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धोनी इतिहास रचने से चूके, विजय हज़ारे ट्रॉफी से हुआ बाहर हुआ झारखंड

दिल्ली, 18 मार्च (CRICKETNMORE): ऊपरी क्रम की शानदार बल्लेबाजी और फिर प्रज्ञान ओझा की (71-5) की फिरकी के दम पर बंगाल ने शनिवार को विजय हजारे ट्रॉफी के दूसरे सेमीफाइनल मैच में झारखंड को 41 रनों से हराकर फाइनल में प्रवेश

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विजय हजारे ट्रॉफी
विजय हजारे ट्रॉफी ()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Mar 18, 2017 • 08:24 PM

दिल्ली, 18 मार्च (CRICKETNMORE): ऊपरी क्रम की शानदार बल्लेबाजी और फिर प्रज्ञान ओझा की (71-5) की फिरकी के दम पर बंगाल ने शनिवार को विजय हजारे ट्रॉफी के दूसरे सेमीफाइनल मैच में झारखंड को 41 रनों से हराकर फाइनल में प्रवेश कर लिया है। फिरोज शाह कोटला मैदान पर बंगाल ने बल्लेबाजी का आमंत्रण मिलने पर मैन ऑफ द मैच श्रीवत्स गोस्वामी (101), अभिमन्यु ईश्वरन (101) की शतकीय पारियों के बाद अंतिम ओवरों में कप्तान मनोज तिवारी के धुआंधार 49 गेंदों में 75 रनों के दम पर निर्धारित 50 ओवरों में चार विकेट खोकर 329 रन बनाए थे। झारखंड की टीम पूरे ओवर खेलने के बाद 288 रनों पर ऑल आउट हो गई। 

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
March 18, 2017 • 08:24 PM

झारखंड की तरफ से धौनी के अलावा ईशान जग्गी ने 59 और सौरव तिवारी ने 48 रनों का योगदान दिया। 

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बड़े स्कोर का पीछा करने उतरी झारखंड को अच्छी शुरुआत नहीं मिली और टीम ने 153 के कुल स्कोर तक प्रत्युष सिंह (11), विराट सिंह (24), कुमार देबब्रत (37) और सौरव के रूप में चार अहम विकेट खो दिए थे। 

यहां से धौनी ने युवा बल्लेबाज जग्गी के साथ पारी को संभाला और पांचवें विकेट के लिए 97 रनों की साझेदारी की। 62 गेंदों में चार छक्के और दो चौके मारने वाले धौनी ओझा की गेंद पर 250 के कुल स्कोर क्लीन बोल्ड हो गए। आठ रन बाद जग्गी भी पवेलियन लौट गए। 

यहां से झारखंड की जीत की उम्मीदें खत्म हो गई थी। बंगाल ने अंत में झारखंड के बल्लेबाजों को रन नहीं बनाने दिए और फाइनल का टिकट कटाया। ओझा ने शाहबाज नदीम (8) को मैच की अंतिम गेंद पर आउट कर झारखंड को ऑल आउट किया। 

इससे पहले टॉस हारकर बल्लेबाजी करने उतरी बंगाल की टीम को गोस्वामी और ईश्वरन ने मजबूत शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 198 रनों की विशाल साझेदारी की। दोनों बल्लेबाजों ने प्रति गेंद रन बनाने की रणनीति अपनाई और कामयाब भी रहे। 

ईश्वरन को शुरुआत में एक जीवनदान मिला जिसका उन्होंने भरपूर फायदा उठाया। बिना किसी जोखिम से इन दोनों बल्लेबाजों ने झारखंड को विकेट के लिए तरसाया। शतक पूरा करने के बाद गोस्वामी मोनू कुमार की गेंद को पुल करने के चक्कर में देबब्रत को कैच दे बैठे। गोस्वामी ने 99 गेंदों में 11 चौके और सिर्फ एक छक्का लगाया। 

उनके जाने के बाद ईश्वरन ने चौका मारकर अपना शतक पूरा किया लेकिन इसके बाद वह ज्यादा देर टिक नहीं पाए। मनोज और उनके बीच रन लेने को लेकर गलतफहमी हुई और प्रत्यूष ने उन्हें रन आउट करने में कोई गलती नहीं की। 

झारखंड की मुश्किलें इन दोनों के जाने के बाद कम नहीं हुईं। बंगाल के कप्तान ने तेजी से रन बटोरे। इसमें उन्हें अगनिव पन (17) और सुदीप चटर्जी (19) का अच्छा साथ मिला। अंत के 10 ओवरों में बंगाल ने तकरीबन 100 रन जोड़े। 

फाइनल में बंगाल का सामना सोमवार को इसी मैदान पर तमिलनाडु से होगा। PHOTOS: ऑफ द फील्ड जब मिलते हैं क्रिकेटर्स, ऐसा होता है अंदाज

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