बेंगलुरु, 19 अक्टूबर (CRICKETNMORE)| विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में शनिवार को एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में मुंबई का सामना दिल्ली से होगा। मुंबई की नजरें अपने तीसरे खिताब पर होंगी तो वहीं दिल्ली अपने दूसरे खिताब की तलाश में होगी। हैदराबाद को मात देकर फाइनल में आने वाली मुंबई ने 2003-2004 और 2006-2007 में यह खिताब जीता था। दिल्ली ने 2012-13 में खिताब पर कब्जा जमाया था। उसने झारखंड को रोचक मुकाबले में शिकस्त देकर फाइनल की राह तय की है।
2015-16 में दिल्ली की टीम फाइनल में पहुंची थी, लेकिन गुजरात से हार गई थी। मुंबई भी 2011-12 में उपविजेता रह चुकी है।
दोनों टीमों पर नजर डाली जाए तो मैच में मुंबई का पलड़ा भारी माना जा रहा है। इसका कारण उसकी मजबूत और गहरी बल्लेबाजी है। टीम में युवा पृथ्वी शॉ का बल्ला जमकर बोल रहा है। उन्होंने इस टूर्नामेंट के सिर्फ चार मैच खेले हैं और 348 रन बना डाले हैं। हाल ही में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण करने वाले इस युवा ने अपने बल्ले की चमक को विश्व भर में दिखाया है।