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टीम इंडिया के पूर्व गेंदबाज का दर्द छलका, कहा- मैंने जीवन भर रंगभेद का सामना किया है

क्रिकेट की दुनिया में रंगभेद का मुद्दा नया नहीं है। भारत के पूर्व लेग स्पिनर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन का कहना है, "देश में मैंने भी अपने जीवन भर इसका सामना किया।" भारत के लिए नौ टेस्ट और 16 वनडे मैच खेल

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 I have faced colour discrimination throughout my life says L Sivaramakrishnan
I have faced colour discrimination throughout my life says L Sivaramakrishnan (Image Source: IANS)
IANS News
By IANS News
Nov 28, 2021 • 07:15 PM

क्रिकेट की दुनिया में रंगभेद का मुद्दा नया नहीं है। भारत के पूर्व लेग स्पिनर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन का कहना है, "देश में मैंने भी अपने जीवन भर इसका सामना किया।" भारत के लिए नौ टेस्ट और 16 वनडे मैच खेल चुके शिवरामकृष्णन ने शनिवार को ट्विटर पर एक पोस्ट में प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कमेंटेटरों द्वारा ऑनलाइन ट्रोलिंग करने के बारे में बताया।

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November 28, 2021 • 07:15 PM

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "मैंने पूरी जिंदगी रंग को लेकर आलोचना का सामना किया, इसलिए यह अब मुझे परेशान नहीं करता है। दुर्भाग्य से यह हमारे अपने देश में होता है।"

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एक ट्विटर यूजर ने पोस्ट में शिवरामकृष्णन को टैग करते हुए लिखा, "ये आलोचनाएं उनको लेकर ठीक नहीं है, क्योंकि उनके जैसे लोग स्पिनरों को बढ़ावा देने की बात करते हैं। जब वह स्पिन की बारीक पहलू और तकनीक को बताते है तो युवा स्पिनर या कोचों के लिए फायदेमंद होता है।"

इससे पहले, भारतीय क्रिकेटर अभिनव मुकुंद ने सोशल मीडिया पर यह मुद्दा उठाया हैं। 2017 में मुकुंद ने एक पोस्ट किया, जिसमें बताया कि कैसे उन्होंने देश में रंगभेद का सामना किया था।

मुकुंद ने ट्विटर पर अपना बयान पोस्ट करते हुए कहा, "मैं 10 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहा हूं और मैं धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा हूं जहां भी मैं हूं। उच्चतम स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलना सम्मान की बात है।"

मुकुंद ने आगे बताया, "मैं आज सहानुभूति या ध्यान आकर्षित करने के लिए यह नहीं लिख रहा हूं, लेकिन इस मुद्दे पर लोगों की मानसिकता को बदलने का प्रयास कर रहा हूं। मैं 15 साल की उम्र से देश-दुनिया में यात्रा कर रहा हूं। मेरी छोटी उम्र से ही लोगों के लिए मेरा रंग रहस्य बना रहा।"

मुकुंद के अनुसार, "जो भी क्रिकेट का अनुसरण करता है वह इसे जरूर समझेगा। मैं धूप में कड़ी मेहनत करता था। मुझे एक बार भी इस बात पर कोई भी पछतावा नहीं हुआ है कि इस दौरान, मेरा रंग अलग हो गया और जैसा भी है मुझे पसंद है। मैं चेन्नई से आता हूं जो शायद देश के सबसे गर्म स्थानों में से एक है और मैंने खुशी-खुशी अपना अधिकांश जीवन क्रिकेट के मैदान में बिताया है।"

भारत के पूर्व तेज गेंदबाज डोड्डा गणेश ने भी मुकुंद का समर्थन किया, जिन्होंने रंगभेद के अपने अनुभव के बारे में भी कुछ राज खोले।

डोड्डा गणेश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, "मुकुंद की इस कहानी ने मुझे अपने खेल के दिनों में नस्लीय टिप्पणियों की याद दिला दी। केवल एक भारतीय लीजेंड इस बात के गवाह हैं, जिन्होंने मुझे भारत और कर्नाटक के लिए 100 से अधिक मैच खेलने की प्रेरणा दी।"

हालांकि, गणेश ने कहा कि वह 90 के दशक में नस्लवाद या रंगभेद को नहीं समझते थे। गणेश अब कामना करते हैं कि भविष्य में कोई भी भारतीय इस तरह की परिस्थितियों से न गुजरे।

उन्होंने आगे कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मुझे 90 के दशक में रंगभेद की गंभीरता का पता भी नहीं था और इसे व्यक्त करने के लिए भी कोई मंच नहीं था। उम्मीद है कि भविष्य में कोई भी भारतीय इस तरह के हालात से नहीं गुजरेगा।"

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यॉर्कशायर की ओर से खेलने वाले अजीम रफीक ने कथित तौर पर एलेक्स हेल्स और इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन पर नस्लीय आरोप लगाने के बाद क्रिकेट में नस्लीय या रंगभेद का मामला सामने आया है और रफीक के इस खुलासे के बाद हेल्स ने उनसे माफी मांग ली है।

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