5 क्रिकेटर जिन्होंने बुलंदियों पर छोड़ा इंटरनेशनल क्रिकेट, लिस्ट में 1 भारतीय खिलाड़ी शामिल
5 ऐसे क्रिकेटर्स जिन्होंने अपने करियर के पीक पर इंटरनेशनल क्रिकेट को छोड़ने का फैसला किया था। इस आर्टिक में एक भारतीय खिलाड़ी का नाम भी शामिल है।
फैंस के दिल में क्रिकेटर्स के लिए गहरा लगाव है यही वजह है कि जब उनका फेमस क्रिकेटर संन्यास लेता है तब फैंस का दिल टूट जाता है। क्रिकेटर्स के संन्यास लेने के पीछे की वजह बढ़ती उम्र या खराब फॉर्म होती है लेकिन, कुछ ऐसे भी क्रिकेटर्स हैं जिन्होंने अपने करियर के पीक पर संन्यास लेने का फैसला किया। इस आर्टिकल में शामिल है ऐसे 5 क्रिकेटर्स का नाम जिन्होंने अपने करियर की बुलंदियों पर इंटरनेशनल क्रिकेट छोड़ा।
मोहम्मद आमिर: पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर का करियर हमेशा सुर्खियों में रहा है। साल 2010 में स्पॉट फिक्सिंग में दोषी पाए जाने के बाद मोहम्मद आमिर ने इंटरनेशल क्रिकेट में धमाकेदार अंदाज में वापसी करते हुए पाकिस्तान को चैंपियन्स ट्रॉफी जितवाने में अहम योगदान दिया। साल 2020 में आमिर ने सभी को चौंकाते हुए इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।
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एबी डिविलियर्स: साउथ अफ्रीका के दिग्गज खिलाड़ी एबी डिविलियर्स ने अपनी अनूठी बैटिंग स्टाइल से करोड़ों फैंस को अपना दीवाना बनाया। एबी डिविलियर्स ने जब इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया तब वो आईपीएल खेल रहे थे। एबी डिविलियर्स संन्यास के टाइम अपने करियर के पीक पर थे।
ग्रीम स्मिथ: दिग्गज अफ्रीकी कप्तान ग्रीम स्मिथ ने 117 टेस्ट, 197 वनडे और 33 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। ग्रीम स्मिथ ने 2014 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने करियर का अंतिम इंटरनेशनल मैच खेला उस वक्त उनकी उम्र महज 33 साल थी। ग्रीम स्मिथ अपने करियर के पीक पर थे और उनमें काफी क्रिकेट शेष बची थी।
माइकल क्लार्क: ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज कप्तानों में माइकल क्लार्क का नाम भी शुमार है। 2015 में ऑस्ट्रेलिया ने विश्वकप जीता था उस वक्त माइकल क्लार्क उनके कप्तान थे। माइकल क्लार्क ने महज 34 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। क्लार्क के संन्यास के फैसले ने सभी को हैरान किया था।
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जवागल श्रीनाथ: भारत के तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने 2003 विश्वकप के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। 2003 विश्वकप में जवागल श्रीनाथ ने 16 विकेट झटके थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2003 विश्वकप का फाइनल मुकाबला जवागल श्रीनाथ के करियर का अंतिम मुकाबला था।