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Cricket Tales - मुंबई का वो क्रिकेटर- जिसने सुबह शादी, दिन में रणजी मैच और शाम को शादी का रिसेप्शन

सुधाकर अधिकारी की शादी थी रणजी ट्रॉफी मैच के पहले दिन। सुधाकर अधिकारी ने इंतजाम ये किया कि एक दोस्त से कहा कि वह एक टैक्सी तैयार रखे और मैरिज हॉल के बाहर रुके। शादी हुई और वे बधाइयां लेने

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Cricket Tales Sudhakar Adhikari
Cricket Tales Sudhakar Adhikari (Image Source: Google)
Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
Sep 04, 2022 • 09:05 AM

Cricket Tales -  की घरेलू क्रिकेट के संदर्भ में, अगर मुंबई का रिकॉर्ड सबसे जोरदार है तो इसके पीछे कई वजह हैं और इन्हीं में से एक है उनके खिलाड़ियों का खड़ूस रवैया। टेलेंट ऐसी कि भारत की टेस्ट टीम में मुंबई के 5-6 खिलाड़ियों का खेलना तो एक आम बात थी। कहते थे भारत की टेस्ट टीम में आना जितना मुश्किल है- उससे ज्यादा मुश्किल है मुंबई की टीम में आना। एक मैच न खेलो तो दूसरा खिलाड़ी इतना अच्छा खेल जाएगा कि टीम में जगह गई। कहां अब शादी के चक्कर में खिलाड़ी मैच/सीरीज नहीं खेलते- मुंबई के एक खिलाड़ी ने तो अपनी शादी के लिए रणजी मैच तक नहीं छोड़ा इस डर से कि जो जगह लेगा, वह अच्छा खेल गया तो अपनी जगह गई।

Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
September 04, 2022 • 09:05 AM

ये बड़ा मजेदार किस्सा है और इसके साथ नाम जुड़ा है ओपनर बल्लेबाज सुधाकर अधिकारी (Sudhakar Adhikari) का जिनका कुछ दिन पहले 82 साल की उम्र में निधन हो गया। जब उन अभाग्यशाली क्रिकेटरों की लिस्ट बनाते हैं जो टेलेंट के बावजूद टेस्ट नहीं खेल पाए तो कई जानकार उस लिस्ट में इनका नाम भी लिखते हैं- वे टेस्ट कैप के हकदार थे। कहते हैं वे गणित में बहुत अच्छे थे।

कई बेहतरीन पारी खेले। फारुख इंजीनियर और अधिकारी ने ईडन गार्डन्स में 1962-63 में बंगाल के विरुद्ध रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल में, पहले विकेट के लिए 269 रन जोड़े थे। खुशमिजाज इंसान जो ड्रेसिंग रूम में तनाव का माहौल बनने ही नहीं देते थे। कुछ बातें उनकी क्रिकेट की :

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  • चार रणजी ट्रॉफी फाइनल में मुंबई टीम का हिस्सा थे- 1959-60 में मैसूर और 1961-62, 1963-64 और 1965-66 में राजस्थान के विरुद्ध।
  • 1959-1971 के बीच 65 प्रथम श्रेणी मैच- 11 शतकों के साथ 3,779 रन।
  • 1962-63 में ब्रेबोर्न स्टेडियम में रेस्ट ऑफ़ इंडिया के विरुद्ध ईरानी कप मैच में मुंबई के लिए 173 रन।
  • सर्वश्रेष्ठ स्कोर : 1961-62 में पुणे में महाराष्ट्र के विरुद्ध 192 रन।
  • 1962 में ब्रेबोर्न स्टेडियम में इंटरनेशनल इलेवन के विरुद्ध सीसीआई प्रेसीडेंट्स इलेवन के लिए 150 रन बनाए उस गेंदबाजी पर जिसमें हेरोल्ड रोड्स (इंग्लैंड), रिची बेनो, इयान मेकिफ और बॉब सिम्पसन (ऑस्ट्रेलिया) और सन्नी रामाधीन (वेस्टइंडीज) जैसे गेंदबाज थे। ये पारी सिम्पसन को याद रही और इसीलिए जब 1964-65 में टेस्ट सीरीज में, अधिकारी को न खेलते देखा तो बड़े हैरान हुए थे।
  • रणजी ट्रॉफी में अपनी पहली गेंद पर छक्का लगाया।
  • लगातार 50 सालों तक कांगा लीग में खेले !

अधिकारी के नाम के साथ जुड़ा सबसे मशहूर किस्सा है- अपनी शादी के दिन भी रणजी ट्रॉफी मैच खेलना और सही समय पर ब्रेबोर्न स्टेडियम पहुंच जाना क्योंकि कप्तान ने कह दिया था कि लेट हुए तो टीम से बाहर। ऐसे में खिलाड़ी पर दबाव का अंदाजा लगाइए और अधिकारी ने तो उस दिन सेंचुरी ठोक दी थी। इसके बाद रिसेप्शन के लिए वापस भागे। महाराष्ट्र की टीम में तब वसंत रंजने, सदानंद महाल और चंदू बोर्डे जैसे गेंदबाज थे।

1960 के दशक में बॉम्बे क्रिकेट खिलाड़ियों में आपसी मुकाबला ऐसा था कि सुधाकर जमा हुआ बल्लेबाज होने पर भी शादी के दिन मैच खेले। ये मैच था महाराष्ट्र के विरुद्ध लीग राउंड में। अब देखिए ये सब हुआ कैसे?

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शादी थी माटुंगा में और मुहूर्त, निकला सुबह 9.03 बजे का। अब सवाल ये था कि उसके बाद फटाफट ब्रेबोर्न स्टेडियम कैसे पहुंचें- लगभग 18 किमी दूर और उन दिनों में आज की तरह तेज ट्रांसपोर्ट नहीं थी। मुंबई के कप्तान पॉली उमरीगर ने भी थोड़ी रियायत दे दी और उस समय की अखबारें बताती हैं कि अधिकारी को लगभग 10.15 बजे तक ड्रेसिंग रूम में पहुंचना था।

शादी थी रणजी ट्रॉफी मैच के पहले दिन। कप्तान पॉली उमरीगर की चेतावनी अधिकारी को याद थी। सुधाकर अधिकारी ने इंतजाम ये किया कि एक दोस्त से कहा कि वह एक टैक्सी तैयार रखे और मैरिज हॉल के बाहर रुके। शादी हुई और वे बधाइयां लेने की जगह दुल्हन को छोड़कर भागे। उन दिनों के हिसाब से ट्रेफिक तब भी था। सुबह के 10 बजे, चर्चगेट सिग्नल पर थे। वे जानते थे कि यहां से भी, सिग्नल पर इंतजार और उसके बाद मेन गेट से ड्रेसिंग रूम में पहुंचने में ही देर हो जाएगी। इसलिए सिग्नल पर इंतजार की जगह टेक्सी को गेलॉर्ड रेस्टोरेंट की तरफ मोड़ दिया और वहीं उतर गए। सड़क पार की भाग कर और मेन गेट की बजाए ईस्ट स्टैंड की तरफ भागे। वहीं गेट से ग्राउंड में खड़े कप्तान उमरीगर की तरफ चिल्लाए- 'पॉली, मैं यहां हूं !' वे टीम में आ गए। बाद में शाम को, अपने शादी के रिसेप्शन में मेहमानों का स्वागत करने के लिए हॉल में लौट आए। एक रणजी मैच खेलने के लिए ऐसी भागम-भाग।

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