कामयाब रही।

लेकिन नागपुर टेस्ट की पिच ने एकबार फिर पूरी दुनिया में भारत की किरकीरी करा दी। विश्व क्रिकेट दो भागों में बंट गया, एक भारत के पक्ष में और दूसरा विपक्ष में। इस दौरान मैदान पर हो रही उठापटक के बीच मैदान के बाहर भी शोर-शराबा जारी रहा।

आईपीएल फिक्सिंग मामले में फंसी राजस्थान और चेन्नई टीमों के सह-मालिकों राज कुंद्रा और गुरुनाथ मयप्पन को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने फिक्सिंग का दोषी मानते हुए दोनों पर अजीवन प्रतिबंध लगा दिया।

इसके बाद दोनों टीमों को भी दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया। इन दोनों टीमों के प्रतिबंधित हो जाने के बाद आईपीएल की दो नई टीमों राजकोट और पुणे को आईपीएल में शामिल किया गया। भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को सुधारने के लिए अक्सर क्रिकेट का हवाला दिया जाता है लेकिन इस साल यहां भी कोई सफलता हाथ नहीं लगी।

कई साल बाद भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंध बहाल करने के लिए बीसीसीआई और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के बीच पिछले साल एक समझौता हुआ, जिसके तहत पाकिस्तान इसी वर्ष दिसंबर में संयुक्त अरब अमिरात (यूएई) में भारत की मेजबानी करने वाला था। लेकिन दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंध कुछ इस कदर खट्टे हुए कि पूरी श्रृंखला पर ही ग्रहण लग गया। बीसीसीआई के नए अध्यक्ष शशांक मनोहर भी यूएई में श्रृखंला नहीं चाहते थे जिसके बाद पीसीबी ने यह श्रृखंला श्रीलंका में आयोजित करवाने का प्रस्ताव रखा। हालांकि बीसीसीआई ने मामले को भारत सरकार के पाले में डाल दिया, जहां इस पर कोई भी फैसला नहीं हो सका और अंतत: सीरीज रद्द हो गई। खेल में राजनीति यहां खत्म नहीं हुई। क्रिकेट में भ्रष्टाचार के एक और मामले ने साल के अंत में तूल पकड़ा।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली पर दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) का अध्यक्ष रहते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। मामले को हवा दी जेटली की पार्टी के ही सांसद और पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी कीर्ति आजाद ने। उन्होंने प्रेस कान्फ्रेंस कर डीडीसीए में भ्रष्टाचार के कुछ सबूत पेश किए। अपने ऊपर लगे आरोपों से आहत जेटली ने न सिर्फ अरविंद केजरीवाल और पांच अन्य आप नेताओं पर मानहानि और आपराधिक मानहानि का दावा कर दिया, बल्कि आजाद को भी जेटली के खिलाफ जाने की सजा मिली और उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया ।

भारत भूमि से बाहर इसी साल टेस्ट क्रिकेट में इतिहास रचा गया। इस साल दिन-रात्री टेस्ट मैच की शुरुआत हुई और पहला दिन-रात्री टेस्ट आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच एडिलेड में नबंवर में गुलाबी गेंद से खेला गया।

एजेंसी

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