'मैं तुम्हारे साथ हूं वसीम', मजहबी विवाद में फंसे जाफर को मिला अनिल कुंबले का साथ
टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी वसीम जाफर ने उत्तराखंड क्रिकेट टीम के कोच पद से इस्तीफा दे दिया है। वसीम जाफर पर मजहब के आधार पर टीम में खिलाड़ियों को रखने का आरोप लगा है जिसपर अनिल कुंबले ने जाफर
टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी वसीम जाफर ने उत्तराखंड क्रिकेट टीम के कोच पद से इस्तीफा दे दिया है। वसीम जाफर पर मजहब के आधार पर टीम में खिलाड़ियों को रखने का आरोप लगाया गया था जिसपर वसीम जाफर ने प्रतिक्रिया भी दी थी। अब इस पूरे मामले में वसीम जाफर को दिग्गज क्रिकेटर अनिल कुंबले का साथ मिला है।
अनिल कुंबले ने वसीम जाफर के पोस्ट पर कमेंट कर लिखा, 'मैं तुम्हारे साथ हूं वसीम। तुमनें सही काम किया। दुर्भाग्य से वह खिलाड़ी अब तुम्हारी मेंटरशिप को मिस करेंगे।' वहीं वसीम जाफर ने ट्वीट कर इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए कहा था, 'मैंने जय बिस्ट की कप्तानी की सिफारिश की थी। इकबाल की नहीं लेकिन सीएयू के अधिकारियों ने इकबाल का समर्थन किया।'
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वसीम जाफर ने अपने ट्वीट में आगे लिखा, 'मैंने मौलवियों को आमंत्रित नहीं किया था। मैंने गैर-योग्य खिलाड़ियों के चयन के चलते इस्तीफा दिया है। हमारी टीम में कुछ खिलाड़ी सिख समुदाय से हैं और वह 'रानी माता साचे दरबार की जय' कहते थे। मैंने बस इसपर सुझाव दिया था कि हमें 'गो उत्तराखंड' या 'कम ऑन उत्तराखंड' कहना चाहिए।'
With you Wasim. Did the right thing. Unfortunately it’s the players who’ll miss your mentor ship.
— Anil Kumble (@anilkumble1074) February 11, 2021
वसीम जाफर पर यह हैं आरोप: द इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार महीम वर्मा ने कहा, '9 फरवरी को कुछ खिलाड़ी और सहायक कर्मचारी मेरे पास आए और कुछ ऐसी बातें कहीं जिसने मुझे हैरान कर दिया। उन्होंने मुझे बताया कि वसीम जाफर टीम का सांप्रदायिकरण कर रहे थे। कुछ खिलाड़ी रामभक्त हनुमान की जय बोलना चाहते थे, लेकिन वसीम जाफर ने कहा कि टीम को इसकी जगह कुछ और कहना चाहिए।'
महीम वर्मा ने आगे कहा, 'मुझे यह भी जानकारी मिली कि देहरादून में हमारे बायो-बबल ट्रेनिंग के दौरान एक मौलवी ने आकर मैदान पर दो बार नमाज अदा की थी। इस बात को सुनकर मुझे काफी हैरानी हुई और मैंने खिलाड़ियों से कहा कि इस बारे में उन्हें पहले मुझे सूचित करना चाहिए था।'