जिम्बाब्वे का प्रतिबंधित होना पीसीबी के लिए चेतावनी
लाहौर, 20 जुलाई - अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने जिम्बाब्वे को प्रतिबंधित कर दिया है। इसका कारण आईसीसी ने जिम्बाब्वे बोर्ड में सरकार के दखल को बताया और यही कारण पाकिस्तान के लिए चेतावनी हो सकता है क्योंकि...
एक और नियम के मुताबिक, "पैट्रन समय-समय पर बोर्ड की जनरल पॉलिसी में निर्देश दे सकता है और बोर्ड से उन्हें लागू करने को भी कह सकता है।"
वहीं, पैट्रन को पीसीबी अध्यक्ष को हटाने और बोर्ड की सर्वोच्च परिषद-बोर्ड ऑफ गर्वनर्स को हटाने का अधिकार भी होता है। वहीं बोर्ड ऑफ गर्वनर्स के दो सदस्य पैट्रन द्वारा नामित किए जाते हैं और उनमें से एक पीसीबी चैयरमैन बनता है।
जिम्बाब्वे से पहले भी आईसीसी ने सरकारी दखल के कारण श्रीलंका और नेपाल को प्रतिबंधित किया है। हालांकि आईसीसी ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड मामले में अलग रुख अख्तियार किया था। भारत की सर्वोच्च अदालत ने 2013 आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले के बाद बीसीसीआई का कामकाज देखने के लिए लोढ़ा समिति को नियुक्त किया था। तब हालांकि बोर्ड के तत्कालीन सचिव अजय शिर्के ने आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डेव रिचर्डसन से इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा था।
तब रिचडर्सन ने यह कहा था कि पहले बीसीसीआई इस संबंध में न्यायालय के हस्तक्षेप को लेकर आईसीसी को लिखित जानकारी दे और अपनी आपत्ति जताए।
शिर्के ने इसके बाद कहा था कि 2013 में शशांक मनोहर ने सर्वोच्च अदालत में एफिडेविट डाल कहा था कि वह इस मामले को लेकर आईसीसी, बीसीसीआई को प्रतिबंधित कर सकता है, लेकिन मनोहर इस समय आईसीसी चैयरमेन रहते बीसीसीआई के खिलाफ कोई भी कदम नहीं उठा रहे हैं।
आईएएनएस
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