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Cricket History - इंग्लैंड का पहला भारत दौरा 1932-33 और लाला अमरनाथ का यादगार शतक

साल 1932 में भारत को इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स के मैदान पर अपना पहला टेस्ट खेलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ लेकिन अब उन्हें अपनी सरजमीं पर इंग्लैंड का सामना करना था। 1933 में डॉग्लस जार्डेन की कप्तानी में इंग्लैंड की

Abhishek  Mukherjee
By Abhishek Mukherjee February 03, 2021 • 16:11 PM
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अमरनाथ ने दो घंटे के अंदर ही अपना शतक जमाया। यह भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में पहला शतक था। जैसे ही अमरनाथ ने शतक पूरा किया वैसे ही दो भारतीय दर्शक अमरनाथ को फूलों की माला पहनाने मैदान पर दौड़ पड़े। दर्शकों का जूनून परवान चढ़ने लगा और वो काबू से बाहर जाने लगे। भीड़ को अमरनाथ से दूर रखने के लिए मैदान पर पुलिस को बुलाना पड़ा।

इस मैच के दौरान मैदान पर संगीत और गानों के लिए एक म्यूजिक बैंड भी था और अमरनाथ ने जब शतक पूरा किया तो तब अंग्रेजों का नेशनल एंथम "God Save The King" बज रहा था। 

आउट होने के बाद जब अमरनाथ वापस पवेलियन लौट रहे थे तब मैदान पर मौजूद महिला दर्शकों ने उनके स्वागत में अपने गहनों को उनके ऊपर फेंकना शुरू किया। इस शानदार शतक के बाद कोल्हापुर और बड़ौदा के महराजाओं ने उनके लिए इनामी राशि की घोषणा की थी।

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यह मैच कई चीजों के लिए सुर्खियों में रहा। कई लोग अगले दिन पुणे से ट्रेन पकड़कर स्टेडियम की ओर अग्रसर होने लगे। पहले टेस्ट मैच में अमरनाथ का ऐतिहासिक शतक ही सबसे यादगार रहा। इसके अलावा विजय मर्चेंट ने अपने डेब्यू मैच में 30 रन बनाया जिसे लोगों ने खूब सराहा। अंग्रेजों को मैच में 9 विकेट की जीत मिली।

कलकत्ता में हुए दूसरे मैच में भारत ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और यह मैच ड्रॉ रहा। मद्रास में हुए तीसरे मैच में भारतीय टीम का प्रदर्शन एक बार फिर लचर साबित हुआ और इंग्लैंड ने मैच को 202 रनों से अपने नाम किया।

इसी के साथ 3 मैचों की इस टेस्ट सीरीज में मेहमानों ने 2-0 से बाजी मारी।

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