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जब पहली बार IPL का देश में आम चुनाव की तारीखों से टकराव हुआ था, फिर यहां हुआ था टूर्नामेंट

बीसीसीआई सेक्रेटरी जय शाह की स्टेटमेंट है- आईपीएल 2024 'पूरी तरह' से भारत में ही आयोजित किया जाएगा। इस सीजन के लिए, ऐसी स्टेटमेंट देने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि ये देश में आम चुनाव का साल है और संयोग

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जब पहली बार IPL का देश में आम चुनाव की तारीखों से टकराव हुआ था, फिर यहां हुआ था टूर्नामेंट
जब पहली बार IPL का देश में आम चुनाव की तारीखों से टकराव हुआ था, फिर यहां हुआ था टूर्नामेंट (Image Source: Google)
Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
Mar 20, 2024 • 05:29 PM

ये आईपीएल के लिए, ऐसा पहला सीजन नहीं जब देश के आम चुनाव से टकराव है। 2009, 2014 और 2019 में भी यही हुआ था। इस हर सीजन में, आईपीएल खेलने के सवाल का अलग जवाब ढूंढा गया पर सबसे ज्यादा दिक्कत 2009 में आई थी- आईपीएल को शुरू हुए सिर्फ एक साल हुआ था और बीसीसीआई को तब इस सवाल से निपटने का कोई पुराना अनुभव नहीं था। तब जो हुआ वह अपनेआप में एक केस स्टडी है पर बड़ा मजेदार किस्सा।

Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
March 20, 2024 • 05:29 PM

अब सब जानते हैं कि 2009 में आम चुनाव के कारण आने वाली दिक्कतों को देखते हुए, आईपीएल को भारत से बाहर साउथ अफ्रीका ले गए थे पर स्टोरी ये है कि इस फैसले तक कैसे पहुंचे? इस ट्रांसफर से जो विवाद बने उन्हें अगर एक तरफ कर दें तो सच ये है कि आईपीएल को साउथ अफ्रीका में खेलने से इसे एक ग्लोबल पहचान दिलाने में बड़ी मदद मिली थी और विदेशी बाजार का रास्ता खुला।  

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भारत में खेलने में सबसे बड़ी दिक्कत चुनाव के दौरान पुलिस इंतजाम न मिलने की थी। पश्चिम बंगाल में तो इस पर किसी भी मदद से साफ़ इनकार हो गया था। बाद में महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश भी इस लिस्ट में शामिल हो गए। ये भी सोचा कि आईपीएल को चुनाव की सरगर्मी खत्म होने के बाद खेल लेंगे पर उसमें विदेशी खिलाड़ियों के आने में दिक्कत थी। उस साल चुनाव 16 अप्रैल से 13 मई के बीच थे जबकि आईपीएल को 10 अप्रैल से खेलना था।बीसीसीआई ने उसके बाद, ऐसा प्रोग्राम भी बनाया कि वोटिंग के दिन से 48 घंटे पहले और बाद में, उस शहर में मैच नहीं होगा- तब भी राज्य सरकार मदद के लिए नहीं मान रही थीं। ऐसे में पहली बार इसे विदेश में खेलने की बात उठी। 

फ़ौरन फ्रेंचाइजी मालिकों ने पूरे सपोर्ट का वायदा कर दिया। आईपीएल टीमों को भरोसा था कि बाहर खेलने से भी उन्हें दर्शक/फैन मिलने में कोई परेशानी नहीं होगी। सब फ्रेंचाइजी बस ये चाहते थे कि आईपीएल रुके न और विजय माल्या ने कहा था- 'शो मस्ट गो ऑन।' इस सपोर्ट के बाद ललित मोदी ने टीम मालिकों को वायदा किया कि इस ट्रांसफर से उनके बढ़े खर्चे को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा और बीसीसीआई उनकी मदद करेगा। 

अब सवाल था खेलें कहां? इंग्लैंड या साउथ अफ्रीका- यही दो संभावित नए मेजबान थे। बाद में अबू धाबी भी रेस में आ गया। आईपीएल गवर्निंग काउंसिल इन सभी से संपर्क में थी और वे ये नहीं चाहते थे कि आयोजन देश के बाहर ले जाने से भी बात न बने। सबसे बड़ा मुद्दा समय का था क्योंकि आईपीएल की कामयाबी के लिए इसका भारत के प्राइम टाइम में टेलीकास्ट बड़ा जरूरी था। इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने हर मदद का सबसे पहले वायदा किया। वे तो इसके लिए पहले से तय हो चुके इंग्लिश क्रिकेट सीजन के मैचों का प्रोग्राम तक बदलने के लिए तैयार थे। बीसीसीआई की पसंद साउथ अफ्रीका बन रहा था। 

फैसले से पहले आईपीएल चेयरमैन मोदी खुद इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका गए। जब ललित मोदी जोहान्सबर्ग में थे तो बात ये हुई कि साउथ अफ्रीकी सरकार ने भी हर मदद का वायदा कर दिया। दोनों देशों में एशियाई आबादी में कमी नहीं थी। इंग्लैंड में आईपीएल का लंदन मैराथन और कई टेस्ट के प्रोग्राम से टकराव था जबकि साउथ अफ्रीका में ऐसी कोई दिक्कत नहीं थी। उधर बीसीसीआई को ये भी लग रहा था कि आईपीएल को देश के बाहर ले जाने की इन ख़बरों से शायद भारत सरकार किसी तरह से मदद का रास्ता निकाल ले और आईपीएल भारत में ही खेल लें पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। इस बीच इंग्लैंड से खबर आई कि आईपीएल को इंग्लैंड में खेले तो भले ही खिलाड़ियों को उनकी पेमेंट के चैक भारत में दिए जाएं- इंग्लैंड में टैक्स लगेगा।साउथ अफ़्रीका ने फौरन कहा- वे ऐसा कोई टैक्स नहीं मांगेंगे। 

मार्च का महीना खत्म होने के करीब था और आईपीएल को 10 अप्रैल से शुरू करने का इरादा था पर अभी तक मेजबान भी तय नहीं था। अब नया सवाल उठा- जिसे भी इस समय मेजबान बना दें क्या वे आईपीएल के लगभग 1000 के काफिले को 10 दिन के अंदर वीजा दे पाएंगे? साउथ अफ्रीका वाले इसमें भी तेज निकले- दिन तो क्या घंटों में वीजा देने का वायदा कर दिया। उनका नजरिया बड़ा साफ़ था- वे आईपीएल के लिए ग्राउंड किराए पर दे रहे हैं। मौसम भी वहां उन महीनों में बेहतर रहता है। अभी तक मेजबान नहीं चुना था पर जोहान्सबर्ग के सबसे बड़े होटल, सैंडटन सन एंड टावर्स ने ये खबर लीक कर दी कि आईपीएल अधिकारियों ने दो महीने के लिए ढेरों कमरे रिजर्व करा लिए हैं और इस खबर पर ललित मोदी पर आरोप लगा कि जब वे तय ही कर चुके हैं कि आईपीएल को साउथ अफ्रीका में खेलना है तो बाकी सभी को 'धोखा' क्यों दे रहे हैं?

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25 मार्च 2009 को आखिरकार सस्पेंस खत्म हुआ और साउथ अफ्रीका को आईपीएल 2009 का मेजबान घोषित कर दिया और ये भी कि टूर्नामेंट अब 18 अप्रैल से शुरू होगा- 10 अप्रैल से नहीं। सभी मैच शाम 4 बजे और 8 बजे ताकि भारत में टेलीविजन दर्शकों के लिए प्राइम टाइम पर। ललित मोदी ने कहा- 'हम क्रिकेट साउथ अफ्रीका को पिछले कुछ दिनों में दिए सपोर्ट के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहते हैं, जिससे हमें इस फैसले पर पहुंचने में मदद मिली है।'

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